झारखण्ड

ऊपरघाट का मज़दूर दुबई में है बन्धक, पत्नी लगा रही है गुहार

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बोकारो थर्मल(बेरमो)। कुमार अभिनंदन 
बेरोजगार युवक सुनहरा सपना संजोये पैसा कमाने के लिए विदेश जाते हैं, लेकिन कुछ लोगों के लिए यह सपना पूरा नही होता है, अलबत्ता उन्हें बंधुआ मजदूर की जिंदगी व्यतीत करने के लिए विवश हो जाते हैं। ऐसा ही एक मामला बेरमो अनुमंडल के नवाडीह प्रखंड अन्तर्गत ऊपरघाट का सामने आया है। बताया गया कि पेंक-नारायणपुर थाना क्षेत्र के दौलत महतो 19 जनवरी को एजेंट के द्वारा दुबई गया। दुबई के एयरपोर्ट से कंपनी वाले उसे रिसीव कर ले गए। उसके साथ और भी मज़दूर थे। सभी मज़दूरों को एक कमरे में ले गया और उन सभी मज़दूरों से पासपोर्ट जब्त कर लिया। उनसे कहा गया कि एक दो दिन में सभी को काम दिया जायेगा। लेकिन एक माह गुजर गया अब तक उन मज़दूरों को कोई काम नही मिला है। दौलत महतो अपनी पत्नी से वेदना प्रकट करते हुए कहा कि वह वापस घर आना चाहता है। उनके पास जो भी पैसा था खत्म हो गया है। अब खाने पीने में भी दिक्कत हो रही है। कंपनी वाले उनके पासपोर्ट जब्त कर लिया है जिसके बिना वे वापस लौट भी नही सकते। उन्होंने पत्नी से कोई उपाय करने को कहा है।

कैसे गए विदेश
कंजकीरो निवासी लालमोहन महतो बरई गांव के निवासी दौलत महतो को जॉब दिलाने के नाम पर 19 जनवरी को दुबई भेजा था। उसे बताया गया था कि उसे वहां टेक्निकल जॉब मिलेगा और अच्छी सैलरी मिलेगी। अच्छी जॉब के लिए लालमोहन महतो ने उससे मोटी रकम भी वसूल की। लेकिन अब उसे वहां कोई काम भी नही मिल रहा है, उल्टे खाने पीने की भी दिक्कत हो गई है।
दौलत महतो ने अपनी पत्नी को बताया कि अब लालमोहन महतो फोन भी रिसीव नही कर रहा है। जबकि दुबई भेजने के समय भरोसा दिलाया था कि वहां कोई दिक्कत नही होगी। अब फोन भी नही उठा रहा है।

दौलत महतो की पत्नी सुनीता देवी इस संबंध में समाजसेवी भुनेश्वर कुमार महतो से बात की और अपने पति दौलत महतो को स्वदेश वापसी की गुहार लगाई है। उसकी पत्नी रो रो कह रही है कि उसका एक 4 साल का बेटा आर्यन है। किसी तरह से उसके पति को स्वदेश वापसी करा दे। मां गुजरी देवी और बाप जयलाल महतो अपने बेटे की सकुशल वापसी के लिए दिनरात दुआ प्रार्थना कर समय गुजार रहें है।

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