नजरें घुमाकर देखो, हर और मस्तियां हैं ।
सब ओर बसती जातीं, सतरंगी बस्तियां हैं ।
फूलों सी जिंदगी में, हर मन दमक रहा है ।
होली की ताजगी में .
इस और भंगड़े दिखते , उस ओर फागुनी रंग ।
ह्रदयों में उठ रही हैं , नवरंग की हर उमंग ।
गीतों से बांसुरी में , हर स्वर चमक रहा है ।
होली की ताजगी में .
पिचकारियां भी जल की , बौछार कर रही हैं ।
थैली गुलालों वाली , तस्वीर रच रही हैं ।
दिल वाली दोस्ती में, हर पल बहक रहा है ।
होली की ताजगी में .