समाजवादी पार्टी के चिकित्सा प्रकोष्ठ के अध्यक्ष डॉक्टर अनीस बेग इन दिनों सुर्खियों में हैं। वह पीडीए (पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्य) के कई सम्मेलन आयोजित कर चुके हैं और अब डोर-टू-डोर जाकर पीडीए पर चर्चा कर रहे हैं। वर्ष 2027 के विधानसभा चुनावों के लिए वह कैंट विधानसभा सीट से सपा के टिकट के प्रबल दावेदार हैं। गली-मोहल्लों से लेकर सोशल मीडिया तक वो छाए हुए हैं। आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर उनकी क्या तैयारियां हैं? हाल ही में इटावा में कथावाचकों का सिर मुंडवा दिया गया था, इस घटनाक्रम को अनीस बेग किस नजरिये से देखते हैं? बचपन में मंदिरों में जाकर शौकिया तौर पर कथा पढ़ने वाले अनीस बेग कभी दीपावली की खुशियां बांटते नजर आते हैं तो कभी ‘आओ गले मिलें’ जैसे कार्यक्रमों का आयोजन कर होली और ईद का जश्न साथ-साथ मनाते हैं। ऐसे में सनातन धर्म को लेकर वो क्या सोच रखते हैं? अनीस बेग की नजर में कैंट विधानसभा सीट के वो कौन-कौन से प्रमुख मुद्दे हैं जिनका समाधान आज तक नहीं हो सका है? अगर उन्हें कैंट विधायक बनने का मौका मिलता है तो वो विधानसभा के लिए क्या करना चाहेंगे? ऐसे कई सवालों के डॉक्टर अनीस बेग ने बड़ी बेबाकी से जवाब दिए। पेश हैं इंडिया टाइम 24 के संपादक नीरज सिसौदिया के साथ डॉक्टर अनीस बेग की विशेष बातचीत के मुख्य अंश…
सवाल : आपकी चुनावी तैयारियों की चर्चा पूरे शहर में हो रही है। क्या आगामी विधानसभा चुनाव के लिए 125 बरेली कैंट विधानसभा सीट से दावेदारी कर रहे हैं?
जवाब : जी बिल्कुल। सौ प्रतिशत दावेदारी कर रहा हूं। मैं लखनऊ गया था और राष्ट्रीय अध्यक्ष माननीय अखिलेश यादव जी के समक्ष मैंने अपनी बात भी रखी है। मैंने बहुत तैयारी की है और बहुत मेहनत भी कर रहा हूं। आप देख सकते हैं, चौक-चौराहों से लेकर गली मोहल्ले तक और प्रिंट मीडिया से लेकर सोशल मीडिया तक मेरी तैयारियों की गवाही मेरा काम खुद-ब-खुद दे रहा है। जनता भी चाहती है कि मैं चुनाव लड़ूं और मैं भी यही चाहता हूं। और अगर मैं विधायक बना तो अच्छा करके दिखाऊंगा। मेरा सपना कैंट विधानसभा क्षेत्र को आदर्श विधानसभा क्षेत्र बनाना है।
सवाल : अब तक अपने कैंट विधानसभा क्षेत्र में पार्टी को मजबूत करने के लिए क्या-क्या प्रयास किए हैं?
जवाब : सबसे पहले मैंने पार्टी से लोगों को जोड़ने के प्रयास किए हैं। समाजवादी पार्टी समाज के सभी वर्गों को साथ लेकर चलती है और पीडीए भी उसी का नारा है। इसमें पिछड़े हैं, दलित हैं, अल्पसंख्यक हैं और अगड़ी जातियां भी हैं जो वंचित हैं।
मैंने भी इसी तर्ज पर सबको साथ में लेकर चलने की कोशिश की है, सबको जोड़ने का प्रयास किया है और बूथ स्तर पर भी काम किया है। 366 बूथ हैं हमारे कैंट विधानसभा क्षेत्र में, मैंने हर बूथ में एक्टिव मेंबर जोड़ने का काम किया है। साथ ही सेक्टर स्तर पर और जोन स्तर पर भी काफी काम किया है।
मैंने पीडीए की कई स्तर पर मीटिंगें करवाई हैं और उसमें सबसे ज्यादा सहयोग मेरे हिंदू भाइयों का रहा है, मेरी हर मीटिंग में लगभग 80% हिंदू भाई रहते हैं। जो लोग समाजवादी पार्टी से नहीं जुड़े थे और भाजपा को वोट करते थे लेकिन भाजपा ने उन पर ध्यान नहीं दिया, ऐसे लोगों को भी मैंने जोड़ने का काम किया है। इनमें वाल्मीकि समाज है, पाल समाज है, प्रजापति समाज है, लोधी समाज है, ऐसे कई समाज के लोग हैं जिन्हें पार्टी से जोड़ा है मैंने। मैं इन लोगों के बीच में गया हूं। उनके घरों में जाकर उनकी समस्याओं को जाना है।
कुछ समय पहले ही प्रोग्राम किया था ‘आओ गले मिलें’ होली और रमजान के अवसर पर, बहुत अच्छा रिस्पांस मिला था उसे। पूरे शहर के लोग पहुंचे थे उस कार्यक्रम में और एक बहुत अच्छा संदेश गया था। हम सब लोग हिंदुस्तान के वासी हैं और एक- दूसरे का त्योहार मनाएं, एक- दूसरे के साथ मिलकर रहे और एक-दूसरे से गले मिलें यही संदेश था उस कार्यक्रम का।
सवाल : तो क्या यह कहा जाए कि अब तक जो हिंदू मुस्लिम की राजनीति चल रही थी वह अब जाति पर आ गई है?
जवाब : जी नहीं, बिल्कुल नहीं। हम लोग पिछड़े, दलित और अगड़ों को साथ लेकर चल रहे हैं। हमारा मकसद यह है कि जो वंचित हैं, चाहे वो पिछड़े हों, दलित हों या फिर वह अगड़ी जातियों के हों, उन सभी को साथ लेकर चलें। जातिवाद कहीं नहीं है हमारे बीच। हम लोग समाज की राजनीति करते हैं, समाजवाद का मतलब सभी समाज के लोग।
सवाल : कैंट विधानसभा क्षेत्र के कौन-कौन से प्रमुख मुद्दे हैं आपकी नजर में?
जवाब : देखिये, कैंट विधानसभा क्षेत्र के पांच प्रमुख मुद्दे हैं मेरी नजर में। पहला चिकित्सा, दूसरा शिक्षा, तीसरा बेरोजगारी, चौथा सुभाष नगर पुलिया और पांचवां बिजली संकट। इनके अलावा जलभराव और गली-मोहल्लों की सड़कों का मुद्दा भी अहम है। अभी यहां बारिश हो रही है, जगह-जगह पानी भर रहा है। सुभाष नगर पुलिया का मुद्दा है। आज तक वहां फ्लाईओवर नहीं बन पाया है। हर बार चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के लोग यह वादा करते हैं कि सुभाष नगर के लोगों को फ्लाईओवर बनाकर इस जल जमाव की समस्या से निजात दिलाएंगे लेकिन अभी तक ऐसा नहीं हो पाया है। इससे बहुत परेशान हैं सुभाष नगर के लोग। यह बहुत बड़ा मुद्दा है कैंट विधानसभा क्षेत्र का।
इस बार बदलाव वहां पर भी होगा क्योंकि बहुत लोग परेशान हैं इस समस्या से।
यहां चिकित्सा की बहुत बड़ी समस्या है। हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव जी ने यहां 300 बेड अस्पताल बनाकर दिया था लेकिन उसमें भी आज जीरो सुविधाएं हैं। गरीब आदमी के लिए कोई सुविधा नहीं है। अमीर आदमी तो प्राइवेट हॉस्पिटल में चला जाएगा लेकिन गरीब के लिए चिकित्सा के क्षेत्र में कैंट विधानसभा क्षेत्र में कुछ नहीं किया गया है। अखिलेश जी ने बहुत अच्छा हॉस्पिटल दिया था ये लोग उसी को मेंटेन कर लेते तो भी बहुत अच्छी बात थी लेकिन अस्पताल में विशेषज्ञ डॉक्टर तक नहीं हैं। जब डॉक्टर ही नहीं होगा तो इलाज कौन करेगा। शिक्षा की बहुत बड़ी समस्या है। यह पूरे प्रदेश की समस्या है। भाजपा सरकार ने 18000 स्कूल बंद करने का निर्णय लिया है जिनमें 5000 स्कूल बंद भी कर दिए गए हैं।
एक और सबसे बड़ी समस्या है रोजगार की। मैं डॉक्टर हूं, मेरे अस्पताल में रोजाना 10- 12 एप्लीकेशन आती है एमकॉम, बीकॉम पास लोगों की जो कोई भी काम करने को तैयार हैं। जो नौजवान आज डिग्रियां लेकर सड़कों पर घूम रहा है उसके पास सिर्फ बेरोजगारी है।
मूलभूत सुविधाओं की बात करें तो सड़कें बदहाल हैं। मेन रोड को छोड़ दिया जाए तो अंदर गलियों में, मोहल्ले में सड़कों की बहुत बुरी हालत है। वहां अभी तक सड़कें नहीं बनाई गई हैं जिससे लोग बेहाल हैं। बिजली की भी बड़ी समस्या है। यहां बिजली बहुत जा रही है। बिजली कटौती कभी-कभी तो चार से पांच घंटे तक हो जाती है और दूसरा लोगों के बिल बहुत ज्यादा आ रहे हैं। सुनने में आ रहा है कि सरकार बिजली और महंगी करने जा रही है। मेरी सरकार से अपील है कि बिजली की दरों में इजाफा न किया जाए। मैं अगर विधायक बना तो सारी अंडरग्राउंड इलेक्ट्रिसिटी की व्यवस्था करवाऊंगा। जिससे लोकल फाल्ट की समस्या से जनता को पूरी तरह से निजात मिलेगी और लोकल फाल्ट की वजह से कभी बिजली गुल नहीं होगी। उन्हें बिजली के ज्यादा दाम भी नहीं देने होंगे।
सवाल : पिछले चुनाव में एक मुद्दा बहुत गूंजा था कैंट विधानसभा सीट पर, वो था जरी-जरदोजी के कारोबार का। आपकी नजर में कितना बड़ा मुद्दा है यह और इसके लिए आपका नजरिया क्या है?
जवाब : बहुत बड़ा मुद्दा है जरी- सरदोजी के कारोबार का। जो लोग बेरोजगार थे वो लोग इस कारोबार में रहकर अपना गुजारा करते थे लेकिन यह कारोबार भी अब हाशिये पर चला गया है। सरकार की अनदेखी के चलते आज यह कारोबार दम तोड़ रहा है। अगर मुझे मौका मिलता है तो जरी जरदोजी के कारोबार के लिए एक ऐसा मार्केट, एक ऐसा हब बनाने का प्रयास करूंगा जो पूरी दुनिया को आकर्षित कर सके और जरी-जरदोजी का कारोबार पुनर्जीवित हो सके क्योंकि यहां का काम विदेश तक जाता था, तो मेरी कोशिश रहेगी कि जरी-जरदोजी का जो सामान है उसका ज्यादा से ज्यादा एक्सपोर्ट भी किया जा सके।
इसके लिए एक निर्यात केंद्र बनाया जाएगा। इससे लोगों को उनके घर में रोजगार मिलेगा और रोटी के लिए इन हुनरमंदों को पलायन नहीं करना पड़ेगा। यहां छोटे-छोटे एंटरप्रेन्योर हैं उन सभी को एक प्लेटफार्म मिलेगा।
सवाल : पिछले विधानसभा चुनाव से लेकर अब तक कैंट विधानसभा क्षेत्र में आप क्या बदलाव देखते हैं?
जवाब : मुझे यहां कोई बदलाव नजर नहीं आता। जैसी बदतर स्थिति पहले थी, वैसे ही अब भी है। न चिकित्सा के क्षेत्र में कोई बदलाव हुआ, न शिक्षा के क्षेत्र में कोई बदलाव हुआ, न बेरोजगारी की समस्या दूर हुई। इंफ्रास्ट्रक्चर में कह सकते हैं कि सड़क बनी लेकिन वह भी अव्यवस्थित तरीके से बनी, उनमें कोई ड्रेनेज सिस्टम नहीं बनाया गया। बरसात होती है तो पानी जमा हो जाता है। गली- मोहल्ले में तो सड़कें भी नहीं बनाई गई हैं। प्रॉपर तरीके से काम किया जाए तो कैंट विधानसभा बहुत अच्छी विधानसभा बन सकती है।

सवाल : इटावा में हाल ही में यादव समाज के कथावाचकों का सिर मुंड़वा दिया गया। किस नजरिए से देखते हैं इस तरह की घटनाओं को आप?
जवाब : देखिए किसी को भी जातिगत राजनीति नहीं करनी चाहिए। मैं तो यह समझता हूं कि सनातन धर्म ऐसा धर्म है जो सबको अपनाने वाला धर्म है। मैं भी अगर बचपन में मंदिर में जाता था, तब बड़े -बुजुर्ग लोग मुझसे भी कहते थे कि कथा पढ़ दो तो मैंने भी कथा पढ़ी है। उस दौर में इतना हिंदू- मुस्लिम में वैमनस्य की सियासत नहीं होती थी। बहुत प्यार था सब धर्मों में। ऐसा तो यह अब लोगों ने कर दिया है उस दौर में तो हम सब मिलकर रहते थे। एक- दूसरे के त्योहार मनाते थे, एक-दूसरे के धर्म का, रीति रिवाज का सम्मान करते थे। भारतीय जनता पार्टी ने जो हिंदू- मुस्लिम के बीच दूरियां बनाई हैं, इटावा की घटना उसी का नतीजा है और कुछ नहीं है। हिंदू- मुस्लिम सिख ईसाई सब एक हैं लेकिन आज भारतीय जनता पार्टी की वजह से हिंदू भाई आपस में लड़ रहे हैं, मैंने होली मिलन समारोह करवाया तो सब लोग आए उसमें। कहीं से ऐसा लगा ही नहीं कि हिंदू- मुस्लिम भी कुछ होता है। इटावा में जो कुछ भी हुआ वह बहुत ही ज्यादा निंदनीय है। बाबा साहब ने हमें जो संविधान दिया है उसमें इस तरह की चीजों के लिए कोई जगह नहीं है।
सवाल : विधानसभा चुनाव में अब महज डेढ़ साल का वक्त रह गया है। ऐसे में आपकी क्या तैयारी है?
जवाब : देखिए मैं चुनाव देखकर तैयारी नहीं करता, हर रोज जनता की सेवा करता हूं, उनके काम आता हूं। अगर कल चुनाव हो तो मैं कल चुनाव लड़ने में सक्षम हूं, मेरी पूरी तैयारी है, मैं हर वक्त चुनावी मोड में रहता हूं और उसी तरह काम करता हूं। डेढ़ साल का समय तो बहुत है, अगर पार्टी मुझे उम्मीदवार घोषित करती है तो मैं तो आज ही इलेक्शन लड़ने के लिए तैयार हूं। मैंने जितनी बैठकें और जितना जनंसंपर्क के किया है, मेरा दावा है कि पूरे प्रदेश में इतनी बैठकें और इस तरह का जनंसंपर्क किसी ने नहीं किया होगा। मेरी बूथ की टीमें तैयार हैं, मेरी सेक्टर, जोन की पूरी तैयारी है। मेरी सबसे बड़ी ताकत मेरे डॉक्टर हैं जो हर सौ कदम पर बैठे हुए हैं और एक-एक डॉक्टर से दो -ढाई सौ लोग रोज मिलते हैं। वो सब मेरे साथ हैं मेरे अपने लोग हैं।
सवाल : अगर पार्टी आपको टिकट देती है तो उस स्थिति में आपकी जीत का गणित क्या होगा?
जवाब : वोट प्रतिशत बढ़ाना मेरी पहली प्राथमिकता होगी और मैं इस पर काम कर रहा हूं। कैंट विधानसभा क्षेत्र में समाजवादी पार्टी की हार का सबसे बड़ा कारण यह है कि यहां पार्टी का आधार वोट बैंक होने के बावजूद वोट प्रतिशत कम रहता है। मुस्लिम क्षेत्रों में भी यह आंकड़ा 50 प्रतिशत के आसपास ही रहता है लेकिन अगर पार्टी मुझे मौका देती है तो कम से कम 70 से 75 प्रतिशत मतदान इन क्षेत्रों में होगा। इसके लिए मैंने बूथ स्तर पर तैयारी की है। मैं एक-एक घर से एक-एक वोटर को बूथ तक पहुंचाने का काम करूंगा और यह सुनिश्चित करूंगा कि वह मतदान कर सकें। उन्हें किसी भी तरह से मतदान करने से रोका न जा सके। मेरे डॉक्टर साथी रोजाना 200 से 300 लोगों से मिलते हैं और घर-घर पैगाम पहुंचा रहे हैं अखिलेश यादव का, समाजवादी पार्टी का और मेरा। मेरे डॉक्टर ही मेरी सबसे बड़ी ताकत है और जनता का भी मुझे पूरा साथ मिल रहा है।
सवाल : अगर किसी कारणवश पार्टी आपको उम्मीदवार नहीं बनाती है तो उस स्थिति में आपका निर्णय क्या होगा?
जवाब : समाजवादी पार्टी में टिकट उसी को मिलता है जो पार्टी के लिए जमीनी स्तर पर काम करता है। हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष माननीय अखिलेश यादव जी ने खुद यह घोषणा की है कि जो व्यक्ति जमीनी स्तर पर काम करेगा, बूथ स्तर पर पार्टी को मजबूत करने का काम करेगा और जीतने में सक्षम होगा उसी को टिकट दिया जाएगा। मैं इन सभी पैमानों पर खरा उतरता हूं, मेरा दावा है कि अगर कैंट विधानसभा क्षेत्र में इन मानदंडों पर सर्वे कराया जाएगा तो मेरा नाम उस सर्वे में पहले नंबर पर होगा। मैंने इतना काम किया है पार्टी को मजबूत करने के लिए और मेरी तैयारी अभी भी उसी तरह चल रही है। टिकट का अंतिम फैसला राष्ट्रीय अध्यक्ष का होगा। मेरी हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष माननीय अखिलेश यादव जी से यह अपील है कि अगर सर्वे में मेरा नाम पहले नंबर पर आता है तो मुझे टिकट दिया जाए, मैं कैंट सीट जीतकर पार्टी की झोली में डालने का काम करूंगा और अखिलेश यादव जी प्रदेश के मुख्यमंत्री बनेंगे।