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बिल्डरों से पैसे लेते हैं, भाजपा से यारी और सपा से गद्दारी करते हैं राजेश अग्रवाल, पार्टी से किए जाएंगे निष्कासित, सपा अध्यक्ष शमीम खां सुल्तानी ने किए कई खुलासे, पढ़ें क्या-क्या कहा?

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नीरज सिसौदिया, बरेली
समाजवादी पार्टी के महानगर अध्यक्ष शमीम खां सुल्तानी ने अपनी ही पार्टी के पार्षद और महानगर उपाध्यक्ष राजेश अग्रवाल द्वारा लगाए गए टिकट बेचने संबंधी सभी आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए कई हैरान करने वाले खुलासे किए हैं। शमीम खां सुल्तानी ने इंडिया टाइम 24 के साथ विशेष बातचीत में कहा कि राजेश अग्रवाल पद के लोभी व्यक्ति हैं। उन्हें पार्टी से कोई लेना देना नहीं है। वह शहर के बिल्डरों से पैसे लेते हैं जिस कारण वह बरेली विकास प्राधिकरण के सदस्य का चुनाव पार्टी से बगावत करके लड़े। यह बहुत बड़ी अनुशासनहीनता है क्योंकि उन्होंने चुनाव से पहले स्वयं पार्टी को लिखित रूप से अपना मंतव्य देते हुए कहा था कि बीडीए सदस्य के चुनाव में पार्टी जिस किसी को भी प्रत्याशी बनाएगी उन्हें पार्टी का निर्णय स्वीकार्य होगा। इसके बावजूद उन्होंने न सिर्फ पार्टी प्रत्याशी का विरोध किया बल्कि निर्दलीय चुनाव लड़कर सारी मर्यादाओं को तार-तार कर दिया। शमीम खां सुल्तानी ने कहा कि राजेश अग्रवाल ने पार्टी हित को दरकिनार कर निजी स्वार्थ के चलते ऐन वक्त पर पार्टी को धोखा दिया है। उनका यह कृत्य माफी के योग्य बिल्कुल भी नहीं है। अत: वह खुद पार्टी हाईकमान से यह अनुशंसा करेंगे कि राजेश अग्रवाल को पार्टी से निष्कासित किया जाए।

बीडीए मेंबर के चुनाव को लेकर पार्षदों के साथ बैठक करते शमीम खां सुल्तानी

बता दें कि हाल ही में हुए बीडीए मेंबर के चुनाव में समाजवादी पार्टी ने राजेश अग्रवाल को टिकट न देकर पार्षद अब्दुल कय्यूम खां उर्फ मुन्ना को मैदान में उतारा था। इसके बाद राजेश अग्रवाल निर्दलीय चुनाव लड़े और 22 वोट हासिल कर चुनाव जीत लिया। वहीं, सपा उम्मीदवार अब्दुल कय्यूम खां उर्फ मुन्ना को महज छह वोट ही मिले। इसके बाद राजेश अग्रवाल ने महानगर अध्यक्ष पर मनमानी करते हुए नगर निगम चुनाव से लेकर बीडीए चुनाव तक टिकट बेचने सहित कई गंभीर आरोप लगाए थे।

पार्षदों द्वारा करवाए गए हस्ताक्षर और राजेश अग्रवाल द्वारा हस्ताक्षरित कागज जिस पर उन्होंने लिखा है कि वह पार्टी द्वारा लिए गए निर्णय के साथ रहेंगे।

शमीम खां सुल्तानी ने सभी आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि राजेश अग्रवाल को पार्टी ने हमेशा सिर आंखों पर बिठाया लेकिन उन्होंने पार्टी को क्या दिया? उन्होंने हमेशा अपने हितों को सर्वोपरि रखा। उन्होंने कहा कि पार्टी किसी एक ही व्यक्ति के लिए नहीं होती। राजेश अग्रवाल को लंबे समय तक पार्टी ने बीडीए मेंबर का चुनाव लड़ाया। उन्हें विधानसभा का टिकट भी दिया। अब हर पद सिर्फ एक ही व्यक्ति को नहीं दिया जा सकता। अन्य समर्पित कार्यकर्ताओं को भी आगे बढ़ने का अधिकार है। अब्दुल कय्यूम खां उर्फ मुन्ना पांचवीं बार पार्षद बने हैं। इसलिए उनका हक बनता था। मैं अपने रहते पार्टी के मेहनती और समर्पित कार्यकर्ताओं की उपेक्षा नहीं होने दे सकता। मैं सभी कार्यकर्ताओं को एक ही नजरिये से देखता हूं। राजेश अग्रवाल जो आरोप लगा रहे हैं, उसका सबूत पेश करें। अगर एक भी प्रत्याशी यह कह दे कि मैंने पैसे लेकर टिकट बेचने का काम किया है तो मैं राजनीति छोड़ दूंगा। मैं टिकट कैसे बेच सकता हूं जबकि टिकट का फैसला तो पार्टी हाईकमान करता है। रही बात पार्षदों की राय न लेने की तो सभी पार्षदों की बैठक की गई थी जिसमें खुद राजेश अग्रवाल भी शामिल थे। सभी पार्षदों ने रजिस्टर पर हस्ताक्षर भी किए हैं जिसकी फोटो मैंने आपको उपलब्ध करा दी है। ऐसे में राय न लेने वाली बात भी हवा हवाई है। मुझे तो किसी को टिकट देने का अधिकार ही नहीं है। ऐसे में राजेश अग्रवाल के सभी आरोप खुद-ब-खुद बेबुनियाद हो जाते हैं। जो बर्दाश्त योग्य नहीं हैं। इसलिए हमने यह निर्णय लिया है कि पार्टी हाईकमान से यह अनुशंसा की जाएगी कि राजेश अग्रवाल को पार्टी से निष्कासित किया जाए।

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