यूपी

पुलिस ने नहीं सुनी तो विधानसभा के सामने पत्नी और बच्चों के साथ किया आत्मदाह का प्रयास, मामला दर्ज, पढ़ें क्या है पूरा मामला?

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लखनऊ। राजधानी में हजरतगंज स्थित विधान भवन के सामने निगोहां से आए एक परिवार ने आत्मदाह का प्रयास किया। पुलिस की मुस्तैदी से उन्हें बचा लिया गया। पुलिस के मुताबिक, शुक्रवार को दोपहर में विधान भवन के सामने, राजकमल रावत ने अपनी समस्या को लेकर अपनी पत्नी व बच्चों के साथ आत्मदाह का प्रयास किया लेकिन पुलिस ने उन्हें ऐसा करने से रोक दिया। पुलिस ने बताया कि सितंबर 2024 में निगोहां के कांटा गांव के एक युवक शहंशाह को रात में उसके घर के बाहर गोली मारी गयी थी। शहंशाह ने अपने बयान में कहा था कि उसी के गांव के राजकमल ने उसे गोली मारी थी। इन दोनों के बीच जमीन का विवाद था। शहंशाह के बयान के आधार पर आरोपी राजकमल (आज आत्मदाह का प्रयास करने वाला व्यक्ति) को गिरफ्तार कर उसके पास से असलहा भी बरामद किया गया था। इसके बाद राजकमल को अदालत ने जेल भेज दिया था। पुलिस के मुताबिक, चार दिन पहले राजकमल जेल से बाहर आया था। उसने आरोप लगाया कि शहंशाह और उसके करीबियों ने उसके खिलाफ झूठा मुकदमा दर्ज कराया था जिसकी वजह से वह जेल में रहा। उसके अनुसार, जेल से बाहर आने के बाद भी उसे और उनके परिवार को परेशान किया जा रहा है। राजकमल का आरोप है कि विरोधियों द्वारा परेशान करने के कारण वह परिवार के साथ आत्मदाह का प्रयास करने यहां आया था। पुलिस मामले की जांच कर रही है। पुलिस ने बताया कि राजकमल के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 226 (किसी लोक सेवक को उसके आधिकारिक कर्तव्य करने से रोकने या मजबूर करने के इरादे से आत्महत्या करने की कोशिश) के तहत मामला दर्ज किया गया है।

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