इंटरव्यू

कौन बनेगा करोड़पति में नंबर लगना किसी ख्वाब जैसा होता है, केबीसी के 12वें सीजन की पहली करोड़पति विनर नाजिया ने बयां की दिल की बात, पूजा सामंत के साथ, पढ़ें स्पेशल इंटरव्यू

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दिल्ली की रहने वाली नाजिया नसीम ने कौन बनेगा करोड़ पति में एक करोड़ रुपये जीत लिए हैं. केबीसी केे 12 वें सीजन की वह पहली करोड़पति विनर बन गई हैं. मेगास्टार अमिताभ बच्चन के साथ ने उनकी इस जीत को यादगार बना दिया है. मूल रूप से झारखंड की रहने वाली नाज़िया इस समय दिल्ली में रह रही हैं. उन्होंने एक नए नज़रिए के साथ बड़े ही संतुलित ढंग से केबीसी में हर सवाल का जवाब दिया। इस शो में उन्होंने खुद को एक महिलावादी बताया और यह भी दावा किया कि उनकी परवरिश एक महिलावादी पिता ने की है. उनकी शादी भी एक महिलावादी पुरुष से हुई है। वो अपने बेटे की परवरिश भी एक महिलावादी के रूप में करना चाहती हैं। नाज़िया ने कहा कि “मैं विचारों की अभिव्यक्ति और चुनाव के अधिकार में यकीन रखती हूं। वह कहती हैं कि जितनी आजादी लड़कों को मिलती है, उतनी ही लड़कियों को मिलनी चाहिए। इस मूल्य व्यवस्था की शुरुआत हमारे घरों से ही होनी चाहिए। दुनिया बदलना सिर्फ औरतों की जिम्मेदारी नहीं है। अगर मर्द साथ नहीं आएंगे, तो दुनिया नहीं बदलेगी। मैं अपने आप को फेमिनिस्ट कहती हूं। ज्यादातर लोगों की समझ यह है कि फेमिनिस्ट जो होती है, वो मर्द विरोधी होती है। लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। फेमिनिस्ट एक मर्द भी हो सकता है। आप जानते हैं हमने हमेशा अपनी बेटियों को बेटों की पालने में यकीन रखा है। अब हमें अपने बेटों को अपनी बेटियों की तरह पालना होगा।” नाज़िया की परवरिश झारखंड में हुई थी और उन्हें सामाजिक अपेक्षाओं के दायरे से बाहर निकलने में अपने मां-बाप से काफी समर्थन और प्रोत्साहन मिला। नाज़िया ने अपनी जिंदगी में अपनी काबिलियत के दम पर सफलता हासिल की है। इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ मास कम्युनिकेशन की पूर्व छात्रा नाज़िया रॉयल एनफील्ड कंपनी में इंटरनल कम्युनिकेशंस की ग्रुप मैनेजर हैं। वो अपने पति और अपने परिवार को इस सपोर्ट का श्रेय देती हैं और मानती हैं कि यदि एक महिला को साथ देने वाला पति और परिवार मिले, तो जिंदगी में सबकुछ मुमकिन है और कुछ भी हासिल किया जा सकता है। ऐसी ही कई अनकही बातें नाजिया नसीम ने साझा की हैं हमारी संवाददाता पूजा सामंत से हुई खास बातचीत के दौरान. पेश हैं बातचीत के मुख्य अंश…

सवाल : केबीसी सीजन 12 में जब फास्टेट फिंगर के बाद आपका नंबर आया और आप हॉट सीट पर पहुंची तो क्या महसूस कर रही थीं आप?
जवाब : ‘केबीसी में नंबर लगना किसी ख्वाब से कम नहीं होता. एक तो बहुत बड़ी रकम महज आधे घंटे -45 मिनट में हॉट सीट पर बैठा कैंडिडेट जीत सकता है. लाइफ लाइन के सहारे तीन लाख बीस हज़ार की रकम पाना उतना मुश्किल नहीं. सबसे बड़ा आकर्षण महानायक अमिताभ बच्चन के सामने बैठना, उनसे रूबरू होना, उनके साथ बिताया हुआ हर पल मायने रखता है। संक्षिप्त में कहूं तो हॉट सीट पर बैठ कर अच्छी खासी रकम हर कोई जीतना चाहता है। हजारों करोड़ों लोग केबीसी में नंबर लगने की प्रतीक्षा सालों साल करते हैं। केबीसी में जाने वालों की एक लम्बी वेटिंग लिस्ट है. फास्टेस्ट फिंगर्स में भी आप जीतेंगे और हॉट सीट तक पहुंचेंगे इस बात की भी गारंटी नहीं होती. ऐसे में हॉट सीट पर जो शख्स आता है वो सोचो कितना किस्मतवाला होगा। हॉट सीट पर पहुंचने के बाद भी नर्व्हसनेस के कारण हॉट सीट पर बैठा व्यक्ति जवाब देने में कितनी गलतियां करता है, यह भी एक सवाल है।
खैर, ऐसे में जब मेरा फाइनली नंबर हॉट सीट पर आया तो मेरी खुशियों का ठिकाना नहीं रहा।’

