नीरज सिसौदिया, बरेली
लगभग बीस करोड़ रुपये की लागत से तैयार हो रही नगर निगम की नई बिल्डिंग बेहद शानदार और आकर्षक तो बनाई जा रही है लेकिन नगर निगम की रीढ़ कहे जाने वाले पार्षदों का इसमें बिल्कुल भी ध्यान नहीं रखा गया है। उनके बैठने के लिए जो पार्षद कक्ष बनाया गया है वह पार्षदों की संख्या के हिसाब से बेहद छोटा बनाया गया है। साथ ही उसमें एक टॉयलेट तक नहीं बनाया गया है। ठेकेदार की इस कारगुजारी को लेकर पार्षद आक्रोशित हो गए। वह ठेकेदार और चीफ इंजीनियर के साथ नई बिल्डिंग का मुआयना करने पहुंचे। इस दौरान पार्षदों ने ठेकेदार को खूब खरी-खोटी सुनाई। इसके बाद चीफ इंजीनियर बीके सिंह ने उन्हें टॉयलेट बनवाने का आश्वासन दिया। तब जाकर पार्षद कुछ शांत हुए।
दरअसल, नगर निगम की नई इमारत में महापौर, नगर आयुक्त और अपर नगर आयुक्त के कार्यालय तो शानदार बनाए गए हैं लेकिन पार्षद कक्ष इतना छोटा बनाया गया है कि अगर सभी पार्षद एक साथ नगर निगम पहुंच जाएं तो पार्षद कक्ष में बैठने तक की जगह न बचे।
पूर्व उपसभापति और भाजपा पार्षद छंगामल मौर्य, पार्षद यामीन खान सहित अन्य पार्षदों ने बताया कि नगर निगम में वर्तमान में कुल 80 निर्वाचित और दस नामित पार्षद हैं। आने वाले समय में परिसीमन होना है। परिसीमन के बाद पार्षदों की संख्या 90 से बढ़कर 120 तक जाने की संभावना है। लेकिन नगर निगम की नई इमारत में पार्षद कक्ष का निर्माण करते समय दूरदर्शिता नहीं दिखाई गई। पार्षद कक्ष से बड़ा तो अपर नगर आयुक्त का कक्ष बनाया गया है। अपर नगर आयुक्त के कक्ष में दो टॉयलेट बनाए गए हैं जबकि पार्षद कक्ष में एक भी टॉयलेट नहीं बनाया गया। उन्होंने बताया कि नगर निगम में कुछ महिला पार्षद भी हैं। वह टॉयलेट कहां जाएंगी, इस बारे में भी नहीं सोचा गया जबकि महापौर आज इस नई इमारत का शुभारंभ करने जा रहे हैं। नगर निगम के अधिकारियों और ठेकेदार ने मनमाने तरीके से इमारत का निर्माण करा दिया है। पार्षदों का गुस्सा देख चीफ इंजीनियर बीके सिंह ने ठेकेदार को तत्काल दीवार तोड़कर टॉयलेट बनाने के निर्देश दिए। इसके बाद पार्षद शांत हुए।
इस मौके पर भाजपा पार्षद मुनेंद्र यादव, अजय चौहान, विनोद सैनी, अवनेश योगी, सलीम पटवारी, मेराज अंसारी, नामित पार्षद संजय गुप्ता सहित अन्य पार्षद भी मौजूद थे।