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लगन की रात दादा की मौत, शव घर में रख सादगी से हुई पोती की शादी

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रामचंद्र कुमार अंजाना, बोकारो थर्मल

पोता पोती की शादी देखने की हर दादा दादा की इच्छा होती है। वे चाहते हैं कि उनके रहते अपने पोता पोती की शादी हो जाय। लेकिन प्रकृति के आगे किसी का नहीं चलता है। कब किसकी मौत हो जाय यह कोई नहीं जानता है। ऐसा ही एक घटना बिष्णुगढ़ के नागी हुई है। नावाडीह प्रखंड के मुंगो-रंगामाटी के बुलाकी महतो व पार्वती देवी के कनिष्ठ पुत्र सीताराम महतो की बिष्णुगढ़ के नागी के फुलचंद महतो व सुनिता देवी की एकलौती पुत्री कुमारी पूर्णिमा (तन्नु) की लगन 23 नंबवर को तय हुई थी। संगे-संबंधियों और अन्य रिश्ते-नाते के यहां निमंत्रण कार्ड भी बंट गए थे। तय समय के अनुसार मुंगो-रंगामाटी के दुल्हा पक्ष को लोग 23 को लगन कर दुल्हन पक्ष के घर से वापस भी आ गए। तीन दिन की वैवाहिक लगन को लेकर दुल्हा और दुल्हन पक्ष के घरों में उत्साह से सरोवर था। कि लगन की देर रात में ही कन्या के दादा 67 वर्षीय दादा डेगलाल महतो का निधन हो गया। वें कई दिनों से बिमार चल रहें थे। दुल्हन के दादा निधन के बाद दोनों के घरों में वैवाहिक रस्मों में रूकावट हो गयी है। उसके बाद दादा के शव को एक घर में विधि पूर्वक बंद कर रख दिया गया। इसके बाद दुल्हन को शादी के तय समय के पूर्व दुल्हा के घर पहुंचाया गया। फिर 25 नंवबर की रात दोनों की शुभ मुर्हूत में सादगी से शादी करा दी गयी। इसके बाद 26 नंबवर को सुबह दुल्हन के दादा डेगलाल महतो को नागी गांव में शव यात्रा निकाली गयी। शव यात्रा में पूरे गांव के गणमान्य व रिश्तेदार शामिल हुए। गांव के राजदाहा-फेडिया नदी तट पर दादा का अंतिम संस्कार किया गया। अपनी एकलौती पोती की शादी की देखने की इच्छा पूरी नहीं हो पायी।
हजारीबाग में स्नातक की छात्रा है दुल्हन, उडीसा में इंजीनियर है दुल्हाः दुल्हा सीताराम महतो उडीसा में एमके पावर कंपनी में बतौर इंजीनियर के पद पर कार्यरत है। दुल्हन कुमारी पूर्णिमा महतो हजारीबाग स्थित विनोवा भावे विश्व विधालय में स्तानक की छात्रा है।


बेटी, बहूओं व बेटे दी अर्थी कंधाः डेगलाल महतो की अर्थी को बेटी, बहू और बेटे ने कंधा दिया। जिस घर में शादी की शहनाई बनजे वाली थी, उस घर में मातम पसर गयी थी। बेटी बेटी, बहू और बेटे के कंधे में अर्थी देख नागी गांव की हर आंखे नम हो गयी थी। दुल्हन के छोटे दादा सुखलाल महतो ने बताया कि परिवार के सदस्य विवाह के उमंग में नाच-गान कर रहे थे। भाई डेगलाल महतो भी पोती के शादी से खुश थे। सब कुछ ठीक चल रहा था कि लगन की रात का अचानक भाई का निधन हो गया। कुछ दिनों से मां बीमार चल रहें थे। उनके निधन से विवाह का माहौल गम में बदल गया है।

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