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गलत काम में विपक्षियों की मदद कर रहे निगम के अधिकारी और वकील, पढ़ें अपनी ही सरकार के अफसरों पर क्यों बरसे पार्षद दीपक सक्सेना?

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नीरज सिसौदिया, बरेली

माननीय नगर निगम बोर्ड की बैठक में कार्यवृत्त की पुष्टि पर चर्चा करते हुए पार्षद दीपक सक्सेना ने पृष्ठ संख्या 4 बिंदु संख्या 10 नॉवल्टी मार्केट की दुकानों के किराया एवं प्रीमियम हेतु विचार एवं निर्णय पर आरोप लगाते हुए कहा कि नगर निगम के अधिकारियों एवं नगर निगम के विद्वान वकील ने विपक्षियों को माननीय उच्च न्यायालय से स्टे लेने में अप्रत्यक्ष रुप से सहयोग किया उन्होंने बताया कि जब नगर निगम की टीम द्वारा दुकानों पर लगाई गई सील को विपक्षीगण ने तोड़ा था तो उसी समय उस पर कार्यवाही नहीं की गई और ना ही माननीय न्यायालय में उस पर कैविएट दाखिल की गई इसके अतिरिक्त जब विपक्षी दुकानदार माननीय उच्च न्यायालय की शरण में गया और वहां से नोटिस नगर निगम को आया उसके बावजूद भी पहली डेट पर दिनांक 7 मार्च 2022 को नगर निगम का कोई भी पक्षधर माननीय न्यायालय नहीं पहुंचा और विपक्षी दुकानदारों को स्टे प्राप्त हो गया।
इसके बाद माननीय उच्च न्यायालय ने नगर निगम को अपना पक्ष रखने के लिए 4 हफ्ते का समय दिया है और 28 सितंबर 2022 को नेक्स्ट डेट लगाई है। हैरानी की बात यह थी कि पार्षद दीपक सक्सेना द्वारा यह बात सदन के समक्ष रखी गई। किसी भी अधिकारी एवं संबंधित कर्मचारी को उस केस की डेट के संबंध में कोई जानकारी नहीं थी। पार्षद दीपक सक्सेना ने यह भी बताया कि वर्तमान में यह केस प्राथमिकता सूची से बाहर हो गया है यदि उस पर तत्काल अच्छी पैरवी नहीं की गई तो नगर निगम को स्टे निरस्त कर आना मुश्किल होगा इस पर महापौर ने आदेश दिया कि अपर नगर आयुक्त इस विषय को गंभीरता से देखें और तत्काल माननीय उच्च न्यायालय के नगर निगम के वकीलों से बात करें और अपना पक्ष मजबूती से रखने को कहें।
शासन से आए शासनादेश पर बोलते हुए पार्षद दीपक सक्सेना ने कहा कि निर्माण विभाग शासन की मंशा के अनुरूप कार्य नहीं कर रहा है और प्रमुख सचिव महोदय के आदेश के बावजूद भी मुख्य सड़कों का गड्ढा मुक्ति का कार्य पूरा नहीं कराया गया है उन्होंने द गुरु स्कूल से लेकर चौधरी तालाब वाली मुख्य सड़क का उदाहरण भी प्रस्तुत किया।
सीवर टैंक सफाई कर्मचारियों के 1000000 रुपए के जीवन बीमा पॉलिसी कराए जाने के शासनादेश पर पार्षद दीपक सक्सेना ने सदन का ध्यान आकृष्ट कराया और मा. महापौर जी से अनुरोध किया कि इश्क का तत्काल पालन करना सुनिश्चित कराया जाए जिस पर माननीय महापौर जी ने जलकल महाप्रबंधक जी से तत्काल कार्रवाई कराते हुए सभी पंजीकृत ठेकेदारों से सफाई कार्य में लगे मजदूरों के जीवन बीमा करा कर उनकी पॉलिसी के कागज नगर निगम में जमा कराने को आदेश दिया।

बच्‍चों को निजी स्‍तर पर पुरस्‍कृत नहीं करते हैं एसपी गंगवार, गलत तरीके से ले रहे क्रेडिट : वीरेंद्र सिंह
नीरज सिसौदिया, चंपावत
चंपावत जिले के पाटी के रमक में चल रहे राजकीय इंटर कॉलेज के प्रभारी प्रधानाचार्य डा. सुरेंद्र पाल गंगवार बच्‍चों की निजी स्‍तर पर सहायता किए बिना ही क्रेडिट ले रहे हैं। उन्‍होंने न तो कभी बच्‍चों को निजी तौर पर राशि देकर प्रोत्‍साहित किया और न ही कोई अन्‍य ऐसा काम किया जिसका क्रेडिट वह समाचार पत्रों में समाचार प्रकाशित करवाकर ले रहे हैं। यह हम नहीं कह रहे बल्कि उन्‍हीं के स्‍कूल में तैनात कला अध्‍यापक वीरेंद्र सिंह का कहना है।
वीरेंद्र सिंह ने एक प्रेस विज्ञप्ति के माध्‍यम से बताया कि एक समाचार पत्र में प्रभारी प्रधानाचार्य डॉ. गंगवार को बढ़ा चढ़ाकर विद्यालय में निजी स्‍तर पर पेंटिंग एवं छात्र छात्राओं को स्‍वेटर, पांच सौ रुपये नगद, पुस्‍तकें आदि वितरित करने की बात कहकर विद्यालय एवं स्‍थानीय लोगों में एक प्रभावशाली व्‍यक्ति के रूप में दर्शाया गया है जो पूरी तरह गलत है। गंगवार ने ऐसा कोई काम नहीं किया। वीरेंद्र सिंह ने कहा कि विद्यालय में जो पेंटिंग आदि बनाई गई है और जो भी जरूरी नंबर बोर्ड पर दर्शाये गए हैं वह स्‍वयं उन्‍होंने लिखे हैं। साथ ही भारत एवं उत्‍तराखंड के मानचित्र भी उनके द्वारा ही बनाए गए हैं। जिसके कारण वह बीमार भी हो गए थे और हल्‍द्वानी में उनका इलाज भी चल रहा है लेकिन गंगवार ने कोई मदद नहीं की।
उन्‍होंने कहा कि प्रभारी प्रधानाचार्य ने गलत तरीके से उस कार्य का क्रेडिट लिया है जो उन्‍होंने किया ही नहीं।

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