शादीशुदा जिंदगी में पति और पत्नी के बीच अक्सर तकरार होती रहती है. कई बार यह तकरार इतनी बढ़ जाती है कि पति पत्नी तलाक लेकर हमेशा के लिए एक-दूसरे से अलग हो जाते हैं लेकिन कई मौके ऐसे भी होते हैं जब पत्नी खफा होकर पति का घर तो छोड़ देती है मगर पति को नहीं छोड़ती. वह पति को तलाक नहीं देती लेकिन उसके साथ रहती भी नहीं है. ऐसे में पति दूसरी शादी भी नहीं कर पाता और अपनी पत्नी को जबरदस्ती घर वापस भी नहीं ला पाता. जब परिवार वालों के समझाने पर भी पत्नी घर वापस लौटने को तैयार न हो तो पति न्यायालय में गुहार लगा सकता है. भारतीय कानून उसे इजाजत देता है कि वह पत्नी को घर वापस लाने के लिए न्यायालय में गुहार लगाए. साथ ही न्यायालय को यह अधिकार देता है कि वह पत्नी को पति के घर लौटने का आदेश दे. इन परिस्थितियों पति हिन्दू मैरिज एक्ट की धारा-9 (वैवाहिक संबंधों के पुनर्स्थापन) के तहत स्वयं या अपने अधिवक्ता के माध्यम से न्यायालय में याचिका दायर कर सकता है और माननीय न्यायालय पत्नी को घर वापस लौटने का आदेश दे सकता है.
-भगवत सरन साहू, एडवोकेट, बरेली