झूला जितना पीछे जाता
उतना फिर आगे आता है।
सुख दुःख भी वैसा ही
बस आता जाता है।।
सुख और दुःख दोंनों का
महत्व जीवन में बराबर।
दुःख जाता तो धैर्य,विवेक
सुख,शांति ही लाता है।।
मत डरिये कि ईश्वर ने सब
को हीरे सा ही बनाया है।
वही लेकर आता उजाला
जब खुद को चमकाया है।।
संघर्ष ही तराशता आदमी
को जगाता है अंतर शक्ति।
वही छूता आसमाँ को जिसने खुद को उठाया है।।
उम्मीद की रोशनी तो प्राण
ऊर्जा जैसी होती है।
ना रहे आशा तो जिंदा की
हालत मुर्दा वैसी होती है।।
कर्म पर विश्वास और प्रभु
पर अगर हो हमारी आस्था।
निकल ही आता तब हल
राह चाहे कैसी भी होती है।।
– एसके कपूर ‘श्री हंस’