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अमरनाथ यात्रा पर आतंकी खतरा, जानें क्या है कश्मीर में आतंक का ‘कोड 130’…

कश्मीर मे आतंक के खिलाफ सेना के ऑपरेशन से बौखलाए आतंकी अमरनाथ यात्रा (Amarnath Yatra) को निशाना बना सकते हैं. आतंकी कश्मीर में हाइवे नंबर-44 पर अमरनाथ यात्रा पर हमले की साजिश कर सकते हैं. हालांकि, आतंकियों की ये नापाक साजिश कभी कामयाब नहीं होगी क्योंकि सेना और सुरक्षाबल अलर्ट पर हैं. बाबा बर्फानी के भक्त 21 जुलाई से पूरे जोश के साथ पवित्र गुफा के दर्शन करेंगे.

जब शिव का त्रिनेत्र खुलता है तो विध्वंस होता है, ठीक वैसे ही कश्मीर में सेना के त्रिनेत्र से आतंक का अंत हो रहा है. सेना के ऑपरेशन ऑलआउट और एक्शन से आतंकियों में भगदड़ भी है और बौखलाहट भी. आतंकी शिवभक्तों को बाल भी बांका नहीं कर पाएंगे. 21 जुलाई से शुरू हो रही है इस बार यात्रा 21 जुलाई से 03 अगस्त तक होगी. इस समय दक्षिण कश्मीर में करीब 100 आतंकी सक्रिय हैं. 30 पाकिस्तानी आतंकी हमले की फिराक में हैं. दक्षिण कश्मीर में सेना ने आतंकियों के खिलाफ बड़ा अभियान चलाया हुआ है. 2019 में भी आतंकियों ने अमरनाथ यात्रा पर हमले की साजिश की थी.

रोजाना 500 तीर्थयात्री ही कर सकेंगे पवित्र गुफा के दर्शन
कोरोना काल की वजह से रोजाना 500 तीर्थयात्रियों को ही भगवान शिव की पवित्र गुफा में दर्शन की इजाजत होगी. 55 साल से कम उम्र के लोग ही यात्रा कर सकेंगे. यात्रा के दौरान कोरोना से जुड़ी सभी जरूरी गाइडलाइंस का पालन सुनिश्चित किया जाएगा.

अमरनाथ यात्रा शुरू होने से चार दिन पहले पहले दक्षिण कश्मीर के कुलगाम सेना ने तीन आतंकियों को मारा गिराया. सेना के एक अधिकारी ने जोर देते हुए कहा कि वार्षिक यात्रा को निर्बाध सुनिश्चित करने के लिए पूरी व्यवस्था की गई है एवं संसाधन लगाए गए हैं. अधिकारी ने कहा कि शुक्रवार की मुठभेड़ में जैश-ए-मोहम्मद के एक स्वयंभू कमांडर सहित तीन आतंकवादियों का मारा जाना एक मुंहतोड़ जवाब है. यह 21 जुलाई को यात्रा शुरू होने से महज चार दिन पहले हुआ.

टू सेक्टर के कमांडर, ब्रिगेडियर विवेक सिंह ठाकुर ने दक्षिण कश्मीर में प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “इस बारे में खुफिया सूचना है कि आतंकवादी यात्रा को निशाना बनाने की अपनी पूरी कोशिश करेंगे, लेकिन इसके निर्बाध एवं शांतिपूवर्क संपन्न होने की व्यवस्था की गई है तथा संसाधन लगाये गए हैं.”

उन्होंने कहा, “हम अमरनाथ यात्रा बगैर किसी विघ्न के शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न कराने के लिए प्रतिबद्ध हैं और सुरक्षा स्थिति नियंत्रण में बनी रहेगी. ‘ ब्रिगेडियर ठाकुर ने कहा कि राष्ट्रीय राजमार्ग 44 के एक हिस्से का उपयोग यात्री करेंगे, जो संदेनशनील बना रहेगा. उन्होंने कहा, “यह हिस्सा थोड़ा संवेदनशील है. यात्री सोनमर्ग (गंदेरबल) तक जाने के लिये इस रास्ते का उपयोग करेंगे और यह (बलटाल) एकमात्र मार्ग है, जो अमरनाथ गुफा जाने के लिए चालू रहेगा.”

अमरनाथ यात्रा से ठीक पहले जैश का पाकिस्तानी आतंकी वालिद भी मारा गया जो IED एक्सपर्ट था. करीब डेढ़ साल से श्रीनगर में एक्टिव था और मोस्ट वांटेड आतंकियों की लिस्ट में था. फौजी भाई के मरने के बाद 2 IED एक्सपर्ट में से एक लंबू भाई जिंदा है. नार्थ कश्मीर में लश्कर ए तैयबा का हैदर या सज्जाद टॉप टारगेट है. अभी 10 टॉप टारगेट बचे है. नार्थ कश्मीर में एरिया वेस्ट है. कैंपस दूर-दूर हैं और आतंकियों को सुविधा होती है.

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