झारखण्ड

शराब के अवैध धंधे पर अंकुश लगा पाने में उत्पाद विभाग नाकाम व कमजोर पड़ती पुलिस

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बोकारो थर्मल। रामचंद्र कुमार अंंजाना
ऊपरघाट का दो पहलू है, एक उग्रवाद और दूसरा अवैध शराब का धंधा। यहां पर अवैध शराब अंग्रेजी हो या महुआ इन दोनों धंधे के धंधेबाजों का सिडिकेंट बहुत बड़ा है। अब तक की पुलिसिया कार्रवाई महज एक फिल्मी स्टंट साबित हुई। शराब के इस अवैध धंधे पर अंकुश लगा पाने में उत्पाद विभाग और पुलिस कमजोर पड़ती दिख रहीं है। यहां छापेमारी का असर धंधेबाजों को सुई भर नहीं असर पड़ती है। पुलिसिया कार्रवाई के बाद मामला दर्ज जरूर किया जाता है, लेकिन धंधेबाजों की गिरफ्तारी शुन्य रहती है। पेंक-नारायणपुर थाना के पूर्व थाना प्रभारी रूपेश कुमार दूबे, रंजीत कुमार, कार्तिक कुमार महतो, धुम्मा किस्कू, संदीप कुजूर ने भी अवैध शराब को लेकर ऊपरघाट में कड़े तेवर अख्तियार कर रखें थे, बावजूद बुडगड्ढा, हरलाडीह, बरई, पिलपिलो में सालों भर महुआ शराब की दर्जनों मिनी फैक्ट्री संचालित होती रहीं। हर कार्रवाई के कुछ घंटों बाद धंधेबाज सक्रिय हो जाते है और शराब बनाने का काम शुरू हो जाता है। अवैध शराब और जुआ संचालन को लेकर राज्य के डीजीपी एमवी राव के कड़े निर्देश के बाद बेरमो अनुमंडल की पुलिस भी पूरे जोश में है। बोकारो थर्मल, गोमिया, बेरमो के बाद ऊपरघाट में छापामारी किया गया, जहां बडे़ पैमाने पर जावा महुआ, शराब, उपकरण नष्ट किया गया है। अब इंतजार है महुआ शराब का मायके कहे जाने वाली गांव बरई में कब पुलिस का कदम चुमेगी, यह बताने की जरूरत नहीं है। बुडगड्ढा की कार्रवाई से शराब के धंधेबाजों में थोड़ी सी घबराहट तो हुई है। धंधेबाज इस बात को पता लगा रहें है कि यह कार्रवाई किस स्तर हुई है। सब कुछ तो सामान्य था।
बुडगड्ढा कार्रवाई की पठकथा खुफिया विभाग ने लिखी थी: बुधवार को बुडगड्ढा में पुलिसिया कार्रवाई की पठकथा खुफिया विभाग ने लिखी थी। यहां पर धंधेबाजों के द्वारा सालों जंगल में महुआ शराब बनाने की सूचना मुख्यालय को दी थी। सूचना के आलोक में पेंक-नारायणपुर पुलिस ने एक टीम गठन कर बड़ी कार्रवाई की। पुलिस को छापामारी के पहले विश्वास नहीं था कि यहां पर इतना बड़े पैमाने से धंधा की जा रहीं है। जमीन के अंदर महुआ को सड़ाने के लिए बंकरनुमा बनाकर टैंक बनाया गया था। पानी की व्यवस्था के लिए पंप और कुआं भी बनाया गया था। यहां ऐसी व्यवस्था थी कि वहां पुलिस का पहुंचना नामुकिन था। अब वहां पुलिस पहुंच गयी है, तो धंधेबाजों के शरीर में सिंहरन दौंड़ गयी है।
मोबाइल नेटर्वक से होती है सप्लाई: सूत्रों का कहना है कि महुआ शराब की सप्लाई मोबाइल नेटर्वक से होती है। कोयलांचल सहित बिष्णुगढ़ के बाजारों में सप्लाई की जाती है। 60 से 100 रूपए में 900 एमएल की ब्रिकी जाती है। कहा जाता है कि महुआ से दो तरह की शराब बनायी जाती है। एक का नाम सुचा (फुली) और दूसरा मिनरल। सुचा 100 रूपए 900 एमएल और मिनरल 60 रूपए।
फोटो-बुडगड्ढा जंगल में बंकरनुमा टैंक में जमा जावा महुआ।

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