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अब कुर्मी समाज भी समर्थन में आया, जो कलीमुद्दीन ने कर दिखाया वह कोई नहीं कर पाया, पढ़ें क्या है पूरा मामला?

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नीरज सिसौदिया, बरेली
बरेली शहर विधानसभा सीट इन दिनों सुर्खियों में है। इसकी वजह समाजवादी पार्टी से विधानसभा के टिकट के प्रबल दावेदार और ओमेगा क्लासेज के डायरेक्टर मोहम्मद कलीमुद्दीन हैं। हाल ही में भाजपा के किले में सेंध लगाने वाले कलीमुद्दीन ने बुधवार को भगवा ब्रिगेड को एक और करारा झटका दिया है। राठौर समाज के बाद अब भाजपा का वोट बैंक कहे जाने वाले कुर्मी समाज ने भी कलीमुद्दीन को अपना नेता स्वीकार करते हुए साइकिल को विधानसभा पहुंचाने का संकल्प लिया। कहा जा रहा है कि संतोष गंगवार को केंद्रीय मंत्री के पद से हटाने के बाद कुर्मी समाज में भाजपा के प्रति नाराजगी जन्म ले चुकी है और वह अपनी ताकत दिखाने के लिए दूसरे दलों में विकल्प तलाश रहा है। कलीमुद्दीन इस बात को बेहतर तरीके से जानते हैं। यही वजह है कि उन्होंने कुर्मी समाज खास तौर पर गंगवार बिरादरी में भी सेंधमारी कर डाली। पहले राठौर समाज ने खुले मंच से कलीमुद्दीन का समर्थन किया और अब गंगवार बिरादरी की महिलाओं ने जिस तरह से कलीमुद्दीन जिंदाबाद और अखिलेश यादव जिंदाबाद के नारे लगाए, उससे स्पष्ट हो गया है कि इस बार शहर विधानसभा सीट पर कोई बड़ा उलटफेर हो सकता है।

दरअसल, बुधवार को संजय नगर में मोहम्मद कलीमुद्दीन की ओर से संजय नगर में एक विशाल सभा का आयोजन किया गया था। इस सम्मेलन में सैकड़ों की तादाद में महिलाओं का हुजूम उमड़ पड़ा। दिलचस्प बात यह थी कि इन महिलाओं में से लगभग 80 फीसदी से भी अधिक महिलाएं गंगवार बिरादरी से आती हैं। कलीमुद्दीन ने सभी महिलाओं को सम्मानित भी किया। सम्मान पाने के बाद सभी के चेहरे खिल उठे। शायद विरोधी दलों ने कभी उनके घर जाकर ऐसा सम्मान नहीं किया। यही वजह है कि समारोह के दौरान ये महिलाएं न सिर्फ कलीमुद्दीन के समर्थन में एकजुट नजर आईं बल्कि जिंदाबाद के नारे भी लगाए। निश्चित तौर पर कलीमुद्दीन की ओर से आयोजित यह जनसभा बड़े बदलाव के संकेत देने में सफल रही।


मौके की नजाकत को भांपते हुए मोहम्मद कलीमुद्दीन ने महिलाओं पर केंद्रित जोरदार भाषण भी दिया। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी हमेशा महिलाओं का सम्मान करती रही है और आगे भी करती रहेगी। भाजपा के राज में महिलाएं सुरक्षित नहीं रह गई हैं। उनके साथ उत्पीड़न और अत्याचार की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। भाजपा सरकार महिलाओं को सुरक्षा और सम्मान देने में पूरी तरह नाकाम साबित हुई है।

कलीमुद्दीन के इस शानदार आयोजन के बाद जहां भाजपा नेताओं में खलबली मची हुई है वहीं कलीमुद्दीन के विरोधी दावेदारों के भी होश फाख्ता नजर आ रहे हैं। ऐसा होना भी लाजमी है क्योंकि भाजपा के किले में सेंध लगाने का जो काम कलीमुद्दीन ने कर दिखाया है वह कोई नहीं कर पाया है। ऐसे में अगर काम और सर्वे के आधार पर समाजवादी पार्टी टिकट देती है तो कलीमुद्दीन की दावेदारी को दरकिनार करना बेहद मुश्किल होगा।


बहरहाल, कलीमुद्दीन खुद को विधानसभा टिकट के सबसे प्रबल दावेदार के रूप में खुद को साबित करने में सफल नजर आ रहे हैं।
संजय नगर की सभा के बाद उनकी दावेदारी को और अधिक बल मिला है। सभा में मुख्य रूप से गुड़िया गंगवार, सुनीता गंगवार, राहुल गंगवार, दीपक राठौर, अवनीश यादव, लालू, मुन्ना और सैयद जमील अहमद सहित बड़ी तादाद में अन्य लोग भी मौजूद थे।

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