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कांग्रेस या बसपा से वार्ड 23 के उम्मीदवार हो सकते हैं छोटू ठाकुर, खुद को घोषित कर चुके हैं प्रत्याशी, पढ़ें क्या है पूरा मामला?

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नीरज सिसौदिया, बरेली
वार्ड 23 इंदिरा नगर राजेंद्र नगर से खुद को प्रत्याशी घोषित कर चुके छोटू ठाकुर बहुजन समाज पार्टी या कांग्रेस से उम्मीदवारी ठोक सकते हैं। दोनों दलों ने उनसे संपर्क करने का प्रयास तेज कर दिया है। जब से छोटू ठाकुर के समर्थकों ने खुलकर भाजपा की नाकामियों के खिलाफ मीडिया को दिये गये बयानों के माध्यम से मोर्चा खोला है तब से वार्ड पार्षद सतीश चंद्र सक्सेना कातिब उर्फ मम्मा के खिलाफ उम्मीदवार के संकट से जूझ रही कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी को उम्मीद की एक किरण मिल गई है। बता दें कि छोटू ठाकुर मीरगंज तहसील के रहने वाले हैं। यहां वह एक किराये के मकान में रहते हैं।

दरअसल, वार्ड 23 में कांग्रेस और बसपा को मौजूदा पार्षद सतीश कातिब मम्मा के खिलाफ उम्मीदवार ही नहीं मिल रहे थे। इसके बाद समाजसेवी छोटे ठाकुर ने वार्ड में जगह – जगह बैनर पोस्टर लगाए। जिसमें उन्होंने लिखा है कि वार्ड 23 से प्रत्याशी छोटे ठाकुर समाजसेवी। इसके बाद छोटू ठाकुर के समर्थकों ने भाजपा के मेयर, विधायक और पार्षद तक की धज्जियां उड़ाते हुए मीडिया को बताया कि भाजपा विकास के जो दावे कर रही है वह सारे दावे खोखले हैं। कहीं कोई विकास नहीं हुआ। अरुण कुमार के मंत्री बनने के बावजूद नालियां तक साफ नहीं हो रही हैं। मेयर के स्मार्ट सिटी के दावों की पोल छोटू ठाकुर के समर्थकों ने खुलेआम खोली। इसके बाद कांग्रेस और बसपा नेताओं को यह समझ आ गया कि भाजपा के झूठ का अगर कोई पर्दाफाश कर सकता है तो वह छोटे ठाकुर और उनके समर्थक ही हैं। हालांकि, छोटू ठाकुर कायस्थ समाज से ताल्लुक नहीं रखते हैं और कायस्थों में उनकी कोई पकड़ नहीं है लेकिन जाटव समाज का साथ उन्हें मिल सकता है। उनके सहयोगियों में कुछ प्रमुख लोग दलित समाज से ताल्लुक रखते हैं। सूत्र बताते हैं कि दोनों ही दलों के आला नेताओं के साथ छोटू ठाकुर की बैठक भी हो चुकी है। कश्मकश यह है कि वह किस पार्टी को चुनें। सूत्र बताते हैं कि छोटू ठाकुर उस पार्टी से चुनाव लड़ना चाहते हैं जिसका जनाधार ज्यादा हो क्योंकि मम्मा जैसे दिग्गज पार्षद से अपने दम पर लोहा लेना आसान नहीं होगा। इसकी सबसे बड़ी वजह यह है मम्मा की दलितों के साथ ही मुस्लिम समुदाय में भी अच्छा पकड़ और कायस्थ वोट तो उनकी अपनी बिरादरी का और उनका पारंपरिक वोट बैंक है। बहरहाल, भाजपा के खोखले दावों के खिलाफ छोटू ठाकुर के समर्थकों ने माहौल तैयार किया है उसने दम तोड़ते विपक्षी दलों के लिए संजीवनी का काम किया है। भाजपा को आईना दिखाने का जो काम छोटे ठाकुर ने कर दिखाया वह कोई नहीं कर पाया। खास तौर पर मेयर उमेश को जो इंदिरा नगर राजेंद्र नगर में किये गए विकास कार्यों को अपनी सबसे बड़ी उपलब्धि बताते नहीं थकते, छोटू ठाकुर के समर्थकों ने उनके दावों की भी पोल खोलकर रख दी है। एक महिला ने तो यहां तक कह दिया कि उनके पेंशन और आधार कार्ड तक के काम नहीं किए गए। बहरहाल, चुनावी बिगुल बज चुका है और छोटू ठाकुर भाजपा को बेनकाब करने में अहम भूमिका निभाते नजर आ रहे हैं।

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