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सिर्फ 25 फीसदी घरों में जाता था बिल, ललतेश सक्सेना ने सुधारी व्यवस्था, बनाया टैक्स वसूली का रिकॉर्ड, जानिए कैसे तीन गुना बढ़ी रिकवरी?

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नीरज सिसौदिया, बरेली
बरेली नगर निगम का टैक्स विभाग रिकवरी के मामले में नित नए मुकाम हासिल करता जा रहा है. इसके पीछे एक जिम्मेदार अधिकारी की भी अहम भूमिका है. नगर निगम के कर निर्धारण अधिकारी ललतेश सक्सेना की सूझबूझ की वजह से निगम के टैक्स विभाग ने रिकवरी में तीन गुना इजाफा कर लिया है और यह उपलब्धि सिर्फ दो साल के भीतर ही अर्जित की गई है.
नगर निगम के टैक्स विभाग द्वारा दो साल पहले तक कर वसूली का आंकड़ा सिर्फ 22-24 करोड़ रुपये ही रहा करता था लेकिन एक वर्ष पूर्व हाउस टैक्स वसूली का यह आंकड़ा 53 करोड़ रुपये पहुंच गया और उसके बाद वर्ष 2020-21 में यह आंकड़ा बढ़कर 67 करोड़ पर आ गया. इसकी क्या वजह रही, पूछने पर नगर निगम के कर निर्धारण अधिकारी ललतेश सक्सेना कहते हैं, ‘मैंने वर्ष 2019 में नगर निगम बरेली में टैक्स विभाग में पदभार संभाला था. उस वक्स बिलिंग की स्थिति बेहद खराब थी. उस वक्त सॉफ्टवेयर भी नहीं चल रहे थे और बिलिंग एनआईसी से ही होती थी. सिर्फ 25 प्रतिशत ही बिलिंग हो पाती थी. उसमें से भी सिर्फ दस प्रतिशत बिल ही करदाताओं के पास पहुंच पाते थे. मैंने सबसे पहले बिलिंग पर फोकस किया और 100 प्रतिशत बिलिंग की व्यवस्था कराई. हर व्यक्ति तक बिल पहुंचने लगे तो लोग जमा भी कराने लगे. जो बड़े बकाएदार जान-बूझ कर बिल की राशि दबाए बैठे थे उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की गई. धीरे-धीरे इसमें जनता का सहयोग मिलता गया और पदभार संभालने के पहले ही साल कर वसूली का आंकड़ा मैंने 22 करोड़ रुपये से 53 करोड़ रुपये पर पहुंचा दिया. इसके बाद मैंने बकाएदारों को चिन्हित किया और कर व्यवस्था में सुधार की वजह से वर्ष 2020-21 में यह आंकड़ा 67 करोड़ रुपये तक पहुंचा दिया है. आगे भी इसी तन्मयता से काम होगा और निगम की आमदनी बढ़ाने के निरंतर प्रयास जारी रहेंगे.’
बिल न मिलने की वजह से कई बकाएदारों की बिल की राशि पर इतना ब्याज लग चुका है कि वह मूल धन से भी ज्यादा हो चुकी है. ऐसे बकाएदारों के लिए महापौर डा. उमेश गौतम एकमुश्त समाधान योजना लेकर आए हैं. इस संबंध में ललतेश सक्सेना बताते हैं, ‘एकमुश्त समाधान योजना करदाताओं के लिए बड़ी राहत लेकर आएगी. साथ ही नगर निगम की आय भी बढ़ाएगी. शहर में ऐसे लगभग 30-35 प्रतिशत करदाता हैं जिन्हें इस योजना से लाभ मिलेगा. जब उनका ब्याज माफ होगा तो वे निश्चित तौर पर मूलधन जमा करेंगे और जब वे कर जमा करेंगे तो कर वसूली का जो आंकड़ा पिछले दो वर्षों के भीतर 67 करोड़ रुपये पर आ गया है वह इससे भी अधिक हो जाएगा.’
बहरहाल, ललतेश सक्सेना की मेहनत रंग ला रही है. सरकारी खजाने में इजाफा हो रहा है. अगर इसी तरह कर वसूली के प्रयास होते रहे तो निश्चित तौर पर आने वाले समय में बरेली नगर निगम नई ऊंचाइयों को हासिल करेगा.

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