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कैंट विधानसभा सीट पर ठोकी जा सकती है दावेदारी पर पहला अधिकार राजेश अग्रवाल का है : मेयर डा. उमेश गौतम

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नीरज सिसौदिया, बरेली
पिछले कुछ दिनों से शहर में विकास परियोजनाओं की बाढ़ सी आ गई है. कहीं शिलान्यास किए जा रहे हैं तो कहीं शुभारंभ हो रहे हैं. सड़कों से लेकर नालों और पुल पुलियाओं तक के कार्यों ने तेजी पकड़ी हुई है. मेयर डा. उमेश गौतम फुल एक्शन मोड में नजर आ रहे हैं. चर्चा है कि मेयर की इस तेजी की वजह आगामी विधानसभा चुनाव हैं. मेयर के करीबियों का कहना है कि डा. उमेश गौतम नगर के जरिये विधानसभा चुनाव पर निशाना साध रहे हैं. मेयर खुद भी विधानसभा चुनाव लड़ना चाहते हैं. उनकी नजर भी 125 कैंट विधानसभा सीट पर है. चूंकि इस सीट के वर्तमान विधायक राजेश अग्रवाल अब भाजपा के 75+ के फॉर्मूले पर फिट नहीं बैठ रहे. इसलिए इस बार उनका टिकट कटना तय माना जा रहा है. यही वजह है कि अब शहर के अन्य सियासतदान इसी सीट पर दावेदारी ठोकने की तैयारी कर रहे हैं. हालांकि राजेश अग्रवाल अपनी सियासत की विरासत अपने सुपुत्र मनीष अग्रवाल को देना चाहते हैं लेकिन मनीष का सियासी सफर बहुत कमजोर होने की वजह से माना जा रहा है कि मनीष की जगह किसी और सियासतदान को कैंट की कमान सौंपी जा सकती है. ऐसे में मेयर उमेश गौतम भी इस सीट से तैयारियों में जुट गए हैं. इस संबंध में जब मेयर से बात की गई तो उन्होंने कहा कि कैंट की सीट से दावेदारी ठोकी जा सकती है लेकिन इस पर पहला अधिकार वर्तमान विधायक राजेश अग्रवाल का है. फिलहाल मेयर ने अपनी मंशा जाहिर कर दी है कि वे भी कैंट विधानसभा सीट से ही चुनाव लड़ने के इच्छुक हैं और इसी सीट से दावेदारी भी जताएंगे. हालांकि ब्राह्मण होने के नाते उनका नाम बिथरी विधानसभा सीट के दावेदारों में भी लिया जा रहा था लेकिन मेयर बिथरी के लिए इंट्रस्टेड नजर नहीं आ रहे.
मेयर से जब पूछा गया कि आपके विधानसभा चुनाव लड़ने की चर्चाएं जोर-शोर से हो रही हैं. क्या कहेंगे इस बारे में? तो मेयर ने कहा कि चर्चाएं तो होती रहती हैं. जहां तक विधानसभा चुनाव की बात है तो हम भारतीय जनता पार्टी के मजबूत सिपाही हैं, पार्टी का आदेश होगा कि चुनाव लड़ना है तो जरूर लड़ेंगे. पार्टी का आदेश होगा कि बतौर मेयर ही काम करना है तो वह करेंगे, तो पार्टी का जो भी आदेश होगा हम वही करेंगे और भगवान ने चाहा तो ऐतिहासिक विजय भी हासिल करके दिखाएंगे. जब उनसे पूछा गया कि वह किस सीट से चुनाव लड़ना चाहेंगे तो उन्होंने कहा, “देखिए, अभी तक कुछ ऐसा विचार नहीं है लेकिन यह पार्टी तय करेगी क्योंकि मुझे लगता है कि कैंट विधानसभा सीट अभी खाली है तो उस पर दावेदारी ठोकी जा सकती है लेकिन अभी पार्टी की तरफ से कोई ऐसा निर्देश नहीं मिला है. अगर पार्टी की तरफ से कोई ऐसा निर्देश मिलेगा तभी काम करेंगे क्योंकि हमारे परम आदरणीय राजेश अग्रवाल जी वहां से विधायक हैं, वह मंत्री भी रहे हैं, हमारे राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष भी हैं तो उनकी दावेदारी सर्वप्रथम है, पहली दावेदारी उनकी बनती है. अगर वह दावेदारी करते हैं तो हम उनके आगे नतमस्तक हैं. पार्टी अगर उन्हें टिकट देती है तो हम उनका चुनाव जबरदस्त तरीके से लड़ाएंगे और उनके साथ खड़े रहेंगे.”
स्पष्ट है कि मेयर डा. उमेश गौतम अब कैंट के रास्ते विधानसभा का सफर तय करना चाहते हैं. यही वजह है कि अब शहर में विकास कार्यों ने तेजी पकड़ ली है और दिसंबर माह तक पूरे शहर की एक नई तस्वीर जनता के सामने होगी. मेयर इस दौरान कई छोटे-बड़े प्रोजेक्टों को अमलीजामा पहनाने की तैयारी कर रहे हैं. रोज किसी न किसी काम का शिलान्यास या उद्घाटन हो रहा है. जगह-जगह सड़कों का काम भी शुरू हो चुका है. अब देखना यह है कि मेयर की चुनावी सड़कें उन्हें विधानसभा की मंजिल तक पहुंचा पाती हैं अथवा नहीं?

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