झारखण्ड

गरीब की बेटी के शादी में पहुंच गई पुलिस, जानिए फिर क्या किया 

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बोकारो थर्मल। रामचंद्र कुमार अंजाना
बेरमो अनुमंडल के उग्रवाद प्रभावित ऊपरघाट के कंजकिरो पंचायत के टैहरवासीरी निवासी तारा महतो व सारो देवी की बेटी रेखा कुमारी की शादी में पेंक-नारायणपुर थाना की पुलिस शरीक हुए। शादी में शामिल हुए पुलिस को गांव वालों ने काफी सराहना किए। एक वक्त था ऐसा था कि पुलिस को देखकर गांववालें भाग जाते थे, लेकिन रविवार को यहां की नजारा देखकर किसी को यकीन नहीं हो रहा था। रेखा कुमारी के शादी के हर वो रस्म थाना प्रभारी अरूण कुमार शर्मा व अन्य पुलिसकर्मियों ने बड़ी सिद्दत से यदा किए। शादी का सामान पुलिस ने भेंट किया तो दुल्हन बनी रेखा व उसके मां सारो देवी व पिता तारो महतो सहित अन्य परिवार के लोगों की आंखे भर आयी। एक तरफ जहां आए दिन खाकी के कुछ कामों से पुलिस की छवि पर उगुंली उठाते है तो वहीं इसी खाकी को पहनने वाले ऐसे चेहरे भी हैं जो अपने मानवता भरे कामों से खाकी का सिर ऊंचा करते है।
तारा महतो व उनकी पत्नि सारो देवी किसानी काम के साथ-साथ दिहाड़ी मजदूर है। इनके चार बेटी और एक बेटा है। कोरोना को लेकर रिश्तेदार भी कम ही आए थे। वर पक्ष के तरफ से पेटरवार के ओरदाना से दूल्हा समेत 14 बाराती ही आए थे। थाना प्रभारी अरूण कुमार शर्मा ने कहा कि सूचना मिली थी कि गरीब की बेटी की शादी है। शादी के लिए तारा महतो थाना और प्रखंड से परमीन भी लिए थे। गरीब के बेटी की शादी शरीक होकर गांव में एक पुलिस की प्रति अच्छा संदेश भी गया। कहते थे कि यहां पुलिस पहले किसी खास मकसद से ही आते थे, लेकिन इस बार बेटी की शादी में बतौर मेहमान पहुंचे है। गांव वालों ने भी पुलिस को पूरी सिद्दत से मेहमानवाजी निभाया।

टैहरासीरी हमेशा सुर्खियों में रहाः पुलिसिया कार्रवाई के लिए टैहरासीरी हमेशा सुर्खियों में रहा है। इस गांव में माओवादी सब जोनल कंमाडर जीतू महतो उर्फ शंकर दा का घर रहने के कारण पुलिस का यहां हर दिन आना होता था। 2006 में गिरीडीह में एक पुलिस मुठभेड़ में जीतू महतो उर्फ शंकर दा मौत होने के बाद गांव में पुलिस का आना-जाना थम गयी है।
फोटो-ऊपरघाट के कंजकिरो पंचायत के टैहरवासीरी में दूल्हा-दूल्हन को आर्शिवचन करती महिला।

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