झारखण्ड

झारखंड के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने 11 वीं में कराया नामांकन

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बोकारो थर्मल। रामचंद्र कुमार अंजाना 
हमेशा ही समाचारों की सुर्खियों में रहने वाले झामुमो विधायक जगरनाथ महतो शिक्षा मंत्री के रूप में फिर एक बार चर्चे में हैं। मैट्रिक परीक्षा पास करने के 25 साल बाद शिक्षा मंत्री ने अपने ही गृह क्षेत्र बेरमो अनुमंडल के नावाडीह अंचल अंतर्गत देवी महतो इंटर कॉलेज में 10अगस्त को 11 वीं कक्षा में दाखिला ‌लिया।
झारखंड के शिक्षा मंत्री के रूप में राज्य की शिक्षा व्यवस्था दुरुस्त करने के साथ-साथ अब पढ़ाई भी करेंगे । एडमिशन करवाने के बाद श्री महतो ने कहा कि अब वह उच्च शिक्षा हासिल करेंगे । इसलिए आर्ट्स संकाय में एडमिशन करवाया है. कॉलेज के कार्यालय कक्ष में जाकर मंत्री श्री महतो ने नामांकन फॉर्म का शुल्क स्वंय जमा किया । इसके बाद एडमिशन फॉर्म को भरा और 1100 (एक हजार एक सौ रुपये मात्र) रुपये एडमिशन-फी के साथ उसे जमा करवाया । कॉलेज के प्राचार्य दिनेश प्रसाद वर्णवाल ने शिक्षा मंत्री का नामांकन लिया. नामांकन के बाद श्री महतो ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि वह सारा काम देखते हुए सब कुछ करेंगे. कहा, ‘क्लास भी करेंगे और मंत्रालय भी संभालेंगे. घर में किसानी का काम भी करेंगे, ताकि मेरे काम को देखकर अन्य लोग भी प्रेरित हों.’

जगरनाथ महतो ने कहा कि शिक्षा ग्रहण करने की कोई उम्र सीमा नहीं होती. अन्य नौकरियों में रहते हुए लोग आईएएस, आईपीएस की तैयारी करते हैं और सफल भी होते हैं. मंत्री बनने के बाद मेरी शिक्षा को लेकर कुछ लोगों की बातें दिल में बहुत जोर से लगी थी कि 10 वीं पास को शिक्षा मंत्री बनाया गया है। शिक्षा मंत्री ने कहा कि उनके अंदर कुछ करने का जज्बा है । विधिवत पढ़ाई करके इंटर की परीक्षा पास करेंगे, वही आलोचकों को उनका जवाब होगा। मंत्री ने कहा कि पूरे राज्य में 4,416 लीडर स्कूल खुलेंगे, जिसमें बेहतर से बेहतर सुविधाएं बच्चों को मिलेंगी। इसके फाइल पर उन्होंने आज ही साइन किया है.

मालूम हो कि शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने वर्ष 1995 में चंद्रपुरा प्रखंड के नेहरू उच्च विद्यालय तेलो से मैट्रिक की परीक्षा द्वितीय श्रेणी में पास की थी। मालूम हो कि देवी महतो महाविद्यालय की स्थापना मंत्री के सहयोग से ही हुआ है।अपने द्वारा स्थापित महाविद्यालय में अब वे स्वयं शिक्षा ग्रहण करेंगे। शिक्षा मंत्री ने एडमिशन के लिए घर से रवाना होने से पहले कहा कि जिस दिन वह झारखंड के शिक्षा मंत्री बने थे, उसी दिन सोच लिया था कि अब आगे की पढ़ाई करेंगे । उनके मंत्री बनने के बाद लोगों ने कहा था कि दसवीं पास विधायक को शिक्षा मंत्री बनाया गया है। यहां बताना प्रासंगिक होगा कि पश्चिमी सिंहभूम जिला के चक्रधरपुर विधानसभा क्षेत्र के विधायक रहे सुखराम उरांव ने विधानसभा का सदस्य चुने जाने के बाद एक बार फिर से पढ़ाई शुरू की थी और स्नातक की डिग्री हासिल की थी. सुखराम उरांव इस वक्त सुदेश महतो की पार्टी ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन (आजसू) पार्टी में हैं.

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