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भोजीपुरा सीट पर बदलने लगे सियासी समीकरण, हिन्दुओं और अंसारी समाज का साथ पाकर और मजबूत हुए हाजी तसव्वर खां, पढ़ें किन गांवों में मिला साथ?

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नीरज सिसौदिया, बरेली
120 भोजीपुरा सीट पर सियासी समीकरण बदलते नजर आ रहे हैं. करवट बदलते सियासी हालात कुछ के चेहरे पर मुस्कान बिखेरने लगे हैं तो कुछ के माथे पर शिकन का सबब बन रहे हैं. ग्रामीणों का रुझान बदलाव के संकेत दे रहा है. भोजीपुरा के गांवों में साइकिल रफ्तार पकड़ती नजर आ रही है लेकिन चुनावी परिणाम साइकिल सवार के चेहरे पर निर्भर करेगा. फिलहाल, यहां मेवाती समाज का प्रतिनिधित्व करने वाले हाजी तसव्वर खां की तैयारी विरोधियों पर भारी पड़ती नजर आ रही है. पिछले काफी समय से जिस तरह से हाजी तसव्वर खां गांव-गांव जाकर अपने सियासी वजूद का आकलन कर रहे हैं उससे यह साफ हो गया है कि जमीनी स्तर पर उनकी पकड़ काफी मजबूत है. अब तक मेवाती समाज की एकजुटता के आधार पर दावेदारी जता रहे हाजी तसव्वर खां को अब हिन्दुओं और अंसारी समाज के लोगों का भी साथ मिलने लगा है. इसकी बानगी गुरुवार को उस वक्त देखने को मिली जब हाजी तसव्वर खां ने दर्जनभर गांवों का दौरा किया और वहां उनके स्वागत में बड़ी तादाद में हिन्दू और अंसारी समाज के लोग भी जुटे.


दरअसल, हाजी तसव्वर खां ने गुरुवार को भोजीपुरा विधानसभा क्षेत्र के गांव झील गोटिया, शाहपुर पट्टी, जल्ला लालपुर, सिंघाई नवदिया, खाता, भडसर भगवानपुर, धीमरी और रूपापुर सहित विभिन्न गांवों का दौरा किया. इन गांवों में एक बड़ी आबादी हिन्दुओं और अंसारी बिरादरी के लोगों की भी है. जब हाजी तसव्वर खां उक्त गांवों में पहुंचे तो बड़ी तादाद में हिन्दू और अंसारी समाज के लोग मौके पर पहुंचे और हाजी तसव्वर खां का भव्य स्वागत किया. उनका कहना था कि भाजपा सरकार ने उन्हें छलने का काम किया है, इसलिए अबकी बार उनका वोट साइकिल को ही जाएगा. साथ ही उन्होंने हाजी तसव्वर खां को टिकट देने की मांग भी उठाई.


अंसारी और हिन्दू समाज का समर्थन मिलने के बाद हाजी तसव्वर खां की दावेदारी और भी मजबूत हो गई है. हालांकि हाजी तसव्वर खां विगत दिनों समाजवादी अल्पसंख्यक सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष यासीन उस्मानी की सभा के दौरान भी करीब तीन सौ अंसारी परिवारों को समाजवादी पार्टी में शामिल करा चुके थे. अत: उन परिवारों का समर्थन पहले से ही हाजी तसव्वर खां को प्राप्त है. अब अन्य गांवों के अंसारी समाज का भी समर्थन उन्हें मिल गया है. ऐसे में हाजी तसव्वर खां की सपा से टिकट की दावेदारी तो मजबूत हुई ही है अगर समाजवादी पार्टी उन्हें टिकट देती है तो निश्चित तौर पर यह सीट जीतना सपा के लिए मुश्किल नहीं होगा.


बहरहाल, टिकट का बंटवारा तो हाईकमान को करना है. अखिलेश यादव पहले ही यह ऐलान कर चुके हैं कि अबकी बार न तो मजबूत राजनीतिक पारिवारिक पृष्ठभूमि वाले को टिकट मिलेगा और न ही आला नेताओं के चहेतों को टिकट दिया जाएगा, टिकट सिर्फ उसी को मिलेगा जो जमीनी सर्वे में पास होगा और पार्टी के मानदंडों पर खरा उतरेगा. ऐसे में हाजी तसव्वर खां के टिकट की संभावनाएं प्रबल होती नजर आ रही हैं क्योंकि जमीनी स्तर पर हाजी तसव्वर की तरह कोई भी दूसरा दावेदार गांव-गांव का समर्थन हासिल नहीं कर पाया है.

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