नीरज सिसौदिया, बरेली
कोरोना का खौफ बड़े-बड़े नेताओं और समाजसेवियों के दावों की पोल खोल देता है. बरेली जिले में कहने को तो लगभग तीस हजार एनजीओ पंजीकृत हैं लेकिन कोरोना काल में गिने-चुने समाजसेवी ही जरूरतमंदों के प्रति अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन कर रहे हैं. कागजों में सेवा के दावे करने वाले ऐसे लोगों के बीच दीक्षा सक्सेना ने मानवता की मिसाल पेश की है. कोरोना काल में जहां कथित समाजसेवी घर से बाहर निकलने तक को तैयार नहीं हैं वहीं दीक्षा सक्सेना सृजन वेलफेयर सोसाइटी की सदस्याओं के साथ मिलकर महामारी पीड़ितों की लगातार मदद करती आ रही हैं. इसी कड़ी में उन्होंने जरूरतमंद परिवारों को राशन वितरित किया. इसे पाकर जरूरतमंदों की मुश्किलें कुछ कम हुईं और उन्होंने संस्था का शुक्रिया भी अदा किया.
कोरोना महामारी का दूसरा भयानक दौर जारी है. जिसके चलते दो दिन का लाकडाउन भी हो रहा है. इसका सीधा असर दिहाड़ी श्रमिकों और रिक्शा चालकों पर पड़ा है. सामान्य दिनों में जब लाकडाउन नहीं होता है तब भी लोग पब्लिक ट्रांसपोर्ट से परहेज कर रहे हैं. सृजन वैलफेयर सोसाइटी की अध्यक्ष दीक्षा सक्सेना ने बताया कि ऐसे लोगों के समक्ष रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है. इसीलिए सृजन वैलफेयर सोसाइटी ने जरूरतमंदों में राशन वितरण करना शुरू कर दिया है ताकि जितना संभव हो कोई भूखा नहीं सोए. इसके अलावा दवाई या अन्य भी किसी सामान की कोई जरूरत हो तो वह सोसाइटी से संपर्क कर सकता है. सृजन वैलफेयर सोसाइटी द्वारा यथासंभव मदद का प्रयास किया जाएगा. इस विपदा के समय जितना संभव हो मदद करना ही सच्ची मानवता है.
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