नीरज सिसौदिया, बरेली
भारतीय जनता पार्टी को संस्कारवान पार्टी के रूप में जाना जाता है और इसके कार्यकर्ता अपने अनुशासन के लिए पहचाने जाते हैं। इसकी जीती जागती मिसाल पूर्व उपसभापति और भाजपा पार्षद अतुल कपूर के रूप में देखी जा सकती है। एक तरफ जहां टिकट कटने पर विरोधी दलों में हाहाकार मचा हुआ है तो वहीं अतुल कपूर टिकट की दावेदारी खत्म होने के बाद पार्टी प्रत्याशी को जिताने की कोशिश में जुट गए हैं। सिर्फ शहर विधानसभा क्षेत्र ही नहीं वह कैंट विधानसभा क्षेत्र में भी पार्टी के उम्मीदवारों के पक्ष में सघन जनसंपर्क अभियान चला रहे हैं। पिछले दिनों जब उनके वार्ड बिहारीपुर खत्रियान की गलियों में कैंट विधानसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी संजीव अग्रवाल आए थे तो स्थानीय लोगों ने पुष्प वर्षा कर उनका भव्य स्वागत किया था।
इसके बाद भी अतुल कपूर और उनकी टीम घर-घर जाकर पार्टी की उपलब्धियों को बताने के साथ ही प्रदेश में भाजपा सरकार बनाने की अपील कर रही है। स्थानीय लोगों का भी उनको पूरा सहयोग मिल रहा है। इसके अलावा कन्हैया टोला में भी संजीव अग्रवाल के साथ मिलकर अतुल कपूर ने जनसंपर्क अभियान चलाया। अतुल कपूर पार्षद तो कैंट विधानसभा सीट के अंतर्गत पड़ते बिहारीपुर खत्रियान इलाके से हैं लेकिन शहर विधानसभा क्षेत्र में भी घर होने की वजह से वह शहर विधानसभा सीट पर भी गहरी पकड़ रखते हैं। यही वजह है कि वह शहर विधानसभा सीट से टिकट के प्रबल दावेदारों में शामिल थे।
उन्होंने शहर विधानसभा सीट पर जो मेहनत की उसका लाभ निश्चित तौर पर भाजपा प्रत्याशी डा. अरुण कुमार को मिलेगा। अतुल कपूर पार्टी के लिए तो लगातार जनसंपर्क अभियान चला ही रहे हैं, उन्होंने शहर विधानसभा क्षेत्र के एकता नगर इलाके में भी अरुण कुमार के साथ सघन जनसंपर्क अभियान चलाया। टिकट न मिलने के बावजूद अतुल कपूर के संगठन के प्रति इस सेवा भाव को पार्टी नेताओं ने भी सराहा है।
अतुल कपूर सोशल मीडिया पर भी काफी सक्रिय हैं। चूंकि अबकी बार के चुनाव में सोशल मीडिया की अहम भूमिका है, इसलिए अतुल कपूर सोशल मीडिया के माध्यम से भी लगातार पार्टी के उम्मीदवारों के प्रचार प्रसार में लगे हैं। चूंकि अतुल कपूर लगातार खत्री पंजाबी समाज की आवाज उठाते रहे हैं इसलिए उनकी अपील का सीधा असर उनके समाज पर पड़ रहा है। यही वजह है कि इस समाज ने अपने किसी भी प्रत्याशी को मैदान में नहीं उतारा है और फिलहाल अतुल कपूर के समर्थक खत्री पंजाबी समाज के लोग भाजपा के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रहे हैं।
बहरहाल, शहर विधानसभा सीट पर इस बार भाजपा काफी मजबूत स्थिति में नजर आ रही लेकिन जीत का सेहरा किसके सिर बंधेगा इसका पता तो दस मार्च को ही चलेगा।