नीरज सिसौदिया, बरेली
कांग्रेस छोड़कर समाजवादी पार्टी का दामन थामने वाले वरिष्ठ नेता ब्रह्म स्वरूप सागर का सपा में राजनीतिक कद बढ़ने जा रहा है। बरेली और मुरादाबाद मंडल में पकड़ रखने वाले दलितों के नेता ब्रह्म स्वरूप सागर को संगठन में जल्द ही बड़ी जिम्मेदारी मिलने जा रही है। उन्हें राष्ट्रीय अथवा प्रदेश स्तर पर बड़ा पद देने की तैयारी की जा रही है।
बता दें कि ब्रह्म स्वरूप सागर समाजवादी पार्टी में दलितों के एकमात्र ऐसे नेता हैं जो बरेली और मुरादाबाद मंडल में दलित वोटों का ध्रुवीकरण रखने का माद्दा रखते हैं। यही वजह रही कि जब वह बहुजन समाज पार्टी में थे तो उन्हें दोनों मंडलों के को-ऑर्डिनेटर पद की अहम जिम्मेदारी दी गई थी। बसपा में जाने से पहले वह समाजवादी पार्टी के जिला महासचिव और जिला प्रवक्ता जैसे अहम पद की जिम्मेदारियां भी संभाल चुके हैं। सपा में घर वापसी के बाद से ही अटकलें लगाई जा रही थीं कि ब्रह्म स्वरूप सागर जल्द ही संगठन में बड़ी जिम्मेदारी संभाल सकते हैं। वह बरेली जिले की फरीदपुर विधानसभा सीट से सपा के टिकट के प्रबल दावेदार भी हैं।
दरअसल, इंडिया टाइम 24 ने कुछ दिन पूर्व ‘जब ‘एम’ ‘वाई’ में ‘डी’ मिलेगा तभी जीतेगी सपा’ शीर्षक से समाचार प्रकाशित किया था जिसमें बताया गया था कि सपा की जीत के लिए दलित वोट बैंक किस प्रकार जरूरी है। समाचार प्रकाशित होने के बाद सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने दलित वोट बैंक साधने के लिए अलग प्रकोष्ठ बनाने का निर्णय लिया और तीन दिन पूर्व समाजवादी बाबा साहब वाहिनी का गठन भी कर दिया। हालांकि इस पर विचार पहले से चल रहा था लेकिन पहले अखिलेश यादव इस पर गंभीर नजर नहीं आ रहे थे। समाचार प्रकाशित होने के बाद उन्होंने तत्काल वाहिनी का गठन किया और बलिया जिले से ताल्लुक रखने वाले बसपा से सपा में आए दलित नेता मिठाई लाल भारती को इस वाहिनी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बना दिया। अब राष्ट्रीय और प्रदेश कार्यकारिणी का जल्द ही गठन करने की तैयारी की जा चुकी है। इसमें बरेली से ब्रह्म स्वरूप सागर को भी अहम जिम्मेदारी सौंपने की तैयारी की जा रही है। अगर ब्रह्म स्वरूप सागर को अहम जिम्मेदारी के साथ ही फरीदपुर सीट से टिकट भी दे दिया जाता है तो बरेली और मुरादाबाद मंडल की 52 सीटों पर दलित वोटों का ध्रुवीकरण करना सपा के लिए आसान हो जाएगी क्योंकि इन सीटों पर दलित वोट निर्णायक स्थिति में है और ब्रह्म स्वरूप सागर का कद बढ़ने से दलितों को यह विश्वास भी हो जाएगा कि सपा में भी दलितों को वही सम्मान मिलेगा जो बहुजन समाज पार्टी में ब्रह्म स्वरूप सागर की मौजूदगी में मिलता था। सूत्र बताते हैं कि पूर्व केंद्रीय मंत्री सलीम शेरवानी भी ब्रह्म स्वरूप सागर को बड़ी जिम्मेदारी दिलाना चाहते हैं। बहरहाल, ब्रह्म स्वरूप सागर को क्या जिम्मेदारी मिलती है इसका फैसला तो आने वाला वक्त ही करेगा।
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