नीरज सिसौदिया, बरेली
कोरोना वैक्सीन को लेकर लोगों में भ्रम फैलाया जा रहा है. खासतौर पर मुस्लिम समुदाय के मासूम लोगों के बीच विभिन्न तरीकों से डर का माहौल बनाया जा रहा है. लोगों के इसी डर को दूर करने के लिए चाइल्ड स्पेशलिस्ट और समाजवादी चिकित्सा प्रकोष्ठ के जिला अध्यक्ष डा. अनीस बेग आगे आएं हैं. उन्होंने हाल ही में अपना और अपने बेग हास्पिटल एंड फैहमी मैटरनिटी सेंटर के स्वास्थ्य कर्मियों का कोरोना वैक्सीनेशन करवाया है. इसके बाद क्या उन्हें कोई परेशानी हुई, अन्य वैक्सीन से कोरोना वैक्सीन कितनी अलग है, इसे लगाने का तरीका क्या है? वैक्सीन को लेकर जो बातें कहकर भ्रम फैलाया जा रहा है वे बातें कितनी सही हैं. इन्हीं सब पहलुओं पर डा. अनीस बेग ने इंडिया टाइम 24 के साथ खुलकर बात की. पेश हैं बातचीत के मुख्य अंश…
सवाल : कोरोना वैक्सीन आ गई है और वैक्सीनेशन भी शुरू हो चुका है. किस नजरिये से देखते इस उपलब्धि को?
जवाब : कोरोना एक ऐसी महामारी थी जो हमारे देश ही नहीं बल्कि पूरे वर्ल्ड के लिए एक नई बीमारी थी. लोगों में काफी डर था कोरोना को लेकर. बहुत से लोगों को अपनी जान भी गंवानी पड़ी. हमारे साइंटिस्टों ने बहुत मेहनत की और वैक्सीन तैयार की. सरकार ने यह अच्छा फैसला किया कि सबसे पहले स्वास्थ्य कर्मियों को यह वैक्सीन लगाई जा रही है क्योंकि सबसे ज्यादा खतरा उन्हीं हेल्थ वर्कर्स को है कोरोना को लेकर क्योंकि वे लोग हर तरह के मरीज के संपर्क में आते हैं. अब वे सुरक्षित हो सकेंगे.
सवाल : आपने भी वैक्सीनेशन करवाया है. कैसा अनुभव रहा?
जवाब : जी मैंने ही नहीं बल्कि मेरे बेग हास्पिटल एंड फैहमी मैटरनिटी सेंटर के पूरे स्टाफ ने वैक्सीन लगवाई है. सब कुछ ठीक रहा कोई साइड इफेक्ट नहीं था.
सवाल : वैक्सीन लगाने की प्रोसेस आम वैक्सीन से कितनी अलग है?
जवाब : कोरोना वैक्सीन की प्रोसेस सामान्य वैक्सीन की ही तरह है. यह डेल्टॉयड मशल्स के अपर और लोअर कॉर्डिनेंट में लगाया जाता है. बरेली में हमारे सीएमओ, डब्ल्यूएचओ की टीम और यूनिसेफ़ की टीम की मेहनत की वजह से इसे बहुत ही ऑर्गेनाइज्ड वे में लगाया जा रहा है. यही वजह रही कि वैक्सीनेशन इतने अच्छे से हो गया.
सवाल : वैक्सीन को लेकर कई तरह की बातें कही जा रही हैं. जैसे- वैक्सीन सुरक्षित नहीं है. इसे लगवाने से लोगों की मौत हो सकती है. यह भी कहा जा रहा है कि हिन्दुत्ववादी सरकार है और मुस्लिमों के लिए वैक्सीन सही नहीं है?
जवाब : ये सभी अफवाहें हैं. इन पर बिल्कुल भी ध्यान न दें. ये वैक्सीन सरकार ने नहीं बनाई है बल्कि हमारे साइंटिस्टों ने बनाई है. सरकारें तो आती-जाती रहती हैं पर साइंटिस्ट वही रहते हैं. जब कोई नई चीज आती है तो थोड़ा डर तो होता है. हमारे यहां भी लोगों में काफी डर था. हर कोई मेरे तरफ देख रहा था कि सर लगवाएं तो हम भी लगवाएं. यही वजह रही कि मैंने अपने हास्पिटल में कैंप लगवाया और सबसे पहले खुद वैक्सीन लगवाई. मेरे यहां 64% रिजल्ट रहा. कोई साइडइफेक्ट नहीं होता है. हल्का सा बुखार आता है. मुझे भी आया था जो एक पैरासिटामॉल खाते ही ठीक हो गया. मैं अपने देश के नगरिकों से कहना चाहूंगा खासतौर पर मुस्लिम समुदाय के अपने भाईयों से कहना चाहता हूं कि वैक्सीन से बिल्कुल भी न घबराएं, मैंने लगवाई है, आप भी लगवाएं. यह पूरी तरह सुरक्षित है. एमएमआर वैक्सीन जब आई थी तो उसका भी विरोध हुआ था लेकिन बाद में उसने सबका भ्रम तोड़ दिया. इसी तरह कोरोना वैक्सीन भी आपकी जिंदगी बचाने के लिए है.
सवाल : कहा जा रहा है कि यह कोरोना की प्राइमरी वैक्सीन है. इसमें काफी कमियां रह गई हैं? इसलिए नई वैक्सीन आने वाली है. अब नेजल वैक्सीन की बात भी कही जा रही है?
जवाब : देखिये कोरोना एक नई बीमारी थी जिसके बारे में किसी को भी ज्यादा कुछ पता नहीं था. आमतौर पर जब कोई चीज बनती है तो उसमें बेहतरी की संभावना हमेशा रहती है. इसी तरह वैक्सीन के साथ भी होता है. अभी और अच्छी वैक्सीन आएंगी. वैक्सीन रिफाइंड होगी. कोई भी नई चीज आती है तो डर तो होता ही है लेकिन सबसे ज्यादा डर तो डॉक्टर्स को होना चाहिए क्योंकि सबसे ज्यादा जोखिम तो डॉक्टर उठाते हैं. अब डॉक्टरों ने इसीलिए सबसे पहले खुद वैक्सीन लगवाई है ताकि जनता का डर खत्म हो सके.
सवाल : क्या आपके अंदर का डर खत्म हो गया?
जवाब : जी बिल्कुल! मेरे अंदर का डर पूरी तरह खत्म हो चुका है. अब मुझे लग रहा है कि कोरोना से मैं आधा सुरक्षित हो चुका हूं और अब मैं बिल्कुल निश्चिंत हो गया हूं कि वैक्सीन की दूसरी डोज लगते ही मैं कोरोना से पूरी तरह सुरक्षित हो जाऊंगा.
सवाल : जनता और सरकार को क्या संदेश देना चाहेंगे?
जवाब : जनता से यही कहूंगा कि कोरोना के खात्मे के लिए वैक्सीन जरूर लगवाएं. हम सभी को मिलकर कोरोना से लड़ना है. वैक्सीन से ही इसका खात्मा संभव है. सरकार ने स्वास्थ्य कर्मियों और कोरोना वॉरियर्स को मुफ्त वैक्सीन लगाने का जो फैसला किया है वह सराहनीय है लेकिन मैं सरकार से अपील करना चाहूंगा कि वह उन गरीब लोगों के लिए भी मुफ्त वैक्सीन की व्यवस्था सुनिश्चित करे जो दवा का खर्च नहीं उठा सकते. उन्हें भी प्राथमिकता के आधार पर वैक्सीन लगाई जानी चाहिए.