यूपी

‘मेरा टिकट फाइनल है, अखिलेश जी ने बोल दिया है- तैयारी करो’, जानिये कैसे कैंट सीट पर तैयार हो रही बगावत की जमीन, 80 फीसदी दावेदारों का टिकट फाइनल कर चुके हैं राष्ट्रीय अध्यक्ष!

Share now

नीरज सिसौदिया, बरेली
चुनावी महासंग्राम से पहले अपनों से हो रहा संग्राम कहीं समाजवादी पार्टी की लुटिया न डुबो दे. खास तौर पर 125 कैंट विधानसभा सीट पर जिस तरह से टिकट के दावेदार जोर-शोर से तैयारियों में जुटे हुए हैं वह आने वाले तूफान का संकेत है. पार्टी के लगभग 80 फीसदी दावेदारों का दावा है कि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उनका टिकट टिकट फाइनल कर दिया है और चुनाव लड़ने की तैयारी करने को कहा है. दिलचस्प बात यह है कि सबसे प्रबल दावेदार ऐसा दावा बिल्कुल भी नहीं कर रहे. ऐसे में पार्टी में बगावत की जमीन अभी से तैयार होने लगी है.
दरअसल, समाजवादी पार्टी ने चुनाव से काफी पहले ही दावेदारों से आवेदन लेने शुरू कर दिए थे. यही वजह रही कि कैंट विधानसभा सीट पर दावेदारों की भरमार हो गई है. इस आवेदन की प्रक्रिया में ही पार्टी द्वारा हजारों रुपये लिये जा रहे हैं. सबसे पहले 20 हजार रुपये आवेदन शुल्क, 20 हजार रुपये समाजवादी न्यूज बुलेटिन की आजीवन सदस्यता का शुल्क लिया जा रहा है. इसके अलावा अन्य छोटे-छोटे शुल्क मिलाकर लगभग 50 हजार रुपये प्रत्येक दावेदार से लिए जा रहे हैं. इसके अलावा दावेदार को लखनऊ जाकर आवेदन करना होता है. हर दावेदार कम से कम लगभग दो से तीन बार समर्थकों के साथ लखनऊ जा चुका है. इस लखनऊ आने-जाने के साथ ही वहां ठहरने और खाने-पीने का खर्च भी लगभग 50 हजार से एक लाख रुपये आसानी से आ रहा है. इसके अलावा हर दावेदार ने अपने विधानसभा क्षेत्र में लगभग पचास हजार से एक लाख रुपये होर्डिंग, बैनर, पोस्टर आदि पर भी लगा दिए हैं. इसके अलावा दावेदारी करते ही उनके पास मदद मांगने वालों की भी भीड़ जुटने लगी है. अब अगर चुनाव लड़ना है तो नेता जी को गरीबों की मदद तो करनी ही होगी. साथ ही मीडिया के एडवरटाइजमेंट का खर्च अलग से करना होगा. इसके अलावा सबसे बड़ा खर्च टिकट दिलवाने वाले का है. हर दावेदार के पास कोई न कोई ऐसा नेता है जिसने दावेदार को अखिलेश यादव से मिलवाने और टिकट पक्का करवाने का ठेका लिया हुआ है. इन्हीं टिकट के ठेकेदारों ने उन्हें यह भी दिलासा दे रखी है कि अखिलेश जी ने टिकट पक्का कर दिया है और चुनाव की तैयारी करने को कहा है. यही वजह है कि दावेदार अपना टिकट फाइनल मान चुके हैं और पूरे जोर-शोर से तैयारी में जुट गए हैं. अभी टिकट की घोषणा होने में कम से कम तीन माह का समय शेष है. ऐसे में जब तक उम्मीदवार की घोषणा होगी तब तक इन दावेदारों को दस से पंद्रह लाख रुपये तक की चपत लग चुकी होगी. अब सवाल यह उठता है कि जो दावेदार दस से पंद्रह लाख रुपये खर्च कर चुका होगा क्या वह पार्टी द्वारा घोषित उम्मीदवार का साथ देगा? अकेले अगर बरेली कैंट विधानसभा सीट की ही बात करें तो यहां से अभी तक 14 दावेदार टिकट के लिए आवेदन कर चुके हैं. ये वे दावेदार हैं जिन्होंने महानगर से एनओसी ली है. इनके अलावा कुछ दावेदार ऐसे भी हैं जो जिले से एनओसी लेकर आवेदन करके आ चुके हैं. अब जिस दावेदार को टिकट मिलेगा उसके विरोध में ये सब दावेदार खड़े नहीं होंगे, इसकी कोई गारंटी नहीं. अगर यह मान भी लिया जाए कि टिकट की बात पर वे संतोष कर भी लेंगे मगर जो दस से पंद्रह लाख रुपये की चपत उन्हें लगेगी उसकी भरपाई की उम्मीद तो वे उम्मीदवार से ही करेंगे. ऐसे में उम्मीदवार पर लगभग डेढ़ करोड़ रुपये का खर्च तो इन्हीं दावेदारों के लिए रखना होगा. अगर दावेदारों के खर्च की भरपाई नहीं हुई तो बगावत निश्चित है. ऐसे में स्पष्ट है कि समाजवादी पार्टी अपने लिए खुद ही बगावत की जमीन तैयार कर रही है.

अगर बगावत हुई तो वोट कटेंगे और एक दावेदार या उसका समर्थित प्रत्याशी एक-एक हजार वोट भी ले गया तो पंद्रह हजार वोट तो ऐसे ही कट जाएगा और भाजपा तीस हजार की बढ़त पहले ही ले लेगी. फिलहाल समाजवादी पार्टी को दावेदारों की बगावत का अंकुर फूटने से पहले ही कोई ठोस कदम उठाना होगा. अगर ऐसा नहीं हुआ तो साइकिल पूरी तरह पंक्चर हो जाएगी.

Facebook Comments

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *