बोकारो थर्मल। कुमार अभिनंदन
नावाडीह प्रखंड के उग्रवाद प्रभावित ऊपरघाट स्थित कंजकिरो में मां काली पूजा के अवसर पर आयोजित छऊ नृत्य के कलाकारों ने दर्शकों को मंत्र-मुग्ध कर दिया। कलाकारों ने अपनी प्रस्तुति के दौरान दर्शकों को पूरी तरह से बांधे रखा। छाऊ नृत्य के दौरान मौजूद लोग मंच पर कलाकारों के नृत्य करतब और उनके पद चपलता को टकटकी लगाए देखते रहे। छाऊ नृत्य दल के कलाकारों की साज-सज्जा उनके परिधान, मुखौटे लोगों के लिए आकर्षण बने रहे। प्रस्तुति को देखकर लग रहा था कि मानों कलाकरों की रामायण, महाभारत काल से लेकर पौराणिक काल की कथाएं मंच पर जीवंत हो गई हों। जिसे दर्शकों ने खूब सराहा और कार्यक्रम की प्रस्तुति के दौरान तालियां बजाकर उनका उत्साहवर्धन किया। ऐसा कहा जाता है कि इस क्षेत्र में पहली बार छऊ नृत्य के आने से रात भर दर्जनों गांव के लोगों ने रात भर नृत्य का आनंद उठाया। कलाकारों द्वारा प्रस्तुत छाऊ नृत्य ने लोगों को मंत्र मुग्ध कर दिया। कलाकारों ने अपनी प्रस्तुति के दौरान दर्शकों को पूरी तरह से बांधे रखा। छाऊ अपनी ओजस्विता और शक्ति की परिपूर्णता के लिए विशेष रूप से प्रसिद्ध है। जिसमें नर्तकों द्वारा मार्शल आर्ट्स का बखूबी इस्तेमाल करते हुए अपने शरीर में विविध तरह की मुद्राओं और भाव-भंगिमाओं से दर्शकों को सम्मोहित करने में सफल रहा। बंगाल-सिल्ली से आए छऊ नृत्य कलाकारों के द्वारा नारी सशक्तिकरण को लेकर महिषासुर वध प्रसंग को दिखलाया। इसमें मां दुर्गा ने अपनी वाहिनी बाघ के माध्यम से महिषासुर का वध किया। शिव तांडव का बेहतरीन प्रस्तुति दी। इससे पूर्व जिप सदस्य टिकैत कुमार महतो, आजसू नेता संतोष कुमार महतो, मुखिया योगेंद्र कुमार रंजन, पूर्व मुखिया उदय अग्रवाल व समाजसेवी खिरोधर महतो ने संयुक्त रूप से छऊ नृत्य का आगाज किया।
इस आयोजन को सफल बनाने में बनाने में पूजा कमेटि के खिरोधर महतो, प्यारेलाल महतो, लालमैन महतो, लालमोहन तुरी, गंगाराम महतो, अमृत महतो, सुनील महतो, गौतम महतो, सजंय अग्रवाल, कृष्णा महतो, जीवन कुमार, रामकुमार मरांडी, जितेंद्र महतो, महेंद्र महतो, उमेश महतो, लोकनाथ कुमार, बाल्मीकि प्रजापति, शैलेश कुमार उर्फ बाबू, कन्हैया तुरी, अर्जुन यादव, बबन तुरी, गणेश तुरी आदि का सराहनीय योगदान रहा।