नीरज सिसौदिया, बरेली
दिल में अगर कुछ कर गुजरने की चाहत और सेवा का जज्बा हो तो इंसान किसी सरकारी ओहदे का मोहताज नहीं होता. इस बात को साबित कर दिखाया है भाजपा महिला मोर्चा की महानगर अध्यक्ष इंदू ने. इंदू सेठी न कभी पार्षद बनीं और न ही कभी विधायक रहीं लेकिन अपने सेवा भाव और केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार के सहयोग से उन्होंने कई ऐसे काम करवाए जो बरेली के इतिहास में दर्ज हो गए.
इंदू सेठी बताती हैं, ‘ बात उन दिनों की है जब संतोष गंगवार पेट्रोलियम मंत्री हुआ करते थे और मैं कैंट भाजपा मंडल की अध्यक्ष थी. उस वक्त रूक्स स्कूल की हालत बहुत खराब थी, आज इस स्कूल को टैगोर इंटर स्कूल के नाम से जाना जाता है. इसके बाद जब सरकार ने इसे टेकओवर किया तो मैंने केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार जी से निवेदन कर इसकी दशा सुधरवाई. इसी तरह कैंट में सड़कों से लेकर बारात घर तक बनवाए. पार्कों का सुंदरीकरण करवाया और कैंट की सूरत बदलने का हर संभव प्रयास किया.’ कैंट स्थित युगवीणा लाइब्रेरी आज एशिया की बेस्ट लाइब्रेरी में शुमार हो चुकी है. इसका श्रेय भी काफी हद तक इंदू सेठी को जाता है. वह बताती हैं, ‘ युगवीणा लाइब्रेरी आज जिस स्तर पर है, पहले ऐसा बिल्कुल नहीं था. भाजपा कैंट मंडल की अध्यक्ष रहने के दौरान मैंने इस लाइब्रेरी के लिए बहुत मेहनत की और इस विश्व स्तरीय लाइब्रेरी तक पहुंचाया. ये हमारी मेहनत का ही नतीजा है कि आज यह लाइब्रेरी एशिया के सर्वश्रेष्ठ पुस्तकालयों में अपनी जगह बना चुकी है.’
इंदू सेठी की उपलब्धियों का सफर यहीं पर खत्म नहीं होता. इंदू के पति एक डॉक्टर थे. ऐसे में अस्पताल की बदहाली वह कैसे बर्दाश्त कर सकती थीं. ऐसा ही कुछ कैंट हास्पिटल के साथ भी था. इंदू बताती हैं, ‘उस दौर में कैंट अस्पताल बेहद बदहाल था. इलाज के नाम पर वहां दस पैसे वाली गोलियों के अलावा कुछ नहीं मिलता था. मुझे यह बात नागवार गुजरी और मैंने इसकी बदहाली दूर करने की ठानी. मैंने इस संबंध में संतोष गंगवार से बात की और उनके सहयोग से हमने कैंट अस्पताल को एवन अस्पताल बना दिया था. लेकिन अफसोस कि उच्चाधिकारियों की लापरवाही से आज यह अस्पताल बदहाली की ओर बढ़ता जा रहा है. उच्चाधिकारी इस अस्पताल को मेंटेन करने में नाकाम साबित हुए हैं.’
इंदू सेठी की जनसेवा का सफर आज भी बदस्तूर जारी है. वह गरीब बच्चों की शिक्षा, बेटियों को रोजगार दिलाने और स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के दायरे में आने से वंचित रह गए वार्डों में सीवर लाइन और सड़क निर्माण के लिए प्रयासरत हैं. बरेली में उद्योंगों का विकास कैसे हो सकता है, इस संबंध में भी वह केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार एवं प्रदेश सरकार को लिखित में दे चुकी हैं. उनका प्रयास जल्द ही गरीब बच्चों के लिए ऐसे केंद्र खोलने का है जिनमें उन्हें बिना यूनिफॉर्म के भी बिना कोई फीस लिए पढ़ाया जा सके. जो गरीब बच्चे ट्यूशन नहीं ले सकते हैं उन्हें निशुल्क ट्यूशन दिलाने के लिए भी वह प्रयासरत हैं. इस कार्य में वह महिला मोर्चा की पूरी टीम का साथ लेने जा रही हैं.
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