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बेलगाम हो चुके हैं योगी सरकार के वर्दी वाले गुंडे, कौन सा कानून देता है हाथ-पैर में कील ठोकने की इजाजत : महेश पांडेय

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नीरज सिसौदिया, बरेली
योगी सरकार के वर्दी वाले गुंडे अब पूरी तरह से बेलगाम हो चुके हैं. वे कभी भी, कहीं भी और किसी को भी अपना निशाना बनाते जा रहे हैं. कभी सरेराह पिटाई कर देते हैं तो कभी किसी के हाथ पैरों में कील ठोक देते हैं. कानून इनकी रखैल बन चुका है. ये जब चाहते हैं, जैसे चाहते हैं उसे नचाते रहते हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ बताएं कि वह कौन सा कानून है जो किसी के हाथ-पैरों में कील ठोकने की इजाजत देता है. उक्त बातें समाजवादी पार्टी के पूर्व महासचिव और जिला सहकारी संघ के पूर्व अध्यक्ष महेश पांडेय ने एक प्रेस बयान जारी करते हुए कहीं.
महेश पांडेय ने कहा कि दो दिन पहले जिस तरह से यूपी के बरेली, राय बरेली और मऊ पुलिस के वर्दी धारी गुंडों ने जनता के साथ गुंडों जैसा बर्ताव किया उससे साबित हो गया है कि पुलिस अब कानून की रक्षक के तौर पर नहीं बल्कि योगी सरकार के गुंडों के तौर पर काम कर रही है. उन्होंने कहा कि मऊ जिले में घर के बाहर बैठे युवक को घसीटकर मारते हुए ले जाना, राय बरेली में पांच युवकों को हिरासत में लेकर रातभर पीटना और बरेली में मास्क न पहनने पर युवक के हाथ और पैर में कीलें ठोक देना बर्बरता और अराजकता की पराकाष्ठा को दर्शाता है. हैरानी की बात है कि मानवाधिकारों की लड़ाई के नाम पर अपनी दुकानें चलाने वाले कथित सामाजिक संगठन भी अब कहीं नजर नहीं आ रहे. क्या ये संगठन सिर्फ सरकारी ग्रांट और उद्योगपतियों से चंदा लेने भर के लिए हैं?
महेश पांडेय ने कहा कि वह पुलिस के इस बर्बरतापूर्ण कृत्य के खिलाफ उत्तर प्रदेश मानवाधिकार आयोग और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग से शिकायत करेंगे. साथ ही दोषी पुलिसकर्मियों को सजा दिलवाने के लिए न्यायालय का दरवाजा भी खटखटाएंगे. उन्होंने कहा कि कानून से खिलवाड़ करने का अधिकार किसी को नहीं है फिर चाहे वह पुलिस ही क्यों न हो. पुलिस कानून की रक्षा और अनुपालन के लिए है न कि कानून तोड़ने के लिए. भारतीय संविधान अभी इतना कमजोर नहीं हुआ है जिसे कोई भी अपने हाथों की कठपुतली बना ले. उन्होंने डीजीपी सहित आला पुलिस अधिकारियों से ऐसे अराजक पुलिसकर्मियों को तत्काल बर्खास्त करने की मांग की है. साथ ही इस अराजकता के विरोध में सड़कों पर उतरकर आंदोलन करने की चेतावनी भी दी है.

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