विचार

वंश के विकास और खुशहाली की मांगी मन्नत पिपराडीह में सुरजाही पूजा

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बोकारो थर्मल। प्रतिनिधि
सूर्योपासना का प्रतीक सुरजाही पूजा शनिवार को ऊपरघाट के पिपराडीह में धुमधाम से मनायी गयी। कालांतर से चलते आ रहें इस पूजा में गांव के बच्चे, बुढ़े, नौजवान सहित महिलाओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। अहले सुबह सुरजाही अखरा में पहुंचकर भगवान भाष्कर की पूजा-अर्चना की गयी। आचार्य भरत पांडेय व चंद्रिका पांडेय के द्वारा मंत्रोच्चार के साथ अनुष्ठान पूर्ण कराया गया। अखरा के बाहर दिनभर भंडारा का आयोजन चला।
कालांतर से हो रही है सूरजाहीः गांव के देवनारायण महतो, सोनाराम महतो, झब्बू महतो ने बताया कि सुरजाही पूजा कालांतर से पूर्वजजनों से होती चली आ रहीं है। कहा कि विश्वास है कि सुरजाही पूजा से वंश का विकास और पूरे गांव बनवार गोत्र की खुशहाली आती है। यह पूजा प्रत्येक बारह वर्षों के अंतराल में मनाए जाने की पंरपरा है। नहाय खाय के साथ पूजा शुरू होती है। एक दिन उपवास के बाद दूसरे दिन अनुष्ठान पूर्ण होता है। पूजा में सपरिवार सफेद रंग के नए वस्त्र धारण कर अखरा में मन्नत मांगते है। पूजा संपन्न होने तक सभी श्रद्धालु अखरा में सूर्य के ध्यान में हाथ जोड़कर लीन रहते हैं। गांव के नंदलाल महतो ने कहा कि इस पूजा में पवित्रता का पूरा ख्याल रखा जाता है। प्रसाद बनाने से लेकर घर और अखरा की साफ-सफाई तक। प्रसाद ग्रहण के लिए परिवार के अलावे सभी रिश्तेदारों को निमंत्रण भी दिय जाता है। पूजा में सूबे के पूर्व ऊर्जा मंत्री लालचंद महतो सपिरवार, इंद्रदेव महतो, चेतलाल महतो, जिप सदस्य टिकैत कुमार महतो, मुखिया योगेंद्र कुमार रंजन, नारायण महतो, महेश्वर महतो, जगदीश महतो, धनीराम महतो, रामचंद्र कुमार अंजाना, अशोक कुमार महतो, भीम महतो, भुवनेश्वर महतो, लालधारी महतो, बासुदेव महतो, लोचन महतो, दयाल महतो, राजा साहेब, परमेश्वर महतो, सुरेश महतो, नागेश्वर महतो तथा ऊपरघाट, बेरमो, दुग्दा, बाघमारा सहित बोकारो थर्मल के हजारों महिलाऐं व पुरूष भक्तों शामिल थे।

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