नीरज सिसौदिया, नई दिल्ली
भारी संख्या में पद रिक्त होने के बावजूद सेना भर्ती न निकलने के संबंध में युवा हल्ला बोल के अध्यक्ष अनुपम ने केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को पत्र लिखा है। पत्र में उन्होंने लिखा है कि आप भलीभांति अवगत होंगे कि देश में युवाओं का एक बड़ा वर्ग है जो भारतीय सेना में जाकर देश की सुरक्षा में अपना योगदान देना चाहता है। देशप्रेम की भावना से ओतप्रोत ये नौजवान छोटी उम्र से ही भर्ती प्रक्रिया में सफल होने के उद्देश्य से जीतोड़ मेहनत करने लग जाते हैं। भारतीय सेना में भर्ती होना देश के इन करोड़ों युवाओं का सपना होता है। लेकिन राष्ट्रवाद और सेना को अपनी नीति निर्धारण और राजनीति के केंद्र में रखने वाली आपकी सरकार का इस गंभीर विषय पर रवैय्या आश्चर्यजनक और दुखद है।
सेना की तैयारी कर रहे युवाओं के माध्यम से मुझे सूचना मिली है कि भर्तियों पर फिलहाल रोक लगा रखी है। पिछले तीन वर्षों से भर्ती रैलियों का आयोजन भी बंद कर दिया गया है। सेना भर्ती की प्रतीक्षा में इन नौजवानों की उमर निकलती जा रही है। जिस कारण भारत के गाँवों शहरों के मैदानों में दिन रात मेहनत कर रहे युवाओं की उम्मीदें टूटने लगी हैं।
बेरोज़गारी के संकट पर सरकार की उदासीनता के कारण हताशा ऐसी बढ़ रही है कि युवाओं के आत्महत्या की खबरें आ रही हैं। आंकड़ें भी तस्दीक करते हैं कि भारत का ‘लेबर फोर्स’ घटता जा रहा है। मतलब नाउम्मीदी ऐसी है कि लोग रोज़गार पाने की कोशिश भी बंद करने लगे हैं। भारत का ‘डेमोग्राफिक डिविडेंड’ अब ‘डेमोग्राफिक डिजास्टर’ का रूप लेता जा रहा है। देश के विकास और समृद्धि में योगदान देने के काबिल युवा अब हताशा और नाउम्मीदी में अपनी जान देने लगे हैं। एक युवा देश में ये सब होना हर देशभक्त के लिए चिंता का सबब होना चाहिए था। लेकिन ऐसा प्रतीत होता है कि आपकी सरकार का ध्यान अभी भी इस ज्वलंत विषय पर नहीं है।
आपको स्मरण होगा कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों के दौरान जब आप जनता के बीच आए थे तो युवाओं ने सेना भर्ती को लेकर आपसे सवाल किया था। तब आपने आश्वासन दिया था कि “भर्ती होगी, होगी” जो मीडिया सोशल मीडिया के माध्यम से सबने देखा। आपको इसी कारण से पत्र लिख रहा हूँ कि आपके रक्षा मंत्री रहते हुए अब भी कुछ उम्मीद है। विशेष तौर पर तब जब सेना में एक लाख से अधिक पद रिक्त पड़े हों और चीन पाकिस्तान जैसे राष्ट्रीय सुरक्षा के खतरों से हम निरंतर जूझ रहे हों। भारत की ज़मीन पर कब्ज़ा करके बैठी चीनी सेना लदाख से अरुणाचल तक तरह तरह के दावे करता रहता है। ये समझना कठिन नहीं कि सेना में समय रहते भर्ती करना सिर्फ इन बेरोज़गार युवाओं के लिए ही नहीं, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में भी है।
आपसे निवेदन है कि बिना देरी किए देश भर में सेना भर्ती के लिए रैलियों का आयोजन हो और रिक्त पदों को भरा जाए।