सवाल : कैसे रहे महानायक के सामने बैठे हुए आपके पल ?’
जवाब : अमित जी देश के ऐसे इकलौते महानायक है जिनका देशवासी दिल से सम्मान करते हैं. महानायक ने जो सम्मान करोड़ों लोगों से पाया है वो सिर्फ फिल्म या अदाकारी से नहीं पाया। जिस तरह के वे आदर्श इंसान हैं, जिस तरह से से वे समाज के लिए आगे आते हैं, सोशल कमिटमेंट्स निभाते हैं, केबीसी में हर हॉट सीट पर बैठे व्यक्ति का पूरा आदर सम्मान करते हैं, उनके ये रूप फिल्मों से बहुत दूर और अलग है। मेरे लिए भी स्टार ऑफ़ द मिलेनियम के सामने बैठना, उनसे मुखातिब होना, सदियों तक याद रहेगा। बहुत मनोबल बढ़ाते हैं, हौसला अफजाई करना कोई उनसे सीखे। अमित जी ने जब मुझे कहा, मुझे आप पर बड़ा गर्व है, आप बहुत अच्छा खेल रही हैं, सिर्फ पैसो के लिए ही नहीं खेल रहीं, आप अपने विचारों के लिए भी खेल रही हैं. अब इतना बड़ा कॉम्प्लिमेंट जब उनसे मेरी जैसी सामान्य महिला को मिला तो उनके इन आदरभरे अल्फाज़ों के सामने जीते हुए एक करोड़ कुछ नहीं हैं. खेल के दौरान बहुत सहज़ बनाया उन्होंने मुझे. मुझे ही नहीं, हर उम्मीदवार को कॉन्फिडेंट बनाते हैं वो. उम्मीदवार के लेवल पर आकर उनसे बात करते हैं. महानायक लार्जर देन लाइफ है ही ऑन स्क्रीन लेकिन हक़ीक़त में वे बहुत विनम्र है। अमित सर के सामने बिताया हर पल यादों का खजाना है।

सवाल : 3-6 लाख रुपये तो कई लोग जीत चुके हैं लेकिन केबीसी की एक करोड़ जीतने वाली इस सीजन की आप पहली महिला कंटेस्टेंट हैं. एक करोड़ बहुत बड़ी रकम है, कितना मुश्किल था या कितनी आसान थी यह चुनौती?
जवाब : मेरे लिए यह एक चमत्कार जैसा है. मिरैकल है यह लाइफ. मैंने यकीनन नहीं सोचा था कि मैं वहां तक भी पहुंच सकती हूं। शुरूआती रकम जीतने के बाद मेरा आत्मविश्वास बढ़ा, यह कहने के बजाय मैं कहूंगी कि महानायक ने मेरे हौसले बुलंद किये। मेरे आत्मविश्वास का लेवल उन्होंने बढ़ाया। बहुत प्रशंसा रहे अमित सर। 25 लाख के सवाल पर मैंने रिस्क लिया। जवाब मुझे 70 प्रतिशत पता था लेकिन मैंने रिस्क लिया। खिलाड़ी का नाम सही निकला और मैंने 50 लाख जीते। थोड़ा नॉलेज, थोड़ा आत्मविश्वास, सर ने दिया. बस इसी तरह मैं एक करोड़ तक पहुंची, मेरे खुद के लिए अविश्वसनीय था लेकिन अब यह हकीकत है।

सवाल : हॉट सीट पर जाने वाले कैंडिडेट को आप क्या सलाह या क्या टिप्स देना चाहेंगी ? अपना जनरल नॉलेज बढ़ाने के लिए क्या करना चाहिए?
जवाब : मैं हॉट सीट पर जाऊं, केबीसी में पार्टिसिपेट करूं, यह मेरे माता-पिता का सपना था। हममें से यह कोई नहीं जानता था कि कभी यह मुश्किल ख़्वाब पूरा हो सकता है लेकिन यह सच हुआ. मैंने कोई विशेष रूप से तैयारी की नहीं की थी। बस, मुझे रीडिंग करना, पढ़ना अच्छा लगता है. अख़बार, मैगज़ीन , करंट एन्ड वर्ल्ड अफेयर पढ़ने से मेरा नॉलेज बढ़ा। अफ़सोस कि आज -कल भागदौड़ भरी जिंदगी में पढ़ने की आदत लोगों में, बच्चों में कम हुई है। अपना नॉलेज अपग्रेड करते रहना बहुत आवश्यक है. यही नॉलेज इंसान को आगे ले जाता है।

सवाल : एक आम व्यक्ति के लिए एक करोड़ रुपये बहुत बड़ी रकम होती है, आपने इतनी बड़ी धनराशि का उपयोग किस तरह करने के बारे में सोचा है ?’
जवाब : मुझे केबीसी में पुरस्कार जीते हुए अभी 2-3 दिन हुए हैं। मेरे रिश्तेदार, परिचित, ऑफिस सहकर्मी, दोस्त, पास -पड़ोस वालों आदि ने बधाइयां दीं। सभी की बधाई स्वीकारते हुए वक्त तेजी से गुजरता गया। अभी कोई ठोस प्लानिंग नहीं हुई लेकिन फ़िलहाल यह सोचा है कि बच्चे के एजुकेश, अपने पेरेंट्स के ओल्ड एज और कुछ रकम चैरिटी के लिए रखूंगी।

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