दिल्ली

गुरुद्वारों का आटा बेचते थे परमजीत सरना और मनजीत सिंह जीके, कालका ने पेश किए सबूत, पढ़ें क्या हैं सबूत?

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नीरज सिसौदिया, नई दिल्ली

शिरोमणि अकाली दल की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष और दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के महासचिव हरमीत सिंह कालका ने आज कमेटी के पूर्व अध्यक्ष परमजीत सिंह सरना और जागो पार्टी के अध्यक्ष मनजीत सिंह ज.के के कमेटी अध्यक्ष के कार्यकाल के दौरान आटा बेचने के वाउचर व अन्य दस्तावेज़ मीडिया के सामने पेश कर झूठ को बेनकाब कर दिया।
यहां एक प्रैस कान्फ्रेंस को संबोधित करते हुए स. कालका ने जी.के व सरना के झूठ को बेनकाब करते हुए बताया कि कैसे सरना के अध्यक्ष कार्यकाल के समय 2009 से 2011 तक अलग-अलग फर्मों को आटा बेचा गया। उन्होंने बताया कि सरना के समय लिस्टें बना कर वाउचर डाल कर आटा बेचा गया। एक ही निविदा को 26 टन, रमेश जिंदल के नाम पर 68 टन 720 किलो, मदन लाल सेठी को 10 टन और संजय खालड़ा को 8 टन आटा बेचा गया। उन्होंने बताया कि सरना के समय सिर्फ आटा ही नहीं बल्कि कमेटी के बर्तन भी बेचे गये।
स. कालका ने बताया कि इसी तरीके से मनजीत सिंह जी.के कार्यकाल के दौरान अमरजीत सिंह पिंकी और भूपिंदर सिंह की मौजूदगी वाली कमेटी बनाई गई जिसने आटा बेचने के बारे में फैसले किए और यह आदेश स्वंय जी.के ने जारी किए। उन्होंने कहा कि मौजूदा कमेटी ने पहले की परंपरा अनुसार आटा बेचा और सारा काम पूर्ण पारदर्शिता के साथ किया व इस मामले में स.रविंदर सिंह खुराणा की अगुवाई में तीन सदस्यीय कमेटी गठित की गई थी जिसने इस सबंध में पिछली रिवायतों को देखते हुए फैसला लिया। उन्होंने यह भी बताया कि मनजीत सिंह जी.के ने अध्यक्ष बनते ही स. बलदेव सिंह तत्कालीन इंचार्ज स्टोर को निलंबित भी किया था उसके खिलाफ जांच कमेटी भी बैठाई थी पर अदालत ने उसके हक में फैसला दिया व जी. के को उसे बहाल करना पड़ा।
अकाली नेता ने कहा कि परमजीत सिंह सरना, हरविंदर सिंह सरना और मनजीत सिंह जी.के का एक ही एजेंडा है दिल्ली गुरुद्वारा कमेटी को बदनाम करना और इसके लिए उन्होंने गुरुद्वारा बंगला साहिब पर भी शाब्दिक हमले बोले हैं उनहोंने बताया कि लाकडाउन के दौरान भी इन नेताओं द्वारा लंगर प्रथा और लंगर आन व्हीलस सहित हर फैसले की आलोचना की गई क्योंकि इनका एकमात्र एजेंडा कमेटी को बदनाम करना है। उन्होंने कहा कि यह बहुत ही शर्मनाक बात है कि यह नेता ऐसी तुच्छ हरकतों पर उतर आए हैं। बजाये इसके कि अपने पर चल रहे केसों और गोलक चोरी के मामले में सफाई देने के इनके द्वारा इस किस्म की ओच्छी बयानबाज़ी की जा रही है।
स. कालका ने यह भी कहा कि जो पत्रकार बगैर किसी पक्षपात के अपना कार्य करते हैं उनका हम पूरी तरह से सम्मान और आदर करते हैं पर एक निश्चित लक्ष्य व मत बना कर कौम की संस्थाओं को बदनाम करने का एक आलोचनात्मक एजेंडा अपनाने वालों के प्रति हमारा रवैया पहले वाला ही है।

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