नीरज सिसौदिया, नई दिल्ली
अमेरिका से दोस्ती निभाने के चक्कर में सरकार भारत को बर्बाद करने में जुटी हुई है. एक तरफ हम अपने पुराने और भरोसेमंद साथी रूस का विश्वास खोते जा रहे हैं तो दूसरी ओर आर्थिक रूप से कमजोर होते जा रहे हैं. शेयर बाजार के आंकड़े भी बेलगाम होते जा रहे हैं. देश आर्थिक तंगी से जूझ रहा है और हम हथियारों में खरबों रुपये लगाकर अमेरिका को खुश करने में जुटे हुए हैं. ऐसा करने से सिवाय बर्बादी के कुछ भी हासिल होने वाला नहीं है. ये बातें विश्व प्रसिद्ध ज्योतिष आचार्य नरेश नाथ ने कहीं.
बता दें कि नरेश नाथ ने कई बार विदेश नीति की असफलता के प्रति केंद्र सरकार को आगाह भी किया था. लेकिन सरकार ने इस ओर ध्यान नहीं दिया जिसका खामियाजा देश को बिगड़ते हुए आर्थिक हालातों के रूप में देखने को मिल रहा है. नरेश नाथ ने कहा कि हम अपने घर का पैसा लुटाकर अमेरिका और उसके मित्र देशों को खुश करने में लगे हैं और दूसरी ओर अपने मित्र देश रूस से दूर होते जा रहे हैं. उन्होंने सरकार से निवेदन किया है कि विदेश विभाग और वाणिज्य विभाग देश का पैसा देश में लगाएं न कि हथियारों की होड़ में इसे बर्बाद करें. देश के पैसे का इस्तेमाल महंगाई कम करने के लिए करें. दैनिक जरूरत के सामान के दाम को कम करने के लिए इस पैसे का इस्तेमाल सब्सिडी के रूप में करें न कि अरबों डॉलर के हथियार खरीदकर बर्बाद करें. उन्होंने केद्रीय नेतृत्व को एक उदाहरण देकर सचेत करते हुए कहा कि यदि राजा भी अपने धर्म से गिरता है तो उसका प्रतिफल भी उसे भोगना पड़ता है. इंद्र देव द्वारा बार बार धर्म से गिरने पर महादेव द्वारा उसे भारी प्रताड़ना दी गई थी. इसलिए मोदी सरकार को भी सचेत हो जाना चाहिए.
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