नीरज सिसौदिया, चंपावत
चंपावत जिले के पाटी के रमक में चल रहे राजकीय इंटर कॉलेज के प्रभारी प्रधानाचार्य डा. सुरेंद्र पाल गंगवार बच्चों की निजी स्तर पर सहायता किए बिना ही क्रेडिट ले रहे हैं। उन्होंने न तो कभी बच्चों को निजी तौर पर राशि देकर प्रोत्साहित किया और न ही कोई अन्य ऐसा काम किया जिसका क्रेडिट वह समाचार पत्रों में समाचार प्रकाशित करवाकर ले रहे हैं। यह हम नहीं कह रहे बल्कि उन्हीं के स्कूल में तैनात कला अध्यापक वीरेंद्र सिंह का कहना है।
वीरेंद्र सिंह ने एक प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से बताया कि एक समाचार पत्र में प्रभारी प्रधानाचार्य डॉ. गंगवार को बढ़ा चढ़ाकर विद्यालय में निजी स्तर पर पेंटिंग एवं छात्र छात्राओं को स्वेटर, पांच सौ रुपये नगद, पुस्तकें आदि वितरित करने की बात कहकर विद्यालय एवं स्थानीय लोगों में एक प्रभावशाली व्यक्ति के रूप में दर्शाया गया है जो पूरी तरह गलत है। गंगवार ने ऐसा कोई काम नहीं किया। वीरेंद्र सिंह ने कहा कि विद्यालय में जो पेंटिंग आदि बनाई गई है और जो भी जरूरी नंबर बोर्ड पर दर्शाये गए हैं वह स्वयं उन्होंने लिखे हैं। साथ ही भारत एवं उत्तराखंड के मानचित्र भी उनके द्वारा ही बनाए गए हैं। जिसके कारण वह बीमार भी हो गए थे और हल्द्वानी में उनका इलाज भी चल रहा है लेकिन गंगवार ने कोई मदद नहीं की।
उन्होंने कहा कि प्रभारी प्रधानाचार्य ने गलत तरीके से उस कार्य का क्रेडिट लिया है जो उन्होंने किया ही नहीं।
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