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अतुल कपूर का नया दांव, मंत्री से मंत्रणा कर मंत्र लेकर लौटे, अब करने जा रहे हैं ये काम, पढ़ें कैसे विधानसभा के लिए मोहरें बिछाने में जुटे हैं पूर्व उपसभापति?

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नीरज सिसौदिया, बरेली
सियासत की बाजी उसी के हाथ लगती है जो सही समय पर सही मोहरों को आगे बढ़ाने का हुनर जानता है. वैसे तो पूर्व उपसभापति सियासत के खेल में नए हैं मगर कौन से सियासी मोहरे को कब आगे बढ़ाना है यह वह बाखूबी जानते हैं. यही वजह है कि पहली बार में ही वह पार्षद का चुनाव जीतकर आए और पहली बार में ही उपसभापति बन गए. अब उनका लक्ष्य विधानसभा की सीढ़ियां चढ़ने का है और इसके लिए वह पूरी तन्मयता से तैयारी भी कर रहे हैं. पिछले दिनों संघ और संगठन के कई दिग्गजों के समक्ष अपनी दमदार उपस्थिति दर्ज कराकर लौटे अतुल कपूर हाल ही में एक कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री सुरेश खन्ना के साथ स्पॉट किए गए. इस कार्यक्रम में सुरेश खन्ना और अतुल कपूर अगल-बगल एक साथ बैठे नजर आए. सूत्रों की मानें तो इस दौरान दोनों के बीच लंबी वार्ता भी हुई. दोनों के बीच क्या वार्ता हुई यह तो स्पष्ट रूप से नहीं कहा जा सकता मगर इतना जरूर है कि वार्ता का केंद्र विधानसभा चुनाव ही था. बताया यह भी जाता है कि दोनों नेताओं ने एक-दूसरे के साथ लगभग दो घंटे से भी अधिक का समय बिताया है. चूंकि अतुल कपूर खत्री पंजाबी समाज के जनप्रतिनिधि के तौर पर टिकट के लिए दावेदारी कर रहे हैं और कैबिनेट मंत्री सुरेश खन्ना खुद भी इसी समाज से आते हैं इसलिए दोनों नेताओं की यह मुलाकात और भी महत्वपूर्ण हो जाती है. मंत्री जी से मंत्रणा कर मंत्र लेकर आए अतुल कपूर अब एक नई पहल करने जा रहे हैं. वह पहल क्या होगी यह तो स्पष्ट नहीं हो पाया है लेकिन माना जा रहा है कि यह पहल बहुत ही बड़े पैमाने पर होगी.

कैबिनेट मंत्री सुरेश खन्ना के साथ पूर्व उप सभापति अतुल कपूर.

इतने बड़े पैमाने पर चलाए जाने वाले अतुल कपूर के इस अभियान को विधानसभा चुनाव के लिए मास्टर स्ट्रोक भी कहा जा सकता है. इस अभियान का फायदा पार्टी को तो मिलेगा ही, साथ ही अतुल कपूर को भी इसका लाभ मिलेगा. इसके माध्यम से अतुल कपूर शहर विधानसभा क्षेत्र के हर घर में पहुंच जाएंगे.
इसके बाद बूथ स्तरीय बैठकों का आयोजन करने की तैयारी भी अतुल कपूर कर रहे हैं. बताया जाता है कि इसके लिए उन्होंने अभी से पार्टी कार्यकर्ताओं और अपने साथी युवाओं की टोलियों को सतर्क कर दिया है. अतुल कपूर कोई भी और किसी तरह का भी रिस्क नहीं लेना चाहते. वह पूरी तरह से विधानसभा चुनाव जीतने की ठान चुके हैं और इसके लिए वह पिछले लगभग ढाई-तीन वर्षों से तैयारी कर रहे हैं. यही वजह रही कि अपने उपसभापति के कार्यकाल के दौरान उन्होंने लोगों के खूब काम कराए और विकास कार्यों को भी नए आयाम दिए. अपने वार्ड की दशा सुधारने में भी उन्होंने कोई कसर नहीं छोड़ी. टिकट के लिए भी पुरजोर तरीके से दावेदारी की और संघ से लेकर संगठन तक के नेताओं तक अपनी बात दमदारी से रखी. अतुल कपूर जिन आधारों को लेकर टिकट की दावेदारी कर रहे हैं वे आधार तर्कसंगत भी हैं और उनकी मांग जायज भी प्रतीत होती है. अतुल कपूर का पहला आधार यह है कि शहर विधानसभा सीट से आजादी के बाद से लेकर आज तक भाजपा ने कभी भी खत्री पंजाबी समाज के किसी भी प्रतिनिधि को विधानसभा का टिकट नहीं दिया जबकि कांग्रेस ने यहां से इसी समाज के स्व. राम सिंह खन्ना को न सिर्फ विधानसभा का टिकट दिया था बल्कि उन्हें कैबिनेट मंत्री की अहम जिम्मेदारी भी सौंपी थी.

अतुल कपूर का दूसरा आधार भी तर्कसंगत लगता है कि शहर विधानसभा सीट से अब तक किसी भी पार्षद को विधानसभा का टिकट नहीं दिया गया. चूंकि अतुल कपूर खुद भी पार्षद हैं और कई साथी पार्षदों का समर्थन भी उन्हें प्राप्त है इसलिए भी वह इस श्रेणी में भी प्रबल दावेदार नजर आ रहे हैं.
बहरहाल, टिकट का फैसला तो हाईकमान को करना है. टिकट किसे मिलेगा और किसे नहीं, यह तय होने में फिलहाल काफी वक्त है मगर इस वक्त में जो खुद को सर्वश्रेष्ठ साबित कर दिखाएगा टिकट भी उसी के खाते में आएगा. फिलहाल अतुल कपूर इस मामले में किसी से कमतर नजर नहीं आ रहे.

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