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नए कांग्रेस जिला अध्यक्षों की नियुक्ति पर ये क्या बोल गईं पंजाब प्रभारी आशा कुमारी, पढ़ें…

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नीरज सिसौदिया, चंडीगढ़
आगामी लोकसभा चुनाव को देखते हुए भारतीय जनता पार्टी और शिरोमणि अकाली दल संगठन को पूरी तरह से मजबूत बनाने में जुट गए हैं लेकिन कॉन्ग्रेस इस मामले में पिछड़ती नजर आ रही है| अकाली दल और भाजपा ने जहां प्रदेश अध्यक्ष से लेकर वार्ड प्रधान तक बदल डाले हैं वहीं कांग्रेस अब तक जिलाध्यक्षों पर भी फैसला नहीं कर पाई है| बताया जाता है कि हाईकमान ने तो नए जिला अध्यक्षों की सूची प्रदेश नेताओं के पास भेज दी है लेकिन प्रदेश स्तरीय नेताओं में अभी भी संशय की स्थिति बरकरार है|
इस संबंध में पंजाब कांग्रेस की प्रभारी आशा कुमारी ने इंडिया टाइम 24 से खास बातचीत में कहा कि हमारे सभी जिलाध्यक्ष बहुत ही अच्छा काम कर रहे हैं| ऐसे में उन्हें बदलने की जरूरत ही नहीं है| कुछ जगहों पर जहां हमारे जिलाध्यक्ष विधायक या अन्य किसी पद पर आसीन हो चुके हैं वहीं के जिलाध्यक्ष बदले जाने हैं। उनकी जगह नए जिला अध्यक्षों की नियुक्ति कर दी जाएगी लेकिन इस संबंध में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुनील जाखड़ ही बेहतर बता सकते हैं| जब उनसे कहां गया कि भाजपा और अकाली दल तो अपने संगठन को मजबूत कर रहे हैं तो आशा कुमारी ने कहा कि भाजपा तो बिखरी हुई पार्टी है वह पूरी तरह से तितर-बितर हो चुकी है ऐसे में उन्हें जरूरत है कि वह नए लोगों को संगठन की कमान सौंपी लेकिन कांग्रेस को इसकी जरूरत नहीं है| कांग्रेस पूरी तरह से संगठित और मजबूत पार्टी है| जब हमारे जिलाध्यक्ष अच्छा काम कर रहे हैं तो फिर उन्हें क्यों बदला जाए| उन्होंने कहा कि जहां पर जिलाध्यक्ष बदले जाने हैं सिर्फ वही बदले जाएंगे बाकी प्रदेश में जिलाध्यक्ष बदलने हैं या नहीं बदलने हैं यह फैसला सुनील जाखड़ को करना है|

यूथ कांग्रेस का खत्म हो चुका है कार्यकाल
जालंधर में यूथ कांग्रेस की जिला इकाई का कार्यकाल पूरा हो चुका है। यह कार्यकाल 3 साल का था जो पिछले महीने ही खत्म हो चुका है| यूथ कांग्रेस की नई जिला इकाई बनने का इंतजार है| नेताओं को पार्षद की टिकट नहीं मिली या कोई अवतार या किसी भी कमेटी में जगह नहीं मिली वह नेता और जिला इकाई में जिम्मेदारी पाने की उम्मीद लगाए बैठे हैं| कुछ जिलाध्यक्ष बनने का सपना देख रहे हैं तो कुछ यूथ कांग्रेस अध्यक्ष का पद जाते हैं| अगर समय रहते कॉन्ग्रेस ने उन्हें बनती जिम्मेदारी नहीं दी तो आने वाले लोकसभा चुनाव में इसका खामियाजा कांग्रेस को भुगतना पड़ेगा|

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