झारखण्ड

यहां आज भी बीमार को खटिया पर पहुंचाते हैं अस्पताल, जानिए झारखंड के इस इलाके की दर्दनाक कहानी

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बोकारो थर्मल। रामचंद्र अंजाना
बेरमो अनुमंडल के उग्रवाद प्रभावित ऊपरघाट स्थित कंजकिरो पंचायत के झापाटोंगरी के ग्रामीण आज भी बुनियादी सुविधाओं से महरूम है। यहां के ग्रामीण 70-80 के दशक से पगडंड़ियों से आना जाना करते आ रहें है। बिडंवना है कि गांव में किसी को बिमार पड़ने पर खाटपर लादकर लगभग 3 किमी दूर बोकारो थर्मल-नारायणपुर मुख्य पहुंचाया जाता है, फिर वहां से वाहन से अस्पताल पहुंचाया जाता है। बरसात के दिनों में काफी दिक्कत का सामना करना पड़ता है। नाला में पानी रहने के कारण अपने राजस्व गांव जाने के लिए 3/9 किमी घुमकर जाना पड़ता है। 3/9 किमी दूर ना घमुना पड़े, इसलिए ग्रामीणों ने नाला में पत्थर और लकड़ी का काम चलाव पुलिया बनाकर आना जाना करते हैं।
जंगल के बीचों-बीच बसे हैं ग्रामीण

झापाटोंगरी के ग्रामीण खिरो महतो, छत्रधारी महतो, बिन्नी देवी, सुरेंद्र महतो, सुमन देवी, अनिता देवी ने बताया कि हमारे पूवर्ज 70-80 के दशक में कंजकिरो सदर गांव से उठकर यहां आए थे। लगभग चार किमी दूर से भार (टीना) में पानी भर कर लाते थे। आज भी स्थिति वैसी ही है। यहां पर एक भी सरकारी कुआं तक नहीं है। खेतों के मेढ से आना जाना करते है। चुनाव के समय छुटभैया नेता आकर लंबी-लंबी वादे कर जाते है। उसके बाद सबकुछ भुल जाते है। ग्रामीण अपने स्तर से गांव में बिजली पहुंचाए है। ग्रामीणों का कहना है कि जंगल के बीचोंबीच बसने के कारण किसी ने सुधि लेना मुनासिब नहीं समझा है। हमलोग दिनरात जिस पगडंड़ियों से गुजरते है, उसमे हमेशा खतरा बना रहता है।
सांसद और विधायक से लगाए हैं आस

झापाटोंगरी के ग्रामीण सांसद चंद्रप्रकाश चैधरी और विधायक सह शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने आस लगाए है कि कम से कम यहां पर मुख्य सड़क जाने के लिए पगडंडियों को पीसीसी पथ नहीं, तो आरसीसी पथ के अलावे नाला में एक छोटा सा पुलिया बना दिया जाए, जिससे वाहन आराम से झापाटोंगरी पहुंच जाए। बिमार को अस्पताल अस्पताल ले जाने में सुविधा होगी। ग्रामीणों ने कहा कि चार साल पहले हाथियों द्वारा नुकसान किए गए फसल का मुआवजा भी आज तक नहीं मिला है।

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