नीरज सिसौदिया, जालंधर
प्रदेश में भले ही सत्ता परिवर्तन हो गया हो मगर अवैध कॉलोनियों का काला कारोबार बेखौफ चल रहा है। नई सरकार में अधिकारियों की मिलीभगत से नए कॉलोनाइजर इस काम को अंजाम देने में लगे हैं। ताजा मामला जालंधर विकास प्राधिकरण के तहत पड़ने वाले होशियारपुर जिले के नंदाचौर इलाके का है। नंदाचौर में शामचौरासी को जाने वाली सड़क पर दो अवैध कॉलोनियां काटी जा रही हैं। इनमें पहली कॉलोनी लगभग दो से तीन एकड़ में काटी जा रही है। कॉलोनी के फ्रंट पर दुकानों के लिए प्लॉट छोड़े गए हैं। पीछे रिहायशी प्लॉटों की निशानदेही की गई है। प्लॉटों की कीमत 60 हजार रुपये प्रति मरला बताई जाती है। यहां सब्जी की दुकान पर बैठने वाला सोढी नाम का शख्स प्लॉटों ग्राहकों को प्लॉट दिखाता है और मालिक हरजोत सिंह से बात कराता है।

इस संबंध में जब कॉलोनाइजर हरजोत सिंह से बात की गई तो उन्होंने कहा कि यह कॉलोनी अवैध है। उन्होंने पुडा से इसे पास नहीं कराया है क्योंकि जितने रकबे में यह कॉलोनी है उतने रकबे की कॉलोनियां पुडा की ओर से अप्रूव नहीं की जाती हैं।
सूत्र बताते हैं कि उक्त कॉलोनी पुडा के अधिकारियों की मिलीभगत से काटी गई है। इसलिए जेडीए के अधिकारी इसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है।
इस कॉलोनी से कुछ ही दूरी पर आगे बढ़ने पर बाएं हाथ पर एक नीला गेट दिखाई देता है। इस नीले गेट के अंदर भी एक अवैध कॉलोनी काटी गई है जिसमें छोटे मरले के दस-दस मरले के प्लॉट काटे गए हैं।

इस अवैध कॉलोनी में एक मकान भी बनाया गया है जो अभी पूरी तरह तैयार नहीं है। इसमें एक कर्मचारी हमेशा रहता है जो प्लॉटों का सौदा करता है। यह कॉलोनी आदमपुर के रहने वाले किसी बलवीर सिंह नाम के कॉलोनाइजर की बताई जाती है। इसके खिलाफ भी पुडा के अधिकारियों ने कोई कार्रवाई नहीं की। इस इलाके के संबंधित अधिकारियों की नजर इन कॉलोनियों पर क्यों नहीं पड़ी और अगर पड़ी तो फिर इनके खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की गई? यह सबसे बड़ा सवाल है।
बहरहाल, इस संबंध में पुडा के मुख्य प्रशासक व डीसी जालंधर घनश्याम थोरी को अवगत करा दिया गया है। उन्होंने कहा कि जो भी कॉलोनी अवैध होगी जांच के बाद उसके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।