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भोजीपुरा में समाजवादी पार्टी के ये हैं प्रमुख दावेदार, जानिये कौन कितना है दमदार?

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नीरज सिसौदिया, बरेली
विधानसभा चुनाव के लिए टिकट की टिकटिक अब जोर पकड़ती जा रही है. समाजवादी पार्टी में विभिन्न सीटों पर दावेदारों की भरमार है. कुछ ऐसा ही नजारा बरेली जिले की 120 भोजीपुरा विधानसभा सीट पर भी देखने को मिल रहा है. वैसे तो इस सीट पर लगभग एक दर्जन से भी अधिक लोग कतार में खड़े हैं लेकिन फिलहाल चार चेहरे ही दमदार भूमिका में नजर आ रहे हैं. आइये जानते हैं कौन से हैं वे चेहरे और किस चेहरे में कितना दम है-
1- शहजिल इस्लाम

शहजिल इस्लाम

भोजीपुरा सीट से पूर्व विधायक शहजिल इस्लाम समाजवादी पार्टी से मुस्लिम कोटे में टिकट मांग रहे हैं. पिछले विधानसभा चुनावों में उन्हें भाजपा के बहोरन लाल मौर्य ने पराजित किया था. इससे पूर्व वह मौलाना तौकीर रजा की पार्टी आईएमसी के टिकट पर चुनाव लड़े थे. वैसे तो इस सीट पर हाजी तसव्वर खां ने पूरी तैयारी की थी लेकिन ऐन वक्त पर शहजिल इस्लाम की पैराशूट लैंडिंग हुई और तौकीर रजा ने हाजी तसव्वर खां का टिकट काटकर शहजिल इस्लाम को दे दिया. कहा यह भी जाता है कि सारी फसल हाजी तसव्वर खां ने लगाई और शहजिल फसल काटकर ले गए. शहजिल इस्लाम अंसारी बिरादरी से ताल्लुक़ रखते हैं. इस बिरादरी का लगभग 15-20 हजार वोट भोजीपुरा विधानसभा सीट पर है. हालांकि, शहजिल इस्लाम भोजीपुरा विधानसभा क्षेत्र के रहने वाले नहीं हैं. वह कैंट विधानसभा क्षेत्र के रहने वाले हैं. ऐसे में उन पर बाहरी होने का ठप्पा लग चुका है. विरोधी उनके बाहरी क्षेत्र का निवासी होने का मुद्दा उछाल रहे हैं. साथ ही शहजिल इस्लाम और उनके परिवार पर लोकसभा चुनाव में खुलकर पार्टी प्रत्याशी का विरोध करने के आरोप लगते रहे हैं. मामला हाईकमान तक भी पहुंच चुका है. वहीं, जनता भी चाहती है कि उनका विधायक बाहरी होने की जगह उनके विधानसभा क्षेत्र का ही हो ताकि उन्हें विधायक जी से मिलने के लिए परेशान न होना पड़े. वहीं, अन्य दावेदार पार्टी के लोकसभा प्रत्याशी के विरोध को भी मुद्दा बना रहे हैं. अब स्थानीय और बाहरी के गणित में शहजिल इस्लाम कितना खरे उतर पाते हैं यह तो वक्त ही तय करेगा. यह देखना भी दिलचस्प होगा कि पार्टी प्रत्याशी के विरोध के मामले को राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव किस नजरिये से लेते हैं. बहरहाल, शहजिल इस्लाम की चुनावी नैया इस बार मझधार में डोलती नजर आ रही है.
2- अर्जुन सिंह टीटू

अर्जुन सिंह टीटू

भोजीपुरा विधानसभा से टिकट की कतार में पूर्व जिला पंचायत सदस्य अर्जुन सिंह टीटू का नाम भी सामने आ रहा है. हिन्दुओं में फिलहाल सबसे मजबूत अर्जुन सिंह टीटू ही नजर आ रहे हैं. टीटू के पिता अध्यापक थे और दादा जी किसान थे. पिता के अध्यापक होने के नाते टीटू राजनीति में आने से पहले ही घर-घर पहुंच चुके हैं. टीटू दो बार जिला पंचायत सदस्य का चुनाव भी जीत चुके हैं. सबसे बड़ी बात यह है कि बसपा सरकार में बसपा प्रत्याशी के खिलाफ टीटू निर्दलीस चुनाव लड़े और जीत भी हासिल की. टीटू की जिंदगी का यह पहला चुनाव था जो उन्होंने निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर ही जीत लिया था. जातीय समीकरण में भी टीटू किसी से पीछे नहीं हैं. टीटू कुर्मी बिरादरी से आते हैं और भोजीपुरा विधानसभा सीट पर लगभग 65 हजार वोट टीटू की अपनी बिरादरी का है. यही वजह है कि अगर समाजवादी पार्टी इस सीट पर बदलाव करके हिन्दू प्रत्याशी उतारती है तो अर्जुन सिंह टीटू इस सीट पर सपा का चेहरा हो सकते हैं.
3- हाजी तसव्वर खां

हाजी तसव्वर खां

भोजीपुरा विधानसभा सीट से मुस्लिम दावेदारों में इस बार हाजी तसव्वर खां का नाम सबसे ऊपर नजर आ रहा है. हाजी तसव्वर खां इस बार भी उसी तेवर में नजर आ रहे हैं जिस तेवर में उन्होंने वर्ष 2012 में आईएमसी के लिए तैयारी की थी लेकिन ऐन वक्त पर आईएमसी ने उनकी जगह शहजिल इस्लाम को टिकट दे दिया था. इस बार भी उनका मुकाबला शहजिल इस्लाम से ही है मगर शहजिल इस्लाम की कुछ गलतियां इस बार तसव्वर खां के लिए फायदेमंद साबित हो सकती हैं. चूंकि तसव्वर खां मेवाती समाज से आते हैं और भोजीपुरा विधानसभा सीट पर लगभग 60-62 हजार वोट अकेले मेवाती समाज का है, इसलिए हाजी तसव्वर यह सीट निकालने मेम सक्षम भी हैं. हाजी तसव्वर खां ने वर्ष 2012 में टिकट कटने के बाद से ही शहजिल इस्लाम को पटखनी देने की तैयारी शुरू कर दी थी. यही वजह रही कि वह पिछले करीब दस साल से अंसारी बिरादरी में भी पैठ बनाने में लगे थे. अपने मकसद में वह काफी हद तक कामयाब भी रहे. इसका सबूत उन्होंने समाजवादी अल्पसंख्यक सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना यासीन उस्मानी के समक्ष अंसारी बिरादरी के लगभग ढाई सौ परिवारों को पार्टी में शामिल करवाकर दे भी दिया है. इनमें कई पूर्व जिला पंचायत सदस्य, पूर्व ब्लॉक प्रमुख और प्रधान जैसे जनप्रतिनिधि भी शामिल थे. हाजी तसव्वर खां का एक प्लस प्वाइंट यह भी है कि शहजिल इस्लाम जहां बाहरी हैं वहीं तसव्वर खां भोजीपुरा विधानसभा क्षेत्र के ही रहने वाले हैं. शहजिल इस्लाम की बिरादरी का वोट जहां 15-20 हजार है वहीं तसव्वर खां की बिरादरी का वोट शहजिल की बिरादरी से लगभग तीन गुना ज्यादा है. ऐसे में हाजी तसव्वर खां की दावेदारी फिलहाल मुस्लिम दावेदारों में सबसे मजबूत नजर आती है.
4- मनोहर सिंह पटेल

मनोहर सिंह पटेल

मनोहर सिंह पटेल कभी जनता दल यूनाइटेड में हुआ करते थे. वहां वह जिला अध्यक्ष पद पर भी रहे और वर्ष 2020 में समाजवादी पार्टी का दामन थाम लिया. चूंकि जदयू का बरेली में कोई वजूद नहीं था इसलिए मनोहर सिंह पटेल का दल बदलने का फैसला सही कहा जा सकता है. मनोहर सिंह पटेल के साथ भी वही मुश्किल है जो शहजिल इस्लाम के साथ है. शहजिल की तरह ही मनोहर सिंह पटेल भी बाहरी विधानसभा क्षेत्र के रहने वाले हैं. वह मूलरूप से बिथरी विधानसभा क्षेत्र में पड़ने वाले गांव केसरपुर के रहने वाले हैं. हालांकि, वर्तमान में उनका आवास भोजीपुरा विधानसभा क्षेत्र में है. मनोहर सिंह पटेल का बाहरी विधानसभा क्षेत्र का होना विरोधियों के लिए सबसे बड़ा हथियार है. ऐसे में मनोहर सिंह पटेल की राह आसान नहीं होगी.

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