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उम्मीदों की राहों पर अरमानों का सफर पूरा कर रहीं डॉक्टर फहमी खान, सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा वीडियो

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नीरज सिसौदिया, बरेली
जिंदगी में ख्वाबों की बहुत अहमियत होती है और इंसान को सबसे ज्यादा तकलीफ भी तब होती है जब वो कोई सपना देखता है और वो पूरा नहीं होता। ऐसा ही एक सपना है जो शादी के बाद न सिर्फ पति-पत्नी का होता है बल्कि दो परिवारों का भी होता है। लेकिन वैज्ञानिक कारणों के चलते कई बार ये सपना पूरा नहीं हो पाता। ऐसे ही बेबस दंपति के अरमानों के सफर को उम्मीदों की मंजिल तक पहुंचाने का काम कर रही हैं डॉ. फहमी खान। डॉ. फहमी खान बरेली के सैटेलाइट बस अड्डे के पास स्थित मैक्स लाइफ सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल एंड फहमी आईवीएफ सेंटर की डायरेक्टर और जानी-मानी गायनेकोलॉजिस्ट हैं। वह समाजसेवा के क्षेत्र में भी अहम भूमिका निभा रही हैं। इन दिनों सोशल मीडिया पर डॉ. फहमी खान का एक वीडियो खूब वायरल हो रहा है। इस वीडियो में वो अपने आईवीएफ सेंटर की आधुनिक मशीनों के माध्यम से आईवीएफ तकनीक से बच्चे को जन्म देने की प्रक्रिया के बारे में विस्तार से बताती नजर आ रही हैं।


इस वीडियो की चर्चा इसलिए भी सबसे ज्यादा हो रही है क्योंकि इसमें फहमी खान उसूलों के साथ कारोबार की बात करती नजर आ रही हैं।
दरअसल, फहमी खान वीडियो में एक जगह कहती दिखाई दे रही हैं, ‘हमारे आईवीएफ सेंटर में सिर्फ पति-पत्नी के स्पर्म से ही बच्चे को जन्म दिया जाता है, हम किसी अन्य डोनर का प्रयोग करके बच्चे का जन्म नहीं कराते क्योंकि यह मेरे उसूलों के खिलाफ है।’

यहां देखें वीडियो👇

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बाजारवादी इस युग में जहां अस्पताल और आईवीएफ सेंटर महज पैसा कमाने का जरिया बन चुके हैं वहां उसूलों की बात करना कुछ अटपटा सा जरूर लग सकता है लेकिन डॉ. फहमी खान अपने उसूलों के साथ आगे बढ़ती नजर आ रही हैं जिसकी काफी सराहना की जा रही है। डॉ. फहमी चाहतीं तो बाहरी डोनर का इस्तेमाल करके लाखों रुपए कमा सकती थीं लेकिन उन्होंने उसूलों से समझौता करना मुनासिब नहीं समझा और सिर्फ पति-पत्नी के ही स्पर्म लेने का निर्णय लिया। अगर पति-पत्नी के स्पर्म की क्वालिटी अच्छी नहीं भी है तो भी उन्हें परेशान होने की कोई जरूरत नहीं है। डॉ. फहमी के आईवीएफ सेंटर में ऐसी अत्याधुनिक मशीनें उपलब्ध हैं जिनके माध्यम से खराब गुणवत्ता वाले स्पर्म भी बच्चे के जन्म की राह में बाधा नहीं बन सकते हैं।


बता दें कि फहमी खान लगभग दो दशक से चिकित्सा के क्षेत्र में अहम भूमिका निभाती आ रही हैं और उनकी गिनती बरेली की जानी-मानी गायनेकोलॉजिस्ट के रूप में होती है। लगभग डेढ़ साल पहले ही उन्होंने सैटेलाइट बस अड्डे के पास अपने आईवीएफ सेंटर की शुरुआत अत्याधुनिक मशीनों के साथ की है। इतने कम समय में ही उनके इस हॉस्पिटल ने काफी लोकप्रियता हासिल कर ली है। उनकी लोकप्रियता का सबसे बड़ा कारण उनके हॉस्पिटल में लोअर क्लास, मिडिल क्लास मरीजों को भी बेहद कम दामों में दी जा रही हाईक्लास सुविधाएं हैं। यही वजह है कि यहां न सिर्फ बरेली और आसपास के जिलों से बल्कि उत्तराखंड से भी बड़ी संख्या में मरीज पहुंच रहे हैं।

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