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शमीम अहमद के विरोधियों के उड़े होश, साजिश रचने वाले हुए बेनकाब, शहजिल इस्लाम को भड़काने वाले ने कबूला गुनाह, जानिए किसने रची थी सपा पार्षद शमीम अहमद और शहजिल इस्लाम के बीच दरार डालने की साजिश?

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नीरज सिसौदिया, बरेली
शहर में पिछले दिनों समाजवादी पार्टी के पार्षद शमीम अहमद से पूर्व मंत्री और भोजीपुरा से सपा विधायक शहजिल इस्लाम की नाराजगी की चर्चा आम थी। चर्चा थी कि सपा पार्षद शमीम अहमद ने दस अक्टूबर को पार्टी कार्यालय में सपा संस्थापक स्वर्गीय नेताजी मुलायम सिंह यादव के पुण्यतिथि समारोह में शमीम अहमद ने शहजिल इस्लाम के चाचा अखलाक अहमद को ‘भोजीपुरा के भावी विधायक’ कहकर संबोधित किया और उनका स्वागत किया। इस पर शहजिल इस्लाम नाराज हो गए और जब शमीम अहमद अपने साथी नूर मोहम्मद के साथ शहजिल इस्लाम को अपने भाई के निकाह का निमंत्रण कार्ड देने पहुंचे तो शहजिल ने उनके समक्ष अपनी नाराजगी व्यक्त की। इस पर शमीम अहमद ने ऐसी किसी भी बात से इनकार कर दिया। बताया जाता है कि शहजिल इस्लाम ने जब शमीम अहमद के खिलाफ भड़काने वाले का नाम जाहिर किया तो शमीम अहमद को पूरा माजरा समझ आ गया।

शहजिल इस्लाम

इसके बाद असल गुनहगार की तलाश शुरू हुई और शमीम अहमद शहजिल इस्लाम को भड़काने वाले रेहान अंसारी के घर जा पहुंचे। वहां रेहान अंसारी ने चौंकाने वाला खुलासा किया। रेहान ने बताया कि महानगर कार्यकारिणी के एक पदाधिकारी ने रेहान को शहजिल तक शमीम अहमद के खिलाफ झूठी जानकारी पहुंचाने की साजिश रची थी। रेहान ने स्वीकार किया कि उसने महानगर के उस पदाधिकारी के कहने पर ही शहजिल को झूठी जानकारी दी थी। रेहान के इस इकबालिया बयान को शमीम अहमद के साथ गए उनके एक मित्र ने रिकॉर्ड कर लिया। वीडियो में रेहान अंसारी स्पष्ट रूप से कह रहा है कि शमीम भाई आप जिसके साथ दिन-रात रहते हो उसी ने आपके खिलाफ पूरी साजिश रची थी और मुझे इस साजिश में शामिल किया गया। इसके बाद महानगर सपा का वो पदाधिकारी बेनकाब हो गया जिसकी जानकारी शहजिल इस्लाम को भी दे दी गई है।

रेहान अंसारी

इसके बाद उस सपा नेता के होश फाख्ता हो गए। अपनी ही पार्टी को तोड़ने में लगे हुए इस सपा नेता की मुश्किलें आने वाले दिनों में और बढ़ती नजर आ रही हैं। बहरहाल, शहजिल इस्लाम की गलतफहमी अब दूर हो चुकी है और शमीम अहमद के साथ उनके रिश्ते पहले की ही तरह सुधर गए हैं।
बता दें कि शमीम अहमद समाजवादी पार्टी के उन चंद नेताओं में शुमार हैं जो चार-चार महानगर अध्यक्षों की कमेटी का हिस्सा रहे हैं। वह कदीर अहमद, डॉ मोहम्मद खालिद, जफर बेग के कार्यकाल के दौरान महानगर कमेटी में अलग-अलग पदों पर रह चुके हैं। साथ ही शमीम खां सुल्तानी के पिछले कार्यकाल में महानगर कमेटी में उपाध्यक्ष रह चुके हैं। पार्टी के सभी दिग्गज नेताओं के साथ उनके पारिवारिक संबंध हैं। यही वजह है कि उनके कुछ विरोधी सपा नेता उनके खिलाफ साजिशें कर इन संबंधों को खराब करना चाहते हैं जबकि शमीम अहमद पार्टी को तोड़ने की जगह जोड़ने में विश्वास करते हैं। इसका बेहतरीन नमूना उस वक्त देखने को मिला जब उन्होंने अपने धुर विरोधी रहे पार्षद अब्दुल कय्यूम खां उर्फ मुन्ना और गौरव सक्सेना के साथ सारे गिले-शिकवे भूलकर पार्टी हित के लिए दोस्ती कर ली थी।

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