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लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखकर बनाए जाएंगे सपा के जिला एवं महानगर अध्यक्ष, संभावित उम्मीदवार की सहमति से होगा चयन, पढ़ें क्या कहता है सियासी गणित…

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नीरज सिसौदिया, बरेली
समाजवादी पार्टी ने प्रदेश स्तरीय सम्मेलन में प्रदेश अध्यक्ष का चयन कर लिया है। एक बार फिर यह कुर्सी नरेश उत्तम पटेल के हिस्से में आई है। नरेश उत्तम पटेल का दोबारा अध्यक्ष बनना यह साबित करता है कि फिलहाल समाजवादी पार्टी के पास पटेल से बेहतर विकल्प इस कुर्सी के लिए नहीं है। ऐसे में कुछ लोग उन्हें मजबूरी में जरूरी भी करार दे रहे हैं। वहीं, नरेश उत्तम पटेल के रिपीट होने के बाद सबकी नजरें जिला अध्यक्ष और महानगर अध्यक्ष पद पर टिकी हुई हैं। बात अगर बरेली की करें तो यहां बदलाव के संकेत ज्यादा मिल रहे हैं। हालांकि, सवाल यह भी उठ रहे हैं कि क्या बरेली के महानगर अध्यक्ष एवं जिला अध्यक्ष को भी दूसरा कार्यकाल दिया जाएगा अथवा बदलाव की धारा यहां प्रवाहित होगी। हालांकि, पार्टी हाई कमान के सूत्र बताते हैं कि बरेली ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश में लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखकर ही नए अध्यक्षों की नियुक्ति की जाएगी। कहा यह भी जा रहा है कि जिला एवं महानगर अध्यक्ष की कुर्सी पर वही बैठेगा जिसे लोकसभा के संभावित उम्मीदवारों का समर्थन प्राप्त होगा।
दरअसल, यहां बदलाव की दो मुख्य वजहें दिखाई दे रही हैं। पहली यह कि यहां के निवर्तमान महानगर अध्यक्ष शमीम खां सुल्तानी जिला अध्यक्ष की दौड़ में मुस्लिम चेहरे के रूप में शामिल हो चुके हैं, वहीं दूसरी ओर दो बार विधानसभा चुनाव लड़ चुके इंजीनियर अनीस अहमद खां भी इस दौड़ में मजबूती के साथ डटे हुए हैं। कहा यह भी जा रहा है कि मुस्लिम वोटरों को बिखरने से रोकने के लिए इस बार जिले की कमान किसी मुस्लिम नेता को ही देने की तैयारी की जा रही है। ऐसे में अंतिम मुकाबला शमीम खां सुल्तानी और इंजीनियर अनीस अहमद खां के बीच ही नजर आ रहा है।

शमीम खां सुल्तानी
इंजीनियर अनीस अहमद खां

अब बात करें लोकसभा के संभावित दावेदारों के समर्थन की तो इस दौड़ में मुस्लिम नेताओं में पूर्व मंत्री एवं बहेड़ी के मौजूदा विधायक अता उर रहमान का नाम पहले नंबर पर चर्चा में है। अता उर रहमान पहले भी लोकसभा चुनाव लड़ना चाहते थे। उस वक्त पूर्व मंत्री भगवत सरन गंगवार उनकी राह का रोड़ा बन गए थे। भगवत सरन न तो खुद लोकसभा पहुंच पाए और न ही अता उर रहमान को लोकसभा जाने दिया। इतना ही नहीं भाजपा सांसद संतोष गंगवार ने कुर्मी वोट बैंक पर इस कदर एकछत्र राज जमाया हुआ है कि भगवत सरन गंगवार अपनी बिरादरी तक का वोट नहीं ले पाए। दो बार लगातार विधानसभा चुनाव हारने के बाद वह फिलहाल विधायक भी नहीं रहे और लोकसभा की दौड़ में वह बहुत पीछे छूट चुके हैं। ऐसे में महानगर अध्यक्ष और जिला अध्यक्ष के चयन में उनकी कोई भूमिका रहेगी, इस पर संशय है। वहीं, विपरीत परिस्थितियों में भी अता उर रहमान विधायक बनने में कामयाब रहे। ऐसे में निश्चित तौर पर नए जिला अध्यक्ष के चयन में अता उर रहमान को पार्टी हाईकमान इग्नोर नहीं करेगा। अगर अता उर रहमान की चली और मुस्लिम जिला अध्यक्ष बनाया गया तो इंजीनियर अनीस अहमद खां का रास्ता साफ हो सकता है। हालांकि, हिन्दू जिला अध्यक्ष चुना गया तो यह कुर्सी अता उर रहमान के करीबी पंडित दीपक शर्मा के खाते में भी जा सकती है। वहीं, अनुराग सिंह नीटू भी मजबूती से खड़े नजर आ रहे हैं। चूंकि, अता उर रहमान के पास संगठन में काम करने का लंबा अनुभव है। वह संगठन में विभिन्न पदों पर अहम जिम्मेदारियां भी निभा चुके हैं। ऐसे में अगर उनकी करीबी को अध्यक्ष की कुर्सी मिलती है तो यह अनुभव भी पार्टी की मजबूती में काम आएगा।
वहीं, शमीम खां सुल्तानी अब तक संगठन में ही काम करते रहे हैं। वह भी पार्टी में अहम भूमिका निभाते रहे हैं। निवर्तमान अध्यक्ष भी हैं। ऐसे में उनके अनुभव का लाभ भी पार्टी को मिलेगा।
पूर्व मंत्री भगवत सरन गंगवार, सुल्तान बेग सहित पार्टी के नेताओं से उनकी भी काफी निकटता है। अता उर रहमान से भी उनके संबंधों में कोई तल्खियत नहीं है।
लोकसभा के दूसरे संभावित उम्मीदवार पूर्व सांसद प्रवीण सिंह ऐरन हैं। अगर महानगर अध्यक्ष और जिला अध्यक्ष के चयन में उनकी भूमिका रही तो मुकाबला कांटे का हो सकता है। क्योंकि प्रवीण सिंह ऐरन की पत्नी सुप्रिया ऐरन को विधानसभा चुनाव लड़ाने में शमीम खां सुल्तानी और इंजीनियर अनीस अहमद खां दोनों की ही अहम भूमिका रही थी। टिकट कटने के बावजूद अनीस अहमद खां हर मोर्चे पर सुप्रिया ऐरन के साथ खड़े नजर आए।
बहरहाल, इतना तय माना जा रहा है कि प्रदेश की स्थिति चाहे जो भी रहे मगर बरेली में महानगर एवं जिला अध्यक्ष दोनों ही पदों पर नए चेहरे काबिज होंगे।
बताया जाता है कि प्रदेश कार्यकारिणी की घोषणा के तत्काल बाद नए महानगर एवं जिला अध्यक्षों की घोषणा कर दी जाएगी। माना जा रहा है कि अक्टूबर के दूसरे सप्ताह में बरेली को नया जिला अध्यक्ष और महानगर अध्यक्ष मिल जाएगा।

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