नीरज सिसौदिया, बरेली
कोरोना काल में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की मेहरबानी के चलते अस्पतालों की लूट खसोट थमने का नाम नहीं ले रही है. बरेली के भाजपा नेता अनुपम कपूर के विनायक अस्पताल का एक और काला कारनामा उजागर हुआ है. हाल ही में जहां मनमाने दाम वसूलने के कारण अस्पताल विवादों में आया था और बाद में कंप्यूटर की गलती बताकर मरीज के परिजनों को पैसे वापस कर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से मामले को रफा दफा करा दिया गया था वहीं अबकी बार शव के बदले एक लाख रुपये मांगने के आरोप लगे हैं. मृतक की पत्नी ने इसकी शिकायत मुख्यमंत्री मुख्य चिकित्सा अधिकारी और जिलाधिकारी से की है.
शिकायत पत्र में मृतक की पत्नी ने कहा कि उनके प्रति शाहजहांपुर निवासी रमेश पांडे को 10 दिन पहले पीलीभीत जिला अस्पताल से बरेली के विधायक अस्पताल रेफर किया गया था उन्होंने कहा कि अस्पताल में भर्ती कराते समय अस्पताल प्रबंधन की ओर से डेढ़ लाख रुपये कराने को कहा गया था जिस पर उन्होंने उक्त राशि जमा करा दी थी. उसके कुछ दिन बाद ₹220000 और जमा कराए गए लेकिन उनके पति को बचाया नहीं जा सका. आज सुबह उनके कोरोना संक्रमित पति ने अस्पताल में ही इलाज के दौरान दम तोड़ दिया. जब वह रमेश का शव लेकर जाने लगे तो अस्पताल ने उनके ऊपर एक लाख रुपये का बकाया बिल और लगा दिया. रमेश की पत्नी का कहना है कि एक लाख रुपये न देने पर उनके पति का शव भी उन्हें नहीं दिया गया. उन्होंने अस्पताल प्रबंधन पर मनमाना बिल वसूलने का आरोप लगाया है. साथ ही मुख्यमंत्री, जिलाधिकारी और मुख्य चिकित्सा अधिकारी को पत्र लिखकर मामले की शिकायत की है. साथ ही अस्पताल संचालक के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.
बता दें की कुछ दिन पहले भी विनायक अस्पताल ने मुकेश अग्रवाल के परिजनों को सरकार द्वारा निर्धारित रेट से दोगुना का बिल थमा दिया था. इसके बाद सीएमओ ने एक जांच कमेटी गठित की थी. उक्त बिल को कंप्यूटर की गड़बड़ी बताते हुए मामले को रफा दफा कर दिया गया. अब देखना यह है कि इस मामले में कोई कार्रवाई की जाती है या फिर पिछली बार की तरह खानापूर्ति कर मामले को रफा दफा कर दिया जाएगा.
इस संबंध में जब अस्पताल संचालक अनुपम कपूर से संपर्क करने का प्रयास किया गया तो उनसे संपर्क नहीं हो सका. वह मोबाइल नंबर 7528022520 पर फोन कर अपना पक्ष दे सकते हैं. हम उसे भी प्रमुखता से प्रकाशित करेंगे.
