पंजाब

बलकार सिंह की जीत ने पुलिस का भी बढ़ाया मान, बदला आम आदमी का नजरिया, जानिये कैसे?

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नीरज सिसौदिया, जालंधर
आम तौर पर पुलिस का नाम सुनते ही लोगों के जेहन में एक ऐसी तस्वीर उभरने लगती है जिससे लोग दूरी बनाना ही बेहतर समझते हैं। ऐसे में अगर किसी पुलिसकर्मी पर वोटों की बरसात हो जाए और वह पुलिसकर्मी जनता के नुमाइंदे के रूप में विधानसभा का फासला तय कर ले तो हैरान होना लाजिमी है। खास तौर पर तब जबकि वह पुलिसकर्मी कभी इलाके में बतौर एसएचओ और डीएसपी जैसे जिम्मेदार पदों पर तैनात रहा हो। ऐसी ही शख्सियत का नाम बलकार सिंह है। दलित समाज से ताल्लुक रखने वाले बलकार सिंह ने फर्श से अर्श तक का जो सफर तय किया है वह आम तौर पर कोई भी आम पुलिसकर्मी तय नहीं कर पाता।
बलकार सिंह वर्तमान में पंजाब के जालंधर जिले की करतारपुर विधानसभा सीट से एक ऐसे प्रत्याशी को धूल चटाकर विधायक बने हैं जिसकी एक मजबूत राजनीतिक पारिवारिक पृष्ठभूमि रही है। दिलचस्प बात यह है कि बलकार सिंह का एक पुलिस ऑफिसर के तौर पर करतारपुर विधानसभा सीट से लगभग आठ साल नाता रहा लेकिन उनका दामन कभी दागदार नहीं हुआ। बलकार सिंह अपने पुलिस करियर के शुरुआती सालों में करतारपुर में बतौर एसएचओ तैनात रहे। उसके बाद वह यहां डीसीपी और एसपी डी जैसे पदों पर भी सुशोभित हुए। अंतत: डीसीपी के पद से सेवानिवृत्त हुए। अपने लगभग 32 वर्षों के सर्विस पीरियड के दौरान उन्होंने विभिन्न जिलों में काम किया। यह वो दौर था जब प्रदेश में कभी अकाली-भाजपा गठबंधन तो कभी कांग्रेस की सरकारें रहीं। ये दोनों ही सरकारें अपनी धक्केशाही और मनमानी के लिए जानी जाती रही हैं लेकिन उस दौर में भी बलकार सिंह ने कभी भी राजनीतिक दबाव को खुद पर हावी नहीं होने दिया। बलकार सिंह जब करतारपुर से चुनावी मैदान में उतरे तो आधी से ज्यादा आबादी को वह निजी तौर पर जानते थे। ये वे लोग थे जो बलकार सिंह के व्यक्तित्व से प्रभावित थे। यही प्रभाव वोट बनकर बलकार सिंह की झोली में गिरा और वह विधानसभा पहुंच गए। पहली बार चुनाव मैदान में उतरे बलकार सिंह ने पूर्व विधायक सुरेंदर चौधरी को धूल चटाई जबकि चौधरी जगजीत सिंह और संतोख सिंह चौधरी जैसे दिग्गज नेता इसी परिवार से सियासत के फलक पर चमकते रहे। निश्चित तौर पर अगर बलकार सिंह ने अपनी पोस्टिंग के दौरान करतारपुर की जनता का दिल नहीं जीता होता तो आज यहां की जनता उन्हें सिर आंखों पर कतई नहीं बिठाती। बलकार सिंह की जीत ने पुलिस की छवि को भी चार चांद लगाने का काम किया है जो अन्य पुलिस अधिकारियों के लिए भी एक प्रेरणास्रोत बनेगा।
बलकार पिछले साल जनवरी में जालंधर से पुलिस उपायुक्त के पद से सेवानिवृत्त हुए थे और जून में आप में शामिल हुए थे। पंजाब पुलिस में अपनी 32 वर्षों की सेवा में से, उनका कहना है कि वह लगभग आठ वर्षों से करतारपुर के निवासियों के साथ सीधे तौर पर व्यवहार कर रहे थे और इस प्रकार इस क्षेत्र से अच्छी तरह परिचित हैं।
चुनाव जीतने के बाद बलकार सिंह से जनता को काफी उम्मीदें हैं। बलकार सिंह ने इस दिशा में काम करना भी शुरू कर दिया है। यहां के प्रमुख स्थानीय मुद्दे बस स्टैंड की स्थापना, अच्छा सीवर सिस्टम, सड़कें, स्वास्थ्य और बेहतर शिक्षा आदि हैं।

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