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नगर आयुक्त अभिषेक आनंद की मुश्किलें बढ़ीं, बिल्डरों से रिश्वत लेने के मामले की जांच के आदेश, पढ़ें केंद्रीय मंत्रालय की ओर से जारी आदेश की कॉपी

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नीरज सिसौदिया, बरेली
बिल्डरों से रिश्वत लेने और भू माफिया को लाभ पहुंचाने के लिए विभिन्न लोगों को म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन एक्ट उत्तर प्रदेश के सेक्शन 129 के आवंटित दुकानों को गिराने की साजिश रचने के मामले में आईएएस अधिकारी नगर निगम बरेली के आयुक्त अभिषेक आनंद की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. मिनिस्ट्री ऑफ पर्सोनल पब्लिक ग्रीवांसेज के अंडर सेक्रेटरी केसी राजू की ओर से इस संबंध में उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव को एक पत्र भेजकर मामले की जांच कर आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं. पत्र में लिखा है कि खजाना कोठी फूल बाग किला छावनी बरेली निवासी अनुपम सिंह राघव की ओर से विगत पांच जनवरी को नगर आयुक्त के खिलाफ भूमाफिया से मिलीभगत कर निगम की ओर से अलॉट की गई दुकानों को ध्वस्त करने का प्रयास करने और बिल्डरों से रिश्वत लेने की शिकायत दर्ज कराई गई है. इस मामले की अतिशीघ्र जांच करा कर उचित कार्रवाई करें.


बता दें कि अनुपम सिंह राघव ने शिकायत में बताया है कि गरीबों को गुजर बसर चलाने के लिए 60 दुकानें म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन एक्ट के सेक्शन 129 के तहत अलॉट की गई थीं. इनमें से तीन दुकानें उनकी भी शामिल हैं. इन दुकानों के पीछे जो जमीन है उसे रामपुर के नवाब ने चैरिटेबल अस्पताल चलाने के लिए मैथोडिस्ट चर्च ऑफ इंडिया को दान में दिया था. यह लीज की प्रॉपर्टी है जिसे किसी भी सूरत में बेचा नहीं जा सकता लेकिन कथित मिलीभगत करके इस प्रॉपर्टी का काफी हिस्सा हरीश अरोरा और सचिन भारद्वाज नाम के दो लोगों को दे दिया गया. अब बिल्डर और भू माफिया यहां अपना प्रोजेक्ट डेवलप करना चाह रहे हैं. साथ ही इस प्रोजेक्ट का मुख्य द्वार इन दुकानों को तोड़कर निकालना चाह रहे हैं. अनुपम सिंह राघव की दुकानें इस रास्ते में आड़े आ रही हैं. जिसके कारण उक्त लोगों ने नगर आयुक्त को दो करोड़ रुपये की रिश्वत दी है ताकि नगर आयुक्त उनकी दुकानें गिरा दें. पहले अनुपमा सिंह राघव ने इसकी शिकायत स्थानीय स्तर पर की थी लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई तो पांच जनवरी 2021 को इसकी उच्च स्तर पर शिकायत की गई. इस पर कार्रवाई करते हुए मिनिस्ट्री ऑफ पर्सोनल पब्लिक ग्रीवांसेज भारत सरकार के अंडर सेक्रेटरी केसी राजू की ओर से प्रदेश के चीफ सेक्रेटरी को जांच कर उचित कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं. अगर मामले की सही तरीके से जांच की गई तो कई और बड़े चेहरे भी बेनकाब हो सकते हैं. बहरहाल, इस संबंध में जब नगर आयुक्त अभिषेक आनंद से फोन पर बात करने का प्रयास किया गया तो उनसे संपर्क नहीं हो सका. अगर वह चाहें तो हमें मोबाइल नंबर 7528022520 पर फोन कर अपना पक्ष दे सकते हैं हम उसे भी प्रमुखता से प्रकाशित करेंगे.

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