झारखण्ड

झारखंड के अमन गांव में अब तक नहीं पहुंचा चार पहिया वाहन, नहीं हाेती है बेटियों की शादी 

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बोकारो थर्मल, रामचंद्र कुमार ‘अंजाना’
गोमिया विधानसभा तीनों प्रखंडो (गोमिया, पेटरवार व कसमार) में गोमिया प्रखण्ड 36 पंचायतों के साथ शीर्ष स्थान पर है जिसमे अधिकांश पंचायत अति उग्रवाद प्रभावित और उग्रवाद प्रभावित हैं जिनके विकास के लिए झुमरा एक्शन प्लान 2013-14 में जिला प्रशासन की ओंर से चलाया जा रहा है पर इस विकास का लाभ गरीबों को नहीं मिल रहा है इसका असर उन क्षेत्रों के विकास पर भी पड़ा, जो 2018 में धीमा पड़ा हुआ है। जिसके कारण सामाजिक चुनौतियां और बेरोजगारी लगातार बढ़ रही है। झुमरा एक्शन प्लान लागु होते हीं सुधारों की उम्मीद बढ़ने लगी थी कि ग्रामीणों के आर्थिक हालात सुधरेंगे, लेकिन रोजगारपरक शिक्षा और बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं पर ध्यान न देने की वजह से गरीबी, कुपोषण, और अशिक्षा जैसी समस्याएं जस की तस (स्थिर) हैं जो क्षेत्र के विकास को प्रभावित कर रहा है। एक्शन प्लान के शुरुआत में क्षेत्र ने विकास की रफ्तार तो ली परन्तु लगभग आबादी अभी भी मुलभुत सुविधाओं से वंचित होकर वनवासियों सा जीवन बसर कर रहे हैं।

विकास की रणनीति
विकास के दृष्टिकोण से क्षेत्र में 2017 अंतिम माह में जारी आंकड़ों पर गौर करें तो यहां मनरेगा पर 5.25 करोड़ रुपए दिए गए थे जिस पर 2.66 करोड़ रुपए खर्च किया गया। ग्रामीण कार्य विभाग को 36 करोड़ रुपए दिए गए थे जिस पर कुल कितना खर्च हुआ इसका आंकड़ा अभी तक प्रशासन के पास उपलब्ध नहीं है। यही हाल लघु सिंचाई विभाग का है इसे 9.81 करोड़ रुपए खर्च करना था लेकिन खर्च का ब्योरा उपलब्ध नहीं है। इसी तरह से लघु जलापूर्ति योजना के तहत एक 11.23 करोड़ों रुपए खर्च करने थे लेकिन खर्च की राशि का कोई व्यवस्था उपलब्ध नहीं है। वहीं ग्रामीण विद्युतीकरण के तहत 11.09 करोड़ रुपए खर्च करने थे लेकिन यहां भी बताया गया है कि कार्य संचालित है पर खर्च की राशि उपलब्ध नहीं कराई गई है। इसी तरह पर्यटन विभाग द्वारा 4.74 करोड़ रुपए खर्च करने का प्रावधान है पर विभाग द्वारा 1.52 करोड़ रुपए खर्च करने का दावा किया है। गव्य विकास निगम को ग्रामीणों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए 2.69 करोड़ रुपए उपलब्ध कराए गए थे जिसमें की 1.52 करोड़ रुपए खर्च करने का दावा किया गया है। सौर ऊर्जा के लिए 21.60 लाख रुपए खर्च करने को दिया गया था अब यह कहा जा रहा है कि योजना चल रही है इसी तरह से कृषि विभाग को 13.20 लाख रुपए दिए गए पर उपलब्धि शून्य है, मत्सय विभाग को 72 लाख रुपए खर्च करने को दिया गया था खर्च 9.25 लाख रुपए खर्च करने की बात कही जा रही है। स्वास्थ्य विभाग को 19 लाख रुपए दिए गए थे जिसमें 8 लाख रुपए खर्च करने का दावा किया जा रहा है। वहीं शिक्षा विभाग को 30 लाख रुपए खर्च करने के लिए दिए गए थे लेकिन उपलब्धि शून्य बताई जा रही है। इस संदर्भ में पूर्व विधायक योगेंद्र प्रसाद ने कहा है कि सरकार की राजनीतिक इच्छा शक्ति के अभाव और विभागीय भ्रष्टाचार की वजह से ग्रामीण स्तरीय मूल सुविधाओं को बढ़ावा नहीं मिला है।

क्षेत्र के वर्तमान में विकास के लिए जिस कौशल विकास योजना का ढिंढोरा पिटा जा रहा था प्रशिक्षित करने की हालत में नहीं हैं। क्षेत्र में कृषि उत्पादन बढ़ाने और स्वरोजगार पैदा करने के लिए शिक्षित युवकों और महिलाओं के रोजगारपरक प्रशिक्षण की योजना जरूरी है। उन्होंने कहा कि विकास योजना का प्रारूप ऐसी होनी चाहिए कि वह ग्रामीण महिलाओं और बेरोजगार युवकों की आय बढ़ाये।

बड़ा कारण भ्रष्टाचार
भ्रष्टाचार एक बड़ी समस्या बनी हुई है। बीते वर्षों में भ्रष्टाचार की स्थिति और बिगड़ी है। विभागों में आपसी समन्वय की कमी और भ्रष्टाचार से विकास का अर्थव्यवस्था पर बहुत ही बुरा असर पड़ा है जिस पर कुछ पंचायत प्रतिनिधि ही इस पर अब खुलेआम अपनी चिंताएं जतानी शुरू कर दी हैं।

स्वरोजगार और अशिक्षा की कमी के कारण पलायन
उक्त सभी 14 उग्रवाद प्रभावित पंचायतों में उच्च, तकनीकी शिक्षा के आभाव के कारण और जिला प्रशासन द्वारा नए रोजगार पैदा करने और गरीबी को रोकने में विफलता की वजह से क्षेत्र से युवाओं का महानगरों, अन्यत्र प्रदेशों और विदेशों की ओर लगातार पलायन हो रहा है तथा पलायन के दौरान मौतों का दंश भुक्तभोगी परिवारों का झेलना भी लगातार जारी है बावजूद इसके युवा पलायनवादी बने हुए है। कारण साफ है उनके समक्ष कोई विकल्प नहीं है।

बेटियों के विवाह न रुकें इसके लिए श्रमदान कर खुद सड़क बना रहे हैं झुमरा पहाड़ के अमन गांव के ग्रामीण
प्रखंड के अति उग्रवाद प्रभावित चुट्टे पंचायत के अमन गांव में सड़क नहीं होने के कारण यहां के ग्रामीण 19 जून मंगलवार से खुद श्रमदान कर सड़क निर्माण करने में जुट गए। इसका मुख्य कारण है कि उक्त अमन गांव झुमरा पहाड़ के पूर्वी भाग में स्थित एकमात्र ऐसा गांव है जहां पहुंचने के लिए ग्रामीण अब भी घोड़े से अपने सामान लेकर पहुंचते हैं। लेकिन इस गांव और गांववालों की अकथनीय पीड़ा यह है कि आजादी के 70 वर्ष गुजर जाने के बाद भी अमन गांव तक कोई चारपहिया वाहन नहीं पहुंच पाया है और यहां के जानकी महतो की पुत्री सुमित्रा कुमारी, 4 जुलाई को कोलेश्वर महतो की पुत्री ममता कुमारी एवं डीलचंद महतो की पुत्री अनिता कुमारी का विवाह होना है। अमन गांव में सड़क नहीं रहने के कारण यहां कोई भी वाहन नहीं पहुंच पाता है ऐसी स्थिति में लड़का (वर) पक्ष ने वहां से विवाह करने से साफ इंकार कर दिया है जिसके कारण अमन गांव के खीरो महतो, कोलेश्वर महतो, ज्ञानचंद महतो, मानकी महतो, राजू महतो, महेंद्र महतो, वीरेंद्र महतो, जानकी महतो, कारू महतो, विशेश्वर महतो, लक्ष्मण महतो सहित अन्य ग्रामीण खुद श्रमदान कर सड़क का निर्माण कर रहे हैं। ताकि उक्त तिथियों पे तय विवाह में कम से कम दो पहिया वाहन यहां तक पहुंच सके। ऐसी स्थिति में राज्य सरकार और जिला प्रशासन का यह दावा कि झुमरा एक्शन प्लान के तहत सभी तरह की विकास योजनाएं चलाई जा रही हैं हास्यास्पद लगता है। नक्सल प्रभावित क्षेत्र होने के कारण और झुमरा एक्शन प्लान अंतर्गत अमन गांव जो विकास से उपेक्षित है यहां लगभग 30 घर और यहां 200 की आबादी है जो झुमरा एक्शन प्लान को मुंह चिढ़ा रही है।

ग्रामीण महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ना मकसद
यदि क्षेत्र में महिलाओं की आर्थिक दशा जिला और प्रखंड प्रशासन की ओंर से स्वरोजगार से जोड़ने व हुनरमंद बनाने का काम करती है तो उनकी मुश्किलें कुछ हद तक कम होंगी। ऐसा नहीं है कि कमाने वाली महिलाओं को तुरंत उसके अधिकार मिल जाते हैं, लेकिन महिलाएं कमाएंगी तो उनके पास विकल्प होंगे।

पुनः बता दें कि गोमिया प्रखंड के झुमरा पहाड़ स्थित उसके आसपास की 14 पंचायतों के 34 गांव को नक्सल मुक्त बनाने के साथ-साथ झुमरा कम प्लान की घोषणा वर्ष 2012-13 में की गई। इस एक्शन प्लान को लेकर केंद्र सरकार के तत्कालीन केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश ने झुमरा पहाड़ के नीचे राहावन तक पक्की सड़क की निर्माण की घोषणा की जो धरातल पर दिखा भी। साथ ही उक्त केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश झुमरा पहाड़ खुद आये और सड़क का उद्घाटन किया तत्पश्चात झुमरा एक्शन प्लान की सभी विकास योजनाएं धरातल में उतारने के लिए अब तक एक बार केंद्रीय मंत्री, केंद्रीय ग्रामीण मंत्रालय सचिव, तीन बार मुख्य सचिव झारखंड, पांच बार राज्य के डीजीपी, तीन बार सीआरपीएफ के आईजी एवं अब तक 6 बार बोकारो के उपायुक्त का जनता दरबार यहां लग चुका है जहां ग्रामीणों की सभी समस्याएं सुनी गई और उसे दूर करने का भरपूर आश्वासन मिला लेकिन यहां विकास के नाम पर एक 12 किलोमीटर सड़क निर्माण को छोड़कर कुछ नहीं दिखता। एक्शन प्लान से संबंधित पंचायतों के मुखिया रेणुका देवी, पूरण महतो, कौलेश्वरी देवी, सोमरी देवी, लता देवी, विद्या देवी, चुट्टे के पंसस राजू प्रसाद सहित अन्य का कहना है कि विकास केवल मुखिया कोष से ही हो रहा है लेकिन झुमरा एक्शन प्लान की घोषणा जैसी की गई थी वैसा यहां कुछ भी नहीं दिखता।

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