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तेवतिया के आने से और मजबूत हुई शिवपाल यादव की पीएसपी, पंचायत चुनाव के लिए शिवपाल ने खेला मास्टर कार्ड, पढ़ें पीएसपी कैसे पलट रही बाजी?

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नीरज सिसौदिया, बरेली
पिछले कुछ महीनों तक खामोशी से मौके की नजाकत को भांपने वाली प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) अब तेजी से दांव खेलती नजर आ रही है. एक तरह जहां प्रसपा नेता अपनी दमदार उपस्थिति दर्ज कराने में जुटे हैं तो वहीं कुछ दमदार नेता पीएसपी के कुनबे में जुड़ इसे और मजबूत बना रहे हैं. पार्टी के मुखिया शिवपाल यादव के आह्वान पर पिछले दिनों सक्रिय हुए प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के नेताओं ने गांव गांव जाकर किसानों के समर्थन में पदयात्रा निकालकर अपनी दमदार उपस्थिति दर्ज कराई थी. साल के आखिरी दिन तक पीएसपी नेता पदयात्रा निकाल रहे थे. अभी नया साल शुरू ही हुआ था कि शिवपाल यादव ने तुरुप की चाल चलते हुए पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जाने माने किसान नेता मनवीर सिंह तेवतिया को पार्टी में शामिल करा लिया. पंचायत चुनाव से ठीक पहले शिवपाल यादव ने दांव खेला है वह निश्चित तौर पर विरोधियों की मुश्किलें बढ़ा सकता है. तेवतिया वही नेता हैं जो वर्ष 2010 में अलीगढ़ के टप्पल में हुए किसान आंदोलन के दौरान अहम भूमिका निभाकर चर्चा में आए थे. इसके बाद उन्होंने ग्रेटर नोएडा के भट्ठा ग्राम में भूमि अधिग्रहण के खिलाफ किसानों के पक्ष में संघर्ष का बिगुल फूंका था. तेवतिया को खुद पार्टी अध्यक्ष शिवपाल यादव ने पार्टी में शामिल कराया.
चूंकि पंचायत चुनाव नजदीक हैं और पंचायत चुनावों से ही विधानसभा की पृष्ठभूमि तय होगी, इसलिए शिवपाल यादव का यह दांव बेहद फायदेमंद साबित होगा. वीरपाल सिंह यादव जैैैैसे किसानोंं के लोकप्रिय नेता पहले से ही पार्टी में अहम भूमिका निभा रहे हैं. ऐसे में एक और किसान नेता का साथ पार्टी के लिए बेहद लाभदायक होगा. किसान नेता के साथ हाथ मिलाकर शिवपाल ने किसानों के बीच तो अपनी मौजूदगी दर्ज करा ही ली है साथ ही दिल्ली सीमा पर चल रहे किसान आंदोलन को भुनाने के लिए भी बड़ा दांव खेला है. शिवपाल यादव ने किसानों की दशा सुधारने के लिए सात सूत्र या कहें की सात प्रमुख मांगें रखी हैं. उन्होंने कहा है कि जिन मंडियों को केंद्र सरकार समाप्त करना चाहती है उन मंडियों में अपने मंत्री पद के कार्यकाल के दौरान उन्होंने किसानों की फसलों को एमएसपी से अधिक रेट पर खरीदा था. इसलिए किसान हित के लिए मंडियों का अस्तित्व समाप्त नहीं होना चाहिए. बस मंडियों व किसानों के प्रति सकारात्मक सोच होनी चाहिए. इसके अलावा शिवपाल यादव ने किसानों को राहत के लिए एक महत्वपूर्ण सुझाव दिया है. उन्होंने कहा कि किसान मजदूरों के लिए बिजली, पानी, डीजल, पेट्रोल, बीज, कृषि यंत्रों, व कृषि भूमि की खरीद फरोख्त को टैक्स फ्री होना चाहिए. शिवपाल की यह मांग किसानों पर पड़ रहे आर्थिक बोझ को काफी हद तक कम करने वाली है. इससे किसानों की लागत कम होगी और वे खेती के प्रति आकर्षित होंगे.
आम तौर पर किसानों को सबसे ज्यादा संघर्ष फसलों को बेचने के लिए करना पड़ता है. न्यूनतम समर्थन मूल्य पर किसान अपनी फसलों को आसानी से बेच सकें इसके लिए शिवपाल ने अहम रास्ता सुझाया है. वह कहते हैं कि सरकार द्वारा जिन फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित किया गया है उन फसलों की सभी कार्य दिवसों में सरकारी खरीद सुनिश्चित की जाए.
किसान साल भर खेतों में मेहनत करता है लेकिन किन्हीं कारणों से फसल चौपट हो जाए या उचित दाम न मिल पाए तो उसकी सारी मेहनत मिट्टी में मिल जाती है. ऐसे वे या तो कर्जदार हो जाते हैं या फिर आत्महत्या के लिए मजबूर हो जाते हैं. किसानों के सामने ऐसी विपरीत परिस्थितियां उत्पन्न न हों, इसके लिए शिवपाल यादव श्रम कानूनों में संशोधन कर किसनों को कुछ संवैधानिक अधिकार देने की वकालत करते हैं. वह कहते हैं कि किसानों को एक मनरेगा मजदूर की साल भर की मजदूरी मिलनी चाहिए. क्योंकि वह इसका असल हकदार है. जब किसान को उसकी मजदूरी मिलेगी तो वह हतोत्साहित नहीं होगा, उसे फसल का सही दाम न भी मिले तो भी वह न तो कर्जदार होगा और न ही खुदकुशी जैसा रास्ता अपनाने को मजबूर होगा. शिवपाल यादव कर्ज को लेकर भी अहम सुझाव देते हैं. वह कहते हैं कि किसानों व मजदूरों की संपत्ति का आकलन सर्किल रेट के अनुसार करके उनकी जरूरत के हिसाब से कर्ज देना चाहिए. साथ ही उसका किस्तों में भुगतान करने की भी सुविधा दी जानी चाहिए. शिवपाल मिलावटखोरों पर पूरी तरह से शिकंजा कसने व कड़ा कानून बनाने की सलाह देते हैं. वह कहते हैं कि खाद्य पदार्थ, पेय पदार्थों व दवाओं में मिलावट करने वालों को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए. इनके विरुद्ध कठोर कानून बनाया जाना चाहिए. साथ ही किसानों के बकाया भुगतान के मुद्दे को शिवपाल बेहद अहम मानते हैं. वह कहते हैं कि किसी भी संस्था पर किसानों का बकाया हो तो उसे धनराशि पर दंड ब्याज दिया जाए.
वह कहते हैं कि किसानों की समस्याओं का समाधान सही मायनों में एक किसान ही कर सकता है. प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया ने छोटूराम, चौधरी चरण सिंह और महेंद्र सिंह टिकैत के बताए रास्तों पर चलने का संकल्प लिया है.
शिवपाल के व्यक्तित्व से प्रभावित होकर पीएसपी से जुड़े फिल्म निर्माता अजय सिंह सैंथवार ने कहा कि वह जल्द ही शिवपाल यादव पर एक फिल्म बनाएंगे.

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