सूर्य देव मकर राशि में प्रवेश कर चुके हैं। अब प्रकाश और ऊर्जा का बढ़ना शुरू होगा।
मकर संक्रान्ति पर्व पूरे भारत में मनाया जाता है। उत्तर भारत में मकर संक्रान्ति, उत्तराखण्ड में इसे घुघुतिया भी कहा जाता है। उत्तरायणी मेला भी इस दिन से उत्तराखंड में शुरू होता है। उत्तर भारत में खिचड़ी इसका प्रचलित नाम है। पंजाब में लोहड़ी,तमिलनाडु में पोंगल, तो गुजरात में उत्तरायण, कई दक्षिणी राज्यों में संक्रांति आदि आदि नाम से यह मनाया जाता है।। यह अग्नि याने ऊर्जा अर्थात सूर्य के पूजन का पर्व है। अब सूर्य दक्षिण ध्रुव से उत्तर ध्रुव की ओर अग्रसर होना शुरू हो गए हैं। जो प्राणी मात्र के लिए आत्म कल्याण का कारक है। क्योंकि सूर्य के प्रकाश से ही वह ऊर्जा प्राप्त होती है जो प्रकृति में पेड़ पौधों से लेकर मानव मात्र तक प्राणों के संचार का कारक है।
Facebook Comments