विचार

शिक्षक -दिवस पर विशेष : “गुरु के प्रति’

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गुरुओं में श्रद्धा रख जब हम ,
आगे कदम बढ़ायेंगे ,
सच जानो यह विघ्न ही सारे,
हमको राह दिखायेंगे ।

गुरुओं के पद्चिन्हों पर चल,
लक्ष्य जब अपना पायेंगे ,
तब जानो यह ऊँचे पर्वत ,
हमको शीश झुकायेंगे ।

गुरुओं ने ही हम में इतना,
ज्ञान, मान ,स्वभिमान भरा ,
गुरुओं ने रोपा है हममें,
बोधि,ज्ञान वृक्ष का पौधा ।

जननी ने जन्म दिया तात ने,
पाला पोसा पनपाया,
लेकिन गुरुजी ने तो हमको ,
जीवन जीना सिखलाया ।

फिर हम ऐसे गुरु के आगे ,
श्रद्धा नत क्यों ना होते,
जिनके उपकारों से हमारे,
रोम-रोम पुलकित होते।

ले आशीष हम गुरु जनो का,
जन जीवन उत्थान करें ,
इस निर्माणो की धरती पर,
नवयुग का निर्माण करें।

आज इसी दिन यही प्रतिज्ञा,
हमको यह करनी होगी,
गुरू श्रद्धा -जनित उर्जा,
जन-जन में भरनी होगी ।

लेखिका – प्रमोद पारवाला
बरेली उत्तर प्रदेश

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