नीरज सिसौदिया, बरेली
उत्तर प्रदेश में वर्ष 2027 में होने वाले विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहे हैं, सुरमा नगरी की चुनावी सरगर्मियां भी तेज होती जा रही हैं। शहर में होने वाले शादी समारोहों के साथ ही शायद ही कोई ऐसा सार्वजनिक आयोजन हो जहां चुनावी चर्चाएं जोर न पकड़ रही हों। बरेली महानगर में सबसे अधिक चर्चा जिस सीट की हो रही है वह है बरेली कैंट विधानसभा सीट। यह सीट इसलिए बेहद खास है क्योंकि यहां से समाजवादी पार्टी के तीन प्रमुख नेता दो साल पहले से ही अपनी पूरी ताकत झोंके हुए हैं और भाजपा में भी मौजूदा विधायक संजीव अग्रवाल एवं मेयर उमेश गौतम की टिकट की सियासी जंग भी इसी सीट से सुर्खियां बटोर रही है।
सबसे दिलचस्प बात यह है कि भाजपा और समाजवादी पार्टी की इस सियासत के बावजूद सबसे अधिक चर्चा जिस चेहरे की हो रही है वह चेहरा कांग्रेस का है। जहां भी कैंट सीट के समीकरणों की चर्चा होती है, दिग्गज कांग्रेस नेता और पूर्व कांग्रेस-सपा गठबंधन प्रत्याशी नवाब मुजाहिद हसन खां के जिक्र के बिना वह अधूरी ही रहती है। समाजवादी नेता खुलकर तो अपनी पार्टी के टिकट के दावेदार नेताओं का टिकट होने की बात करते हैं लेकिन जैसे ही दावेदार किनारे होते हैं वह यही कहते सुनाई देते हैं कि यह सीट कांग्रेस के खाते में जा रही है और नवाब मुजाहिद हसन खां का ही टिकट होने जा रहा है। नवाब मुजाहिद बड़ी खामोशी से इस पूरे नजारे का लुत्फ उठाते हैं और मुस्कुराकर कहते हैं, ‘मेरा चुनाव लड़ने का कोई इरादा नहीं है।’ समाजवादी पार्टी के महानगर के कुछ बड़े पदाधिकारी भी इस बात को स्वीकार करते हैं कि कैंट सीट कांग्रेस के हिस्से में जा रही है, वो पदाधिकारी नवाब मुजाहिद हसन खां के संपर्क में भी हैं और अंदरखाने चुनावी रण की तैयारियों में नवाब साहब की मदद भी कर रहे हैं।
नवाब मुजाहिद खां ने कुछ सम्मेलनों और बैठकों का आयोजन करके इस बात का संकेत भी दे दिया है कि वह पूरी तरह से चुनावी मोड में आ चुके हैं। हालांकि, समाजवादी पार्टी के टिकट के दावेदारों की तरह नवाब मुजाहिद ने अभी रफ्तार नहीं पकड़ी है। शायद अभी से चुनावी हाइप बनाकर वह विरोधियों और भाजपाइयों के निशाने पर नहीं आना चाहते।
हाल ही में कुछ विवाह समारोहों में सपा और कांग्रेस नेताओं का जाना हुआ था। इनमें सपा के पदाधिकारी और नवाब मुजाहिद हसन खां भी शामिल हुए। इस समारोह के दौरान सपा के टिकट के एक दावेदार के बेहद करीबी पदाधिकारी ने तो खुलकर कह दिया, ‘मुजाहिद भाई…डटे रहिये…टिकट तो आपका ही होगा…।’ सपा पदाधिकारी को भी शायद यह एहसास हो चुका है कि यह सीट कांग्रेस के हिस्से में जा सकती है। शायद यही वजह है कि समाजवादी पार्टी के टिकट के कुछ दावेदार कांग्रेस के शीर्ष नेताओं से भी संपर्क में बने हुए ताकि अगर यह सीट कांग्रेस के हिस्से में जाती है तो वह कांग्रेस से ही मैदान में उतर जाएं क्योंकि बड़ी तैयारी के बीच पीछे हटना उनके लिए शायद संभव न हो। बहरहाल, अगर कैंट विधानसभा सीट कांग्रेस के हिस्से में जाती है तो फिलहाल तो टिकट के सबसे मजबूत दावेदार नवाब मुजाहिद हसन खां ही होंगे। उनसे बड़ा मुस्लिम चेहरा बरेली महानगर में न तो कांग्रेस के पास है और न ही समाजवादी पार्टी के पास।





