नीरज सिसौदिया, जालंधर
महानगर की स्ट्रीट लाइटें महीनों से खराब पड़ी हैं लेकिन इन्हें ठीक कराने के प्रति निगम के अधिकारी बिल्कुल भी गंभीर नजर नहीं आ रहे हैं। इसके लिए चार करोड़ के टेंडर किए गए थे, इसके बाद भी ठेकेदार ने अब तक काम शुरू नहीं किया है। शहर में हजारों प्वाइंट्स खराब पड़े हैं जो महिला अपराधों को बढ़ावा देने में सहायक साबित हो सकते हैं। अभी तक तो लाकडाउन के कारण सब ठीक था लेकिन लाकडाउन में छूट मिलने के बाद रात को अपराधों में वृद्धि होती है तो इसका जिम्मेदार नगर निगम होगा।
इसे लेकर आज स्ट्रीट लाईट कमेटी जालंधर नगर निगम के मेम्बर्स की एक मीटिंग भी हुई। इसमें जालंधर शहर की स्ट्रीट लाइट की समस्या से छुटकारा पाने के लिए ठेकेदारों पर शिंकजा कसा गया। शहर की बदतर स्ट्रीट लाइट के हालत देखते हुए ठेकेदारों पर अहम सवाल उठ रहे हैं। आखिर ठेकेदार अपना काम ईमानदारी से क्यों नहीं कर रहे हैं या उनको ईमानदारी से काम नहीं करने दिया जाता। मीटिंग में पार्षद राजविन्दर सिंह राजा, पार्षद परवीन मनु, पार्षद बबीता वर्मा, शैली खन्ना व मनोज मनु सीनियर नेता कांग्रेस, एडवोकेट संदीप कुमार वर्मा वाइस प्रेसीडेंट लीगल सेल कांग्रेस जालंधर भी उपस्थित थे। उन्होंने जालंधर के सभी पार्षद की मांग को देखते हुए यह फैसला लिया है कि अब हर वार्ड के पार्षद से मंथली वार्ड स्ट्रीट लाईट संबंधी सर्टिफ़िकेट लिया जाएगा। अगर कोई भी पार्षद अपने वार्ड में ठेकेदार से लाइट के काम हेतु संतुष्ट है या नहीं है वो अपने लैटर हेड पर लिखित में दे। अगर कोई भी पार्षद संतुष्ट नहीं होगा तो उस ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी।।इसके इलावा पार्षद इनके खिलाफ नगर निगम के काम्प्लैंट नम्बर पर फ़ोन भी कर सकते है और अपनी काम्प्लैंट दर्ज करवा सकते है जो नगर निगम मैं काम्प्लैंट दर्ज होगी उनका वेरवा कमेटी मेम्बर्स खुद लेंगे व ठेकेदार के खिलाफ जो जुर्माना होगा उसे लगाएया जायेगा व ठेकेदार से पूरा जुर्माना वसूल किया जायेगा और जुर्माने मैं किसी भी ठेकेदार को माफी नही दी जायेगी।।और सभी पार्षद की एक मंथली रिपोर्ट त्यार की जायेगी व उस रिपोर्ट को मंत्री साब को भी भेजा जाएगा। क्योंकि जालंधर में सभी पार्षद के वार्ड में सारा काम ठप हो चुका है व सभी पार्षद के वार्ड मैं 200 से 300 प्वाइंट स्ट्रीट लाइट के बन्द है। सबसे ज्यादा माईक खोसला के वार्ड का बुरा हाल है जिनके कम से कम 400 प्वाइंट स्ट्रीट लाइट बन्द हैं व जब इनकी कंप्लेंट नगर निगम के मुख्य ऑफिसर साहिबान से की गई तो उन्होंने किसी भी पार्षद का फोन नहीं उठाया गया। मगर पार्षद राजविंदर राजा ने जालंधर नगर निगम के कमिश्नर दीपर्व लाकड़ा से भी इस संबंध में बात की मगर कमिश्नर साहब से भी तसल्ली के अलावा कुछ नहीं मिला